2 साल बाद सर्राफा बाजार में लौटी रोनक:कोलकाता में 3डी प्रिंटिंग से बन रहे गहने, त्रिशूर के ज्वेलरी मार्केट में 30% बढ़ी बिक्री

सोना नंदी/केए शाजी

कोलकाता गहनों के निर्माण का देश का सबसे बड़ा बाजार है। यहां दो साल बाद रौनक लौटी है। इस बार गहनों के नए डिजाइन तो हैं ही, इन्हें बनाने के आधुनिक तकनीक भी पहले के मुकाबले ज्यादा चलन में आ गई हैं। डिमांड पिछले साल के मुकाबले 20% तक बढ़ी हुई है, इसलिए सप्लाई दुरुस्त रखने के लिए 3-डी प्रिंटिंग और लेजर कटिंग की तकनीक के जरिए हल्के गहने बनाए जाने लगे हैं।

ज्वेलर्स ने वर्चुअल ट्राई का ऑप्शन भी दे रहे
इसी साल कोलकाता के ज्वेलर्स ने वर्चुअल ट्राई का विकल्प भी देना शुरू किया है। विदेश में बैठे ग्राहक देख सकते हैं कि कौन सा गहना उन पर जंच रहा है और कौन सा नहीं। माना जा रहा है कि अक्टूबर से शुरू हुआ त्योहारी सीजन फरवरी 2023 तक चलेगा। यहां प्री-कोविड दौर में रोज ढाई टन गहने बिकते थे, लेकिन कोरोना के दौरान 40% की कमी आ गई थी।

शादियों के सीजन के चलते ब्राइडल ज्वेलरी में भी तेजी
विदेश से सोने से ज्यादा डिमांड डायमंड और प्लेटिनम की आ रही है। खासकर वे गहने जो डेली वियर के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं। अक्टूबर में त्योहारी और नवंबर में शादी सीजन की वजह से ब्राइडल ज्वेलरी की बिक्री तेज हो रही है। रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।

ओणम में बढ़ी मांग दिवाली तक रहेगी
दक्षिण भारत में आभूषणों के सबसे बड़े केंद्र त्रिशूर के बाजार आजकल सोने की तरह चमक रहे हैं। केरल में रोजाना करीब 1,000 किलो सोने की बिक्री होती है। इसमें से 700 किलो सोना अकेले त्रिशूर में बिकता है। ज्यादातर दूसरे राज्यों में जाता है। स्थानीय कारोबारी कहते हैं कि इस बार के त्योहारी सीजन में पिछले दो साल में सुस्त रहे कारोबार को रफ्तार मिली है। केरल में ओणम के चलते अगस्त से ही ज्वेलरी मार्केट में खरीदारी बढ़ने लगी थी। दशहरे तक खुदरा कारोबार में 30% की बढ़ोतरी देखी गई।

केरल में इस साल खाड़ी देशों से भी मांग बढ़ी
केरल में इस साल खाड़ी देशों जैसे सऊदी अरब, कुवैत और यूएई से भी मांग बढ़ी हुई है। पारंपरिक ग्राहकों के बीच नया सोना खरीदने की मांग बढ़ गई है। त्रिशूर में एक शीर्ष ज्वैलर्स समूह के मुख्यालय में रुटीन के काम देख रहे टीएस कल्याणरमन ने बताया- ‘पिछले दाे साल में शादी जैसे आयोजनों को छोड़ दें तो किसी भी त्योहार में लोगों ने गहनों की खरीदारी नहीं की थी। इससे बिक्री 80% तक गिर गई थी।

त्रिशूर में 2019 की तरह ही 2 लाख कामगार जुटे हुए हैं
त्रिशूर के गोल्ड मार्केट में 40,000 कर्मचारी हैं, जो रोज 700 किलो सोने को गहनों में बदलते हैं। जबकि, पूरी ज्वेलरी मार्केट में 2 लाख श्रमिक हैं। पिछले दो साल में ये आधे रह गए थे। अब फिर से यह संख्या 2 लाख हो गई है। केरल में गहनों की 6,000 दुकानें हैं।