अप्रवासियों को अपने देशों में नो एंट्री का मुद्दा यूरोपीय यूनियन (EU) के 27 में से 13 देशों में उठ रहा है। यहां राष्ट्रवादी पार्टियों का दबदबा है। मुस्लिम देशों से आने वाले अप्रवासियों के विरोध का मुद्दा सबसे ज्यादा मुखर होकर आया है। आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच साल के दौरान EU के देशों की राष्ट्रवादी पार्टियों के वोट शेयर में 55 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।
हंगरी, स्वीडन और इटली में राष्ट्रवादी पार्टियों की सरकारें हैं। इन देशों की राष्ट्रवादी पार्टियां सेकंड वर्ल्ड वॉर के राष्ट्रवादी नायकों से प्रेरणा ले रही हैं। यहां के लोग अपनी राष्ट्रीय पहचान के प्रति और सजग हो रहे हैं। यूरोपीय यूनियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनुसार राष्ट्रवादी पार्टियां जिस प्रकार से अपना वोट शेयर बढ़ा रही हैं उससे लगता है कि पश्चिमी यूरोप के विकसित देशों में भी इन पार्टियों को बढ़त मिलने के आसार हैं। यहां भी राष्ट्रवादी सरकारों का गठन हो सकता है।
क्यों बढ़ा है अप्रवासियों का विरोध
- EU के विकसित देशों में आने वाले अवैध मुस्लिम प्रवासियों के कारण क्राइम रेट बढ़ा है। स्वीडन में पिछले 5 साल के दौरान 60% तक क्राइम रेट बढ़ा है।
- अप्रवासियों की घनी आबादी में बस जाने के कारण कई देशों में धार्मिक और सामाजिक संतुलन भी देखने को मिला है। फ्रांस के कई शहरों में संघर्ष की घटनाएं आईं।
महंगाई से परेशान लोगों को राहत दे रही हैं राष्ट्रवादी पार्टियों की सरकारें
- EU के देशों में महंगाई की दर पिछले 20 सालों के दौरान रिकॉर्ड स्तर पर है। मुख्यधारा की पार्टियां इस पर काबू पाने में विफल साबित हो रही हैं।
- राष्ट्रवादी पार्टियों की सरकार वाले देशों में महंगाई की दरें EU के अन्य देशों से कम है। इससे लोगों में संतोष व्याप्त है।
- ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी से प्रेरणा लेते हैं, उन्हीं की नीतियां लागू करते हैं
EU की राष्ट्रवादी पार्टियों के नेता अमेरिका की ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी से प्रेरणा लेते हैं। ट्रम्प की नीतियों को ही लागू भी करते हैं। ट्रम्प ने हंगरी के राष्ट्रवादी नेता विक्तोर ओर्बन को यूरोप का स्टार बताया था। पोलैंड के राष्ट्रवादी रुझान वाले राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा भी ट्रम्प के समर्थक हैं।