UP में ‘फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट’ का होगा गठन:CM योगी बोले- CBCID और एंटी करप्शन आर्गनाइजेशन की बनेंगी प्रोफेशनल जांच एजेंसी

लखनऊ में सीएम योगी ने शुक्रवार को एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन, CBCID,अग्निशमन विभाग के कार्यों को लेकर समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ एंटी करप्शन आर्गनाइजेशन की कार्यप्रणाली में बड़े बदलाव और सुधार की जरूरत है। तकनीक के इस्तेमाल से कार्रवाई को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की कोशिश होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपी में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट का गठन किया जाना जरूरी है। वहीं, मुख्यमंत्री ने जांच एजेंसियों को लंबे समय से पेंडिंग मामलों की जांच तय समय से पूरी करने के निर्देश दिए है।

प्रोफेशनल जांच एजेंसी बनेगी CBCID और एंटी करप्शन आर्गनाइजेशन’

CM योगी ने समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश की जांच एजेंसी CBCID और एंटी करप्शन आर्गनाइजेशन के काम के तरीकों में बदलाव करना चाहिए। इसे डायल 112 से इंटीग्रेट किया जाना जरूरी है। जांच और विवेचना के डॉक्यूमेंट का डिजिटाइजेशन कराया जाए। इतना ही नही प्रोफेशनल एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए इन ऑर्गेनाइजेशन के अधिकारियों की ट्रेनिंग कराई जानी चाहिए। CBCID को देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI और अन्य एजेंसियों से बेहतर तालमेल बनाए रखना चाहिए।

‘UP में जल्द होगा फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट का गठन’

आर्थिक अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट का गठन किया जाना ज़रुरी है। सीएम ने कहा कि हर यूनिट में SPO की नियुक्ति होनी चाहिए। बिग डाटा और फाइनेंशियल डेटा एनालिसिस के लिए यूनिट और मुख्यालय स्तर पर टेक्निकल यूनिट गठित की जानी चाहिए।

कार्मिकों की पदोन्नति के लिए उनकी कार्यकुशलता को आधार बनाएं। हर एक कार्मिक की रेटिंग की जाए। उनकी दक्षता और कुशलता का परीक्षण किया जाना चाहिए। ऑर्गेनाइजेशन की जांच और विवेचना की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया जाना चाहिए।

‘बड़े मामलों की जांच CBCID को सौंपा जाए”

सीएम ने कहा कि CBCID के पास योग्य और दक्ष अधिकारी व कर्मचारी हैं। ऐसे में इस यूनिट की उपयोगिता को बढ़ाने के प्रयास हों। मेरिट के आधार पर ज्यादा से ज्यादा मामले CBCID को दिए जाने चाहिए। CBCID के समक्ष लंबित सभी प्रकरणों का समयबद्ध रूप से निस्तारित कराया जाए।

इसे CCTNS से जोड़ने पर विचार करें। साथ ही सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार से जुंडे लंबित मामलों की विभागीय स्तर पर समीक्षा की जाए। न्यायालयों में विचाराधीन मामलों की भी गहन समीक्षा की जाए। CBCID एक महत्वपूर्ण जांच इकाई है। इसे देश की बेहतरीन जांच एजेंसियों में स्थान दिलाने के लिए हमें आवश्यक सुधार करना होगा। सांगठनिक बदलाव हों या तकनीकी अपग्रेडेशन हर क्षेत्र में व्यापक सुधार की कार्ययोजना तैयार करें।

‘अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ तेज हो कार्रवाई’

सीएम योगी ने अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 27 विशेष न्यायालय हैं। यह सभी केवल 05 स्थानों पर स्थापित होने के कारण विवेचना के दौरान माल अभियुक्त पैरवी आदि के कार्यों में अत्यधिक समय लगता है। इन 27 न्यायालयों को मंडल स्तर पर क्रियाशील किया जाना उचित होगा। इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए।

‘तकनीक की मदद से अग्निशमन दस्तों के रिस्पॉन्स टाइम को करें कम’

सीएम ने कहा कि जीवन अमूल्य है। किसी दुर्घटना में एक भी व्यक्ति की असमय मृत्यु दुःखद है और यह समाज की क्षति है। ऐसे में हमें सुरक्षा मानकों के प्रति जीरो टॉलरेंस के साथ सतर्क रहना होगा। प्रदेश के सभी जिलों में औद्योगिक इकाइयों, स्कूलों, बहुमंजिला इमारतों, अस्पतालों, होटलों की फ़ायर् ऑडिट कराई जाए।

आपात परिस्थितियों में अग्निशमन विभाग का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। हमारे अग्निशमन दस्तों की सराहनीय भूमिका है। हमारी टीम को 24×7 अलर्ट मोड में रहना होगा। भवनों के एनओसी जारी करने के प्रकरण अनावश्यक लंबित न रखे जाएं। एक समय सीमा के भीतर परीक्षण करते हुए एनओसी जारी किए जाएं। मानक का कड़ाई से अनुपालन होना चाहिए। मानक विहीन भवनों को कतई एनओसी जारी न की जाए।

अग्निशमन विभाग को लेकर सीएम के निर्देश

  • वर्तमान में प्रदेश के 299 तहसीलों में अग्निशमन केंद्र क्रियाशील हैं। जिन 68 तहसीलों में अग्निशमन केन्द्र नहीं हैं, वहां भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए केंद्र स्थापना कराई जाए। निर्माणाधीन अग्निशमन केंद्रों का कार्य जल्द से जल्द पूरा करा लिया जाए। तहसीलों के बाद अगले चरण में हर थाने स्तर पर अग्निशमन केंद्र स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करें।
  • अग्निशमन विभाग में प्रशिक्षित और योग्य कार्मिकों की तैनाती की जानी चाहिए। किसी भी केंद्र पर मानव संसाधन और उपकरणों का अभाव न हो। सभी श्रेणियों के जो भी पद रिक्त हों, उन पर चयन की प्रक्रिया यथासंभव शीघ्रता से पूरी की जाए। बहुमंजिला भवनों में बेहतर राहत एवं बचाव कार्य के लिए जरूरी उपकरणों की खरीद की जानी चाहिए।
  • फ़ायर सेफ्टी के लिए आम जन को जागरूक करना होगा। लोगों को अग्निशमन उपकरणों के प्रयोग के बारे में विधिवत जानकारी दी जाए। स्कूलों में बच्चों को आग लगने की परिस्थितियों में बचाव के तौर-तरीकों के बारे में बताया जाना चाहिए। स्कूली पाठ्यक्रम में इस विषय को शामिल करना चाहिए।
  • प्रदेश में सभी एनओसी को निवेश मित्र पोर्टल एवं फ़ायर सर्विस पोर्टल के माध्यम से प्राप्त करने की सुविधा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के संकल्प के क्रम में यह अच्छा प्रयास है। तकनीक की मदद से जिला स्तर पर हमें ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे हर भवन के अग्निशमन उपकरणों के पुनर्परीक्षण, वैधता तिथि आदि की जानकारी भी ऑनलाइन ही उपलब्ध हो सके।
  • आग लगने की सूचना मिलने पर अग्निशमन दस्तों के घटनास्थल पर पहुंचने के रिस्पॉन्स टाइम को और कम करने के लिए ठोस प्रयास किया जाए।