हरियाणा कांग्रेस गुटबाजी से घबराई:आदमपुर उपचुनाव से पहले संगठन नहीं बनाएंगे; 8 साल से अध्यक्ष भरोसे चल रही पार्टी

हरियाणा में पार्टी संगठन बनने का इंतजार कर रहे कांग्रेसियों को अभी ओर इंतजार करना पड़ेगा। आदमपुर उप चुनाव के कारण हरियाणा कांग्रेस के संगठन की सूची एक बार फिर से लटक गई है। आदमपुर उप चुनाव से पहले सूची जारी करने पर पार्टी में बगावत और गुटबाजी की आशंका है। इसलिए प्रदेश कांग्रेस अब सूची को उप चुनाव के बाद ही जारी करेगी।

हरियाणा कांग्रेस में कुमारी सैलजा, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और हुड्‌डा गुट है। हालांकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव और आदमपुर उप चुनाव की व्यस्तता के कारण संगठन की सूची जारी नहीं की जा रही। 8 साल से हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष के भरोसे ही चल रही है।

8 साल से नहीं है संगठन
हरियाणा कांग्रेस में 8 साल से संगठन नहीं बन पाया। सीएम पद पर रहते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा का तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर और कुमारी सैलजा के साथ अनबन रहने के कारण कांग्रेस का संगठन खड़ा नहीं हो पाया। हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान का कहना है कि चुनाव से पहले सूची जारी करना मुश्किल है। क्योंकि हम सभी चुनाव की तैयारियों में लगेंगे। हमारा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी हो रहा है, इसलिए सूची जारी नहीं की जाएगी। पार्टी पदाधिकारियों की ड्युटी लगाने के लिए हमने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में मीटिंग बुलाई है।

180 ब्लॉक और 33 जिलाध्यक्ष बनेंगे
प्रदेश में 22 जिले हैं। परंतु हरियाणा में कई बड़े जिलों में एक से अधिक जिलाध्यक्ष होंगे। शहरी और ग्रामीण जिलाध्यक्ष अलग अलग होंगे। अंबाला जिले में तीन जिलाध्यक्ष होंगे। इसी प्रकार से 180 ब्लॉक के प्रधान बनाए जाने हैं। करीब इतने ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी बनाए जाने हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष संगठन पदाधिकारियों के नाम तय करके सूची हाईकमान को सौंप चुके हैं।

अशोक तंवर और कुमारी सैलजा दे गए थे इस्तीफा
हरियाणा में अशोक तंवर फरवरी 2014 में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बने। तब तंवर सिरसा संसदीय सीट से कांग्रेस के सांसद थे। तंवर से पहले साढ़े 6 साल फूलचंद मुलाना प्रदेशाध्यक्ष रहे, जो कि हुड्‌डा के खास थे। तंवर के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा के साथ खींचतान रही। इसलिए तंवर संगठन नहीं खड़ा कर सकें। साल 2016 में दिल्ली में कांग्रेस रैली में हुड्‌डा समर्थकों की तंवर के साथ झड़प हो गई। इसके बाद साल 2019 विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण से नाराज तंवर ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कुमारी सैलजा को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया।

मीटिंग में नहीं आते थे हुड्‌डा समर्थक विधायक
कुमारी सैलजा की बुलाई मीटिंग में न तो कभी भूपेंद्र हुड्‌डा गए और न ही कांग्रेसी विधायक। कांग्रेस के 31 विधायकों में से करीब 25 विधायक हुड्‌डा खेमे के ही थे। कुमारी सैलजा ने 9 अप्रैल को अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को सौंप दिया। इस्तीफे की वजह कांग्रेस संगठन न खड़ा करने और खुलकर पार्टी के लिए काम न करना रहा। कुमारी सैलजा कई मौके पर संगठन न खड़ा करने का दर्द कार्यकर्ताओं के समक्ष जाहिर कर चुकी है।

प्रदेशाध्यक्ष का पद न मिलने पर कुलदीप ने दिया था इस्तीफा
कुलदीप कांग्रेस की टिकट पर आदमपुर विधानसभा लड़े और जीते।कुमारी सैलजा के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद से कुलदीप यह पद हासिल करना चाहते थे। परंतु पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा दलित नेता उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाने में सफल रहे। नाराज कुलदीप ने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा, परंतु नहीं मिला।

तब कुलदीप ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन को वोट नहीं दी। इस पर कांग्रेस ने उन्हें वर्किंग कमेटी के पद से हटा दिया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक पद से 3 अगस्त 2022 को इस्तीफा दिया। 4 अगस्त को भाजपा में शामिल हो गए।