नोएडा में बनेगा प्रदेश का पहला एनवायरमेंट सेल:3 एक्सपर्ट की टीम करेगी ऑडिट, एनओसी और क्लीयरेंस की शर्तों के उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना

नोएडा के पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्राधिकरण एनवायरमेंट सेल बनाने जा रहा है। इसमें तीन एक्सपर्ट की टीम होगी। ये नोएडा में (Integrated water resource management) का निरीक्षण और ऑडिट करेंगी। इसमें वेस्ट वाटर, फ्रेश वाटर, ग्राउंड वाटर और एसटीपी से ट्रिटेड वाटर मैनेजमेंट से संबंधित सभी पर्यावरण मंजूरी (ईसी) की जांच शामिल होगी। बिना इसकी जांच रिपोर्ट के सीसी जारी नहीं किया जाएगा।

प्रदेश में पहली अथॉरिटी होगी, जिसका अपना एनवायरमेंटल सेल होगा। यह सेल ग्रांउड वाटर निकासी, सीवरेज, प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण एक्ट के अनुपालन में दी जाने वाली अनुमतियों की भी जांच करेगी। प्राधिकरण ने बताया कि आगामी एक महीने में एक्सपर्ट का पैनल तैयार कर सेल का गठन कर दिया जाएगा। इसे एक साल तक चलाया जाएगा। यदि ये मानकों पर खरा उतरता है जो एक्स्टेंड किया जाएगा।

एक्सपर्ट सेल उन सभी प्रोजेक्ट साइट का दौरा करेगी जिनके निर्माण से पहले राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) क्लीयरेंस देता है। इसकी जांच और ऑडिट भी कर सकती है। यही नहीं सेल नोएडा में एसटीपी के कामकाज पर मासिक रिपोर्ट पेश करेगा। इसकी रिपोर्ट हर महीने डीजीएम स्तर के अधिकारी को देनी होगी।

पानी के नमूनों की जांच का अधिकार
सेल ट्रीटेड वाटर के नमूनों को एकत्रित कर जांच के लिए भी जिम्मेदार होगा। प्रत्येक छह महीने में सोर्स और डेस्टिनेशन की सैंपल परीक्षण के लिए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को भेजेगा। अधिकारियों ने कहा कि पर्यावरण एनओसी और क्लीयरेंस की शर्तों के उल्लंघन के मामले में सेल जुर्माना भी लगा सकता है।

NGT की गाइड लाइन के अनुसार करेगा काम
एनवारमेंटल सेल को हर महीने नोएडा में काम करने वाले एसटीपी की रिपोर्ट देनी होगी कि वह सही से काम कर रहे है या नहीं। नोएडा की ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में लगे एसटीपी सही ढंग से काम कर रहे है अथवा नहीं इसकी जांच और नोटिस जारी करने का अधिकार भी इनके पास होगा। बता दें, यहां बिना एसटीपी क्लियरेंस के अधिभोग प्रमाण पत्र यानी सीसी जारी नहीं किया जाता है।

नोएडा में बना पहला टर्शरी वाटर प्लांट
प्रदेश के पहले और सबसे बड़ा टर्शरी ट्रीटमेंट वाटर (टीटी वाटर) प्लांट का निर्माण पूरा हो गया है। इसका फायदा शहर के 91 सेक्टर और 33 गांव के 10 लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा। ये प्लांट सिक्वेंसियल बैच रियेक्ट (एसबीआर) तकनीक से बनाए गए है।

इससे 100 एमएलडी सिवरेज पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के निर्माण में 143.58 करोड़ रुपए खर्च हुए है। इसके अलावा सेक्टर-50, सेक्टर-54, सेक्टर-123, सेक्टर-168 में बने एसटीपी बने है। वर्तमान में 174 एमएलडी पानी को ट्रीट किया जा रहा है।