PFI सदस्यों को सैन्य विंग की तरह ट्रेनिंग दी थी:सदस्यों से पूछताछ में खुलासा, आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की थी रणनीति

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI) पर जहां प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं जांच एजेंसियों और ATS को चौंकाने वाली बात मिली है। पिछले दिनों यूपी और केरल में PFI के जो सदस्य अरेस्ट किए गये हैं, उनसे पता चला कि सैन्य विंग की तरह अपने सदस्यों को हथियारों की ट्रेनिंग दे रही थी। यह ट्रेनिंग केरल में दी गई। जिसमें यूपी सहित दूसरे राज्यों के PFI से जुड़े सदस्यों को भेजा गया है।

कुख्यात चरमपंथी संगठन PFI के संगठन की तह तक जाने के लिए देश की एजेंसियां लंबे समय से काम कर रही थी। गिरफ्तार सदस्यों से पता चला है कि देश की आतंरिक सुरक्षा को खतरा पैदा करना PFI का मकसद था। जहां आतंकी घटनाओं के साथ हिंसा कराने की साजिश थी।

केरल में दी गई हथियारों की ट्रेनिंग
PFI की गतिविधियों की विभिन्न जांच एजेंसी और इसके संवर्ग से विभिन्न मामलों में पूछताछ की। जिससे एजेसियों को पता चला है कि यूपी सहित देश के कई राज्यों में PFI विरोधियों को डराने की साजिश थी। PFI ने युवाओं का इस्लामी मूल्यों, संगठन के प्रति वफादारी, स्वास्थ्य और देश विरोधी ताकतों के मानदंड के आधार पर कठोर चयन प्रकिया में अपने सदस्यों को चयनित किया। PFI ने गोपनीय ढंग से सदस्यों को हथियारों की ट्रेनिंग भी दी गई।

ट्रेनिंग देने वालों की तेजी से तलाश

यूपी में मारक दस्ते मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया, “बहुत सारे युवक PFI में शामिल हुए पिछले कुछ सालों में तनावपूर्ण कार्यक्रम में रखे गए। फिर मारक दस्ते में शामिल किए गए।

PFI युद्ध की रणनीति जैसा माहौल तैयार कर रही थी। पूर्व में यूपी में एसटीएफ और एटीएस ने सदस्यों को पकड़ने का बड़े स्तर पर काम किया। जहां PFI के हार्डकोर सदस्यों में जब अंसार उर्फ अंसाद और फिरोज को केरल से गिरफ्तार किया गया। इसे बाद यह बात पता चली। PFI के पास हथियार, गोला बारूद के साथ उच्च क्षमता वाले विस्फोटक पदार्थ शामिल है। एक अधिकारी के अनुसार अंसाद ने यह खुद कबूला था कि वह बम बनाने में निपुण है। और ब्लैक बेल्ट धारक भी है। फिरोज राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षक रहा है।

आने वाले समय में विस्फोट की थी योजना
पीएफआई को लेकर सितंबर के आखिरी सप्ताह में मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश में छापेमारी हुई। 23 सितंबर को वेस्ट यूपी से PFI के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। इनमें ऑल इंडिया इमाम काउंसिल के वेस्ट यूपी अध्यक्ष मोहम्मद शादाब अजीम कासमी को शामली से अरेस्ट किया गया। PFI मेरठ के पूर्व जिलाध्यक्ष शहजाद को भी 23 सिंतबर को अरेस्ट किया गया। शहजाद 20 दिसंबर 2019 को यूपी के कई शहरों में हिंसा करा चुका है।

17 फरवरी को स्थापना दिवस
PFI 17 फरवरी को अपना स्थापना दिवस मनाती है। इसके लिए अलग-अलग स्थानों पर गोपनीय ढंग से अपने सदस्यों को शामिल किया जाता है। प्रत्येक राज्य में 25 से 50 ऐसे प्रशिक्षक तैयार किए जा रहे थे। किसी भी स्थिति के लिए PFI के सदस्यों को हथियारों की ट्रेनिंग दे सकें। जिनके पास से नकली दस्तावेज, राष्ट्रद्रोही सामग्री, हिंदू धर्म विरोधी पुस्तकें भी बरामद की गई है।

2013 में केरल के कन्नूर में PFI प्रशिक्षण शिविर से हथियार और विस्फोटक की बरामदगी हुई थी। प्रशिक्षण शिविर से तलवार, लकड़ी की छड़ी, मानव पुतले, विदेशी करेंसी, मोबाइल और PFI पम्फलेट जब्त किए गए थे। 23 सितंबर को एटीएस ने पकड़े गये PFI के चार सदस्यों से किताबें ओर अन्य सामग्री बरामद की है। जांच एजेंसी इस समय ट्रेनिंग देने वालों की तलाश में लगी है।

23 सितंबर को पीएफआई के 4 सदस्य किये थे अरेस्ट

  • मोहम्मद शादाब अजीज कासमी शामली जिले के थानाभवन के गांव सौंटा का रहने वाला है। एटीएस के अनुसार, शादाब अजीज कासमी ऑल इंडिया इमाम काउंसिल क पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष समेत पीएफआई का मेंबर भी रहा है।
  • मुफ्ती शहजाद पुत्र मोहम्मद उमरे गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र के नेकपुर गांव का रहने वाला है। मुफ्ती शहजाद पीएफआई यूपी का एडहाक कमेटी का मेंबर भी है। मुफ्ती शहजाद 20 दिसंबर 2019 को हुई सीएए हिंसा में भी शामिल रहा।
  • शामली जिले के कैराना थाना क्षेत्र के मामोर गांव निवासी मौलाना साजिद पीएफआई से जुड़ा होने के साथ मदरसे में भी प्राचार्य भी रहा है। जिससे पास से धर्म विरोधी पुस्तकें बरामद की गईं।
  • मुजफ्फरनगर के फुगाना थाना क्षेत्र के जोगियाखेड़ा गांव के मोहम्मद इस्लाम कासमी को भी गिरफ्तार किया गया।

PFI युवाओं को विदेशी यात्रा और धर्म के नाम पर जोड़ते थे, यू-ट्यृूब पर वीडियो दिखाते थे

यूपी में पीएफआई की बी-पार्टी के तौर पर एसडीपीआई काम कर रही थी। यह जानकारी पीएफआई के सदस्य और आल इंडिया उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मो. अहमद बेग ने दूसरे दिन पुलिस कस्टडी रिमांड पर पूछताछ में दी। रविवार को सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही IB के अफसरों ने अहमद बेग से उसके नेटवर्क के बारे में घंटों पूछताछ की। उससे मिली जानकारी के हिसाब से छापेमारी भी की।

सुरक्षा एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक पीएफआई के एजेंट युवाओं को ट्रेनिंग के दौरान पैसा, विदेश यात्रा और धर्म के नाम पर खुद से जोड़ते थे। उनको धार्मिक कैंप में PFI से जुड़ने पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताने के साथ उससे जुड़े लोगों की सुविधाओं की फोटो दिखाते। साथ ही यू-ट्यूब पर वीडियो भी दिखाते थे। साथ ही यू-टयूब से संगठन के लोगों के धर्म के नाम पर भड़काने वाले वीडियो दिखाकर युवा का ब्रेनवॉश किया जाता था। इस बात की पुष्टि अहमद बेग ने रिमांड पर हुई पूछताछ में भी की।

साथियों के विषय में नहीं बोला बेग, खुफिया अलर्ट
IB के अधिकारियों ने उससे कई तरीकों से पूछताछ की, लेकिन अहमद बेग ने विदेशों और जेल में बंद अपने साथियों के विषय में कुछ भी नहीं बोला। उसने सिर्फ PFI के यूपी प्रदेश अध्यक्ष वसीम से 2-3 बार मिलने और फोन पर बात करने की बात कबूल की। बेग से मिली जानकारी के बाद IB ने उससे नेटवर्क से जुड़े लोगों के विषय में जानकारी जुटानी शुरू कर दी। वहीं यूपी की खुफिया भी अलर्ट मोड पर आ गई।

यूपी में पीएफआई के कई स्थानीय संगठन कर रहे काम
सुरक्षा एजेंसियों ने 5 दिन पर रिमांड पर आए आल इंडिया उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मो. अहमद बेग ने बताया कि पीएफआई का स्थानीय लेवल पर भी नेटवर्क देश के हर प्रमुख इलाकों तक पहुंच चुका है।