हरियाणा में आदमपुर विधानसभा उपचुनाव और पंचायत चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम जेल से बाहर आएगा। राम रहीम की 40 दिन की पैरोल मंजूर हो गई है। पैरोल के दौरान वह यूपी के बागपत आश्रम में रहेगा। इसके अलावा राजस्थान के आश्रम का भी विकल्प खुला है। हालांकि राम रहीम सिरसा आश्रम आना चाहता था लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं हुई।
इससे पहले राम रहीम को फरवरी 2022 और जून 2022 में पैरोल मिली थी। अब तक राम रहीम को 51 दिन की छुट्टी मिल चुकी है। पहले वह गुरुग्राम के आश्रम में रहा। इसके बाद वह यूपी के बागपत में 30 दिन रहा। इस दौरान उसने अपने सत्संग के वीडियो भी जारी किए थे।
हरियाणा में आदमपुर चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए नामांकन शुरू हो चुका है। सिरसा आदमपुर के करीब ही है। जहां राम रहीम के खासे श्रद्धालु रहते हैं। पंचायत चुनाव के लिए भी घोषणा हो चुकी है। पहले चरण में 9 जिलों में पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। राम रहीम के बाहर आने को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। राम रहीम की पैरोल की अवधि के दौरान ही डेरे की पॉलिटिकल विंग समर्थन की रणनीति बनाएगी। जिसके बारे में आगे श्रद्धालुओं को सूचित किया जाएगा।
डेरा प्रमुख पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी जेल से बाहर आया था। उस वक्त डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह 21 दिन की फरलो दी गई थी। यह फरलो इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि डेरा सच्चा सौदा का मालवा की 35 से ज्यादा सीटों पर सीधा प्रभाव है। इसको लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा पर निशाने भी साधे थे।
सुनारिया जेल में बंद है राम रहीम
2017 से साधवी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख सजा काट रहा है। उसे पत्रकार छत्रपति और रणजीत हत्याकांड में भी उसे सजा हो चुकी है। राम रहीम को इसी साल पंजाब चुनाव से ठीक पहले 7 फरवरी को 21 दिन की फरलो मिली थी। इसी दौरान पूरी पटकथा लिखी गई थी। इसके बाद 27 जून को राम रहीम 30 दिन की पैरोल मिली थी और वह यूपी के बागपत आश्रम में रुका था।
राम रहीम की अब परिवार से दूरियां बढ़ गई हैं।पूरा परिवार विदेश जाकर बस गया है। राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत और चरणप्रीत पहले ही लंदन चली गई थीं। 26 सितंबर को बेटा जसमीत भी परिवार के साथ लंदन चला गया। हालांकि डेरा प्रमुख की मां नसीब कौर और पत्नी हरजीत कौर इंडिया में ही रहेंगी।
राम रहीम ने हनीप्रीत को अपनी फैमिली ID में जोड़ा है। हनीप्रीत को मुख्य शिष्या और धर्म की बेटी बताया गया है। राम रहीम ने अपनी पत्नी हरजीत कौर और मां नसीब कौर का नाम दर्ज नहीं करवाया।बागपत आश्रम में रहने के दौरान राम रहीम ने अपना आधार कार्ड भी अपडेट कराया था। जिसमें पिता के नाम के आगे शिष्य एवं गद्दीनशीन शाह सतनाम जी महाराज अंकित करवाया, जबकि पहले पिता मग्गर सिंह का नाम अंकित था।