झांसी के ग्वालियर रोड स्थित वीरांगना झलकारी बाई राजकीय महिला पॉलिटेक्निक के हॉस्टल में बाहरी लोगों ने हुड़दंगबाजी की। इसके बाद हॉस्टल की सभी 63 छात्राएं हॉस्टल छोड़कर घर चली गईं। जब पड़ताल की तो सामने आया कि कॉलेज और हॉस्टल के हालत फिल्मी भूत बंगला की तरह हैं।
यहां के हालत देखकर पहले ही कोई रुकना पसंद नहीं करेगा। हॉस्टल के चारों ओर बड़ी-बड़ी झाड़ियां खड़ी हैं। जिस हॉस्टल में घटना हुई, वहां के मुख्य गेट पर कई सालों से कंडम गाड़ी खड़ी हुई है। जिस पर धूल की मोटी परत जमी है। यहां के मंजर बहुत ही खराब हैं।
अंदर CCTV, बाहर कोई सुरक्षा नहीं
छात्राओं के हॉस्टल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कॉलेज की बाउंड्री है, लेकिन हॉस्टल की कोई बाउंड्री नहीं है। न ही रात में यहां कोई सुरक्षा गार्ड रहता है। हॉस्टल के अंदर CCTV कैमरे लगे हैं, लेकिन बाहर नहीं है। बाहर कौन आ रहा है, इसका कोई रिकॉर्ड भी नहीं रहता। हॉस्टल से करीब 150 मीटर दूर मुख्य गेट पर PRD जवान तैनात रहते हैं। इसके अलावा हॉस्टल में कोई सिक्योरिटी नहीं है।
छात्राएं बोलीं- यहां हम सुरक्षित नहीं
कॉलेज के हॉस्टल के आसपास बड़ी-बड़ी झाड़ियां लगी हैं। पूरा कॉलेज वीरान पड़ा है। हॉस्टल तक जाने वाली सड़कें भी टूटकर कच्ची हाे गई हैं। साफ सफाई के बिल्कुल इंतजाम नहीं हैं। जो छात्राएं हॉस्टल छोड़कर जा रही थीं, भास्कर ने उनसे बात की तो सभी का एक ही जवाब था कि वे यहां सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए हॉस्टल छोड़कर फिलहाल घर जा रही है। आगे का निर्णय परिजनों से पूछकर लिया जाएगा।
बाहरी लोग आधी रात को अंदर घुसे, खिड़कियां बजाई
मंगलवार को छात्राएं हॉस्टल में थीं। लाइट बंद थी, अचानक किसी ने लाइट जलाई। फिर छात्राओं को परछाई दिखाई दी और छत पर दौड़ने की आवाज आई। छात्राएं कुछ समझ पाती कि रूम नंबर 22 की खिड़कियां नॉक हुई। इससे छात्राएं घबरा गई। छात्राओं का कहना है कि बाहरी लोग हॉस्टल में घुस आए थे। सूचना पर रात को पुलिस और कॉलेज प्रबंधन मौके पर पहुंचा। कॉलेज के प्रिंसिपल एलएस यादव का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। बारिश से झाड़ियां हो गई है, जल्द ही उनको साफ कराया जाएगा।
रूम नंबर 22 की खिड़कियां बजाई
झांसी में ग्वालियर रोड पर महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज है। यहां पर एक हॉस्टल में फस्ट ईयर, सेकेंड ईयर और थर्ड ईयर की करीब 63 छात्राएं रह रही थीं। जिस ब्लॉक में घटना हुई, वहां पर फस्ट ईयर की छात्राएं रहती हैं।
एक छात्रा पुष्पांजलि ने बताया कि रात करीब 12 बजे की घटना है। हॉस्टल की लाइट बंद थी। बाहर के लोग हॉस्टल में घुस आए और लाइट जलाई। उसके परछाई दिखाई दी तो हम लोग डर गए। इतने में ही रूम नंबर 22 की खिड़कियां बजाई गई। फिर छत पर दौड़ने की आवाज सुनाई दी। इसके बाद छात्राएं सहम गई। छात्रा अंशिका कुशवाहा और श्रुति ने बताया कि हम लोग फस्ट ईयर में पढ़ते हैं, कुछ दिन पहले ही हॉस्टल में आए थे। ये घटना पहली बार हुई है।
हॉस्टल आने वालों का गेट पास बनाया जा रहा
कॉलेज के हॉस्टल अधिकारी विवेक कुमार का कहना है कि मुझे छात्राओं ने बताया कि रात को हॉस्टल में कुछ आहट हुई है। हालांकि छात्राओं ने किसी को देखा नहीं है। छात्राओं से एप्लिकेशन लेकर उनके घरवालों से बात कर रहे हैं। हॉस्टल आने वालों का गेट पास बनाया जा रहा है। सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
रूम नंबर 22 की खिड़कियां बजाई
झांसी में ग्वालियर रोड पर महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज है। यहां पर एक हॉस्टल में फस्ट ईयर, सेकेंड ईयर और थर्ड ईयर की करीब 63 छात्राएं रह रही थीं। जिस ब्लॉक में घटना हुई, वहां पर फस्ट ईयर की छात्राएं रहती हैं।
एक छात्रा पुष्पांजलि ने बताया कि रात करीब 12 बजे की घटना है। हॉस्टल की लाइट बंद थी। बाहर के लोग हॉस्टल में घुस आए और लाइट जलाई। उसके परछाई दिखाई दी तो हम लोग डर गए। इतने में ही रूम नंबर 22 की खिड़कियां बजाई गई। फिर छत पर दौड़ने की आवाज सुनाई दी। इसके बाद छात्राएं सहम गई। छात्रा अंशिका कुशवाहा और श्रुति ने बताया कि हम लोग फस्ट ईयर में पढ़ते हैं, कुछ दिन पहले ही हॉस्टल में आए थे। ये घटना पहली बार हुई है।
हॉस्टल आने वालों का गेट पास बनाया जा रहा
कॉलेज के हॉस्टल अधिकारी विवेक कुमार का कहना है कि मुझे छात्राओं ने बताया कि रात को हॉस्टल में कुछ आहट हुई है। हालांकि छात्राओं ने किसी को देखा नहीं है। छात्राओं से एप्लिकेशन लेकर उनके घरवालों से बात कर रहे हैं। हॉस्टल आने वालों का गेट पास बनाया जा रहा है। सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।