डिफेंस एक मल्टी-डायमेंशनल फील्ड:आर्मी से लेकर रॉकेट फोर्स तक में बना सकते हैं भविष्य

कदम कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाए जा, ये जिन्दगी है कौम की, तू कौम पे लुटाए जा।

– आजाद हिन्द फौज का तेज कदम ताल गीत

करिअर फंडा में स्वागत!

मेरी टेरिटरी, मेरा जीवन

मेरे विचार से अपनी टेरिटरी या क्षेत्र की रक्षा करना शायद दुनिया का सबसे पुराना कार्य रहा है, और केवल इंसान ही नहीं, शेर से लेकर वानर तक कई स्पीशीज अपने क्षेत्र की रक्षा करने के लिए जान की बाजी लगा देती हैं।

अपने क्षेत्र पर बाहरी लोगो के नियंत्रण का संकट होने पर पूरे समाज से उसकी रक्षा का आह्वान किया जाता था और सेनाएं बनाई जाती थीं। भारत में बाद में कुछ विशिष्ट समूह (जातियां) उसमें एक्सपर्ट हो गई और ‘क्षत्रिय’ कहलाईं, हालंकि बाकी जातियों और व्यवसायों के लोग भी युद्ध में भाग लेते रहे।

मॉडर्न वर्ल्ड में डिफेन्स

आज डिफेन्स एक मल्टी-डायमेंशनल फील्ड बन गया है जिसमें अलग-अलग क्षेत्र हैं जैसे (1) इंटेलिजेंस, (2) आर्मी, (3) नेवी, (4) एयर, (5) स्पेस, (6) साइबर, (7) रॉकेट फोर्स, (8) ड्रोन, (9) सपोर्ट, इत्यादि।

अब सेनाओं का काम केवल युद्ध लड़ना नहीं, बल्कि शांति बनाए रखना और शांतिकाल में बचाव कार्य करना भी है। भारत में ब्रिटिश काल में सेनाओं का लगभग पूरी तरह ब्रिटिशीकरण हुआ और हम मोटे-तौर पर आज भी वही सिस्टम फॉलो कर रहे हैं।

फिजिकल युद्ध लड़ने के अलावा अब टेक्नोलॉजी से लड़े जाने वाले युद्ध आ चुके हैं, जहां सैनिक नहीं मशीनें और कम्प्यूटर्स आपस में लड़ते हैं। ये एक बिलकुल नया चैप्टर है।

इंडियन डिफेन्स के आयाम

1) रक्षा सेवाओं के कई पहलू हैं। पहला विकल्प यूनिफॉर्म सर्विसेज हैं। इन्हें चार प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है, अर्थात् भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और कोस्टगार्ड।

2) इसके अलावा, रक्षा सेवाओं में अन्य करिअर विकल्प भी हैं, जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CRPF), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), NCC, सीमा सड़क संगठन (BRO), DRDO जैसे इंटरसेर्विसेस ऑर्गेनाइजेशन इत्यादि।

3) रक्षा क्षेत्र में करिअर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए उनके एजुकेशन प्रोफाइल और उनके द्वारा चुने जा रहे कमीशन (कार्यकाल) के आधार पर कई एंट्री प्वाइंट्स हैं।

तो क्या आप डिफेन्स में देश सेवा के लिए तैयार हैं? पढ़ते रहें।

कैसे ज्वाइन करें डिफेन्स

1) एंट्री पॉइंट्स को आगे दो भागों में बांटा जा सकता है: परमानेंट कमीशन और शॉर्ट सर्विस कमीशन।

2) परमानेंट कमीशन का अर्थ है सेवानिवृत्ति तक करिअर, और शॉर्ट सर्विस कमीशन का मतलब 4 साल के एक्सटेंशन के विकल्प के साथ 10 वर्षों के लिए करिअर।

3) विभिन्न पदों पर विभिन्न तरीकों से रिक्रूटमेंट किया जाता है। अकादमिक प्रोफाइल के आधार पर, भारतीय सशस्त्र बल ग्रेजुएट और अंडरग्रेजुएट उम्मीदवारों के लिए करिअर की संभावनाएं प्रदान करते हैं।

4) दोनों श्रेणियों के कैंडिडेट्स, 10+2 पास या ग्रेजुएट होने के साथ-साथ या संबंधित डिग्री प्रोग्राम के अंतिम वर्ष में, सशस्त्र बलों में अधिकारी बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

5) अंडर ग्रेजुएट एंट्रीज: राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA): लगभग 16.5 से लगभग 19.5 वर्ष की आयु के उम्मीदवार, जिन्होंने या तो 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण की है या उसमें सम्मिलित हुए हैं संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा वर्ष में दो बार आयोजित NDA प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवार प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (नेशनल डिफेन्स अकेडमी) में प्रवेश के लिए पात्र हैं जो पुणे, महाराष्ट्र में स्थित है।

6) ग्रेजुएट एंट्रीज: संयुक्त रक्षा सेवा (CDS): भारतीय सशस्त्र बलों की सेवा करने के इच्छुक ग्रेजुएट पुरुष और महिला उम्मीदवार संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा वर्ष में दो बार आयोजित CDS परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इस प्रविष्टि के माध्यम से चयनित उम्मीदवारों को (a) भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून, (b) भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला, (c) वायु सेना अकादमी, हैदराबाद और (d) ऑफिसर ट्रेनिंग अकेडमी (OTA), चेन्नई में शामिल किया जाता है। जबकि पुरुष उम्मीदवार अपनी पसंद और शैक्षिक योग्यता के अनुसार किसी भी अकादमी में शामिल होने के हकदार हैं, महिला उम्मीदवार केवल OTA चेन्नई का विकल्प चुन सकती हैं।

7) इसके अलावा उम्मीदवारों के पास ’10+2 तकनीकी प्रवेश योजना (TES)’, ’10+2 (B Tech) कैडेट प्रवेश योजना’; ‘भारतीय नौसेना 10+2 (B Tech) कैडेट प्रवेश योजना’; ‘एयर फोर्स कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (AFCAT)’, ‘टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (TGC)’, ‘भारतीय नौसेना प्रवेश परीक्षा (INET)’ इत्यादि के ऑप्शंस भी है।

महिलाओं का प्रवेश

ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और इंजीनियरिंग कार्यक्रमों में महिलाओं का प्रवेश बेहद लोकप्रिय और प्रतिस्पर्धी रहा है। चेन्नई में OTA में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, एक महिला अधिकारी अब चौदह साल तक सेवा प्रदान कर सकती है। सर्विसेज सिलेक्शन बोर्ड आवेदकों का चयन करता है। महिला अधिकारियों ने अपने पुरुष समकक्षों को हर क्षेत्र में मात दी है।

अग्निपथ योजना

ये नई योजना भारत सरकार की सशस्त्र बलों की तीनो सेवाओं, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में कमीशंड अफसर से नीचे के पदों के लिए सैनिकों की चार वर्ष के लिए भर्ती की योजना है।

1) इसके द्वारा रिक्रूट होने वाले सैनिकों को एक नया पद ‘अग्निवीर’ दिया जाएगा।

2) यह भर्ती योजना 17.5 से 21 वर्ष की आयु के महिला और पुरुष कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध है।

3) इस योजना में सरकार 6.9 लाख तक के सालाना पैकेज के साथ भारतीय सेना में 4 साल की नौकरी देती है।

4) 4 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिक पेंशन के लिए पात्र नहीं होंगे, लेकिन कार्यकाल के अंत में लगभग ₹11.71 लाख की एकमुश्त राशि प्राप्त करेंगे।

5) चार वर्ष बाद रिटायर होने 25% अग्निवीरों को परमानेंट कमीशन में आने का मौका दिया जाएगा। हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं है।

6) इस योजना से सरकार को पेंशन और अन्य बेनिफिट्स में होने वाले खर्चों से राहत मिलने की उम्मीद है।

नई योजना के नियमों से अनेक युवा बेहद निराश हुए हैं, इस कारण इस योजना का तगड़ा विरोध भी हुआ। चिंता का मुख्य कारण सेवा की कम अवधि, जल्दी रिटायर किए गए लोगों के लिए कोई पेंशन प्रावधान नहीं होना, और 17.5 से 21 वर्ष की आयु प्रतिबंध था। इन नए नियमों के कारण कई मौजूदा उम्मीदवारों को भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। कुछ मिलिट्री वेटरन्स ने इस योजना की आलोचना करते हुए कहा कि यह सशस्त्र बलों के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और ‘अग्निवर’ के कम अवधि के कार्यकाल से सशस्त्र बलों की प्रभावशीलता को नुकसान होगा।