लेखक: एंजेला हौप्ट
स्मार्टफोन कब जरूरत से आदत बन गया, हमें पता भी नहीं चला। हम जहां कहीं भी हों, अकेले या भीड़ में, स्मार्टफोन से घिरे हुए हैं। ये हमें बीमार बना रहे हैं। मानसिक भी और शारीरिक तौर पर भी। स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल हमें थका रहा है। डिप्रेशन और चिंता की वजह बन रहा है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि हमें हमारे ही स्मार्टफोन से दूर रखने के लिए कंपनियां खुल गई हैं। ऐसे डिवाइस बन रहे हैं, जो हमें फोन से दूर रखने में मदद करते हैं।
अमेरिका में मोबाइल बैग काफी पॉपुलर
ऐसी ही एक कंपनी योंडर है। यह ऐसा मोबाइल बैग बनाती है, जिसमें मोबाइल रखकर निश्चित समय के लिए लॉक किया जा सकता है। किसी कॉन्फ्रेंस या कॉन्सर्ट, स्कूल-कॉलेज, मीटिंग या फिर परिवार और दोस्तों के साथ समय गुजारने के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है। क्रिएटिव काम करने वाले लोगों, जैसे लेखक, संगीतकार, शिक्षक आदि के लिए मोबाइल से दूरी बनाना और ज्यादा जरूरी है। वे भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
अमेरिका में यह बैग काफी लोकप्रिय हो रहा है। कंपनी के संस्थापक ग्राहम डुगोनी कहते हैं कि इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को शुरू-शुरू में नेटवर्क से दूर होने में मुश्किल महसूस होती थी। लेकिन फिर मोबाइल से आजाद होकर किसी संगीत समारोह, फिल्में देखने में ज्यादा मजा आने लगा। ऐसी जगहें जहां कोई भी मोबाइल का इस्तेमाल न कर रहा हो, लोगों को जोड़ती हैं। लोगों ने बताया कि मोबाइल से कुछ देर के लिए ही दूर रहकर उन्होंने खुद को तरोताजा महसूस किया।
स्मार्टफोन फोकस और नींद का दुश्मन
दरअसल, योंडर जैसी कंपनियों का खुलना ही अपने आप में यह बताता है कि हम मोबाइल के नशे की गिरफ्त में आ गए हैं। एनवाईयू स्टर्न स्कूल के प्रोफेसर अदम अल्टर कहते हैं- हमारा स्मार्टफोन हमें कहीं ध्यान केंद्रित नहीं करने देता। सड़कों पर चलने या गाड़ी चलाने के दौरान हमें खतरनाक तौर पर लापरवाह बनाता है।
मैकगिल यूनिवर्सिटी के जे ऑल्सन कहते हैं- स्मार्टफोन एकाग्रता का सबसे बड़ा दुश्मन है। यह अनिद्रा के साथ-साथ हमें कम सामाजिक बनाता है। इससे बच्चों और किशोरों में मोटापा बढ़ता है क्योंकि वे बिना भूख के भी खाते हैं। नए अध्ययनों से पता चला है कि मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ा रहा है।
छोटे बदलाव जो स्मार्टफोन की लत से बचा सकते हैं…
- सबसे पहले अपने मोबाइल के सारे नोटिफिकेशन बंद कर दें।
- सोते या फिर काम करते वक्त जब संभव हो मोबाइल दूर रखें।
- सोशल मीडिया ऐप्स का इस्तेमाल मोबाइल की बजाय लैपटॉप में करें।
- फेस अनलॉक या फिंगर लॉक के बजाय लंबा पासवर्ड डालें।
- स्मार्टफोन पर जो काम करने हैं उनकी लिस्ट बना लें, काम खत्म करने के बाद फोन को रख दें।
- फोन की स्क्रीन को ग्रे स्केल में सेट कर देंगे तो हम सूचनाओं को लेकर बहुत ज्यादा आकर्षित नहीं हो पाएंगे।
- स्मार्टफोन लॉन्च होते ही खरीदने की रेस में न पड़ें। पुराने फोन में ज्यादा ऐप नहीं आ पाते, इससे भी रुचि घटती है।