ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने हमलावरों की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान 3 फरवरी को हापुड़ में टोल प्लाजा के पास ओवैसी पर गोलियां चली थीं। हमला करने वाले सचिन शर्मा और शुभम गुर्जर थे।
इन दोनों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। इसी के खिलाफ ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जस्टिस एमआर शाह की बेंच शुक्रवार को सुनवाई करेगी।
बाल-बाल बचे थे ओवैसी
पश्चिम UP के पिलखुआ के NH-9 स्थित छिजारसी टोल प्लाजा पर 3 फरवरी को यह घटना हुई थी। ओवैसी मेरठ के किठौर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी प्रचार करने के बाद दिल्ली के लिए लौट रहे थे। हमलावरों ने चार राउंड फायरिंग की थी। दो बुलेट लगने से ओवैसी की कार के निचले हिस्से में छेद हो गया था। ओवैसी बाल-बाल बच गए थे।
पुलिस ने एक आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया था, जबकि दूसरे आरोपी ने सरेंडर किया था। जमानत मिलने के बाद जब दोनों अपने गांव पहुंचे थे, तो उनका जोरदार स्वागत हुआ था।
हमले के बाद मिली थी Z सिक्योरिटी
हापुड़ में हुए हमले के बाद ओवैसी को Z सिक्योरिटी दी गई थी। हालांकि उन्होंने संसद में कहा था कि मुझे जेड सिक्योरिटी नहीं चाहिए। मैं मौत से नहीं डरता। हम सभी को एक दिन दुनिया से जाना है। मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए, देश का गरीब सुरक्षित होना चाहिए। यूपी की जनता गोली चलाने वालों को बुलेट का जवाब बैलेट से देगी।
AIMIM चीफ असदुद्दीन औवेसी पर हुए हमले की परतें खुलनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ओवैसी के ट्वीट में एक पिस्टल मौके पर गिरी दिखाई गई थी, जबकि पुलिस ने रिकॉर्ड में लिखा था कि दोनों हमलावरों से पिस्टल बरामद की गई। ऐसे में संदेह का लाभ हमलावरों को मिलना तय था। हमले की पूरी कहानी में 6 झूठ तो एकदम साफ दिख रहे थे।