केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह के गुढ़ा को भरतपुरी लोटा बताए जाने पर वार-पलटवार शुरू हो गया है। गहलोत सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने इस पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा- गजेंद्र सिंह शेखावत, शेखावाटी की राजनीति को नहीं समझते, अगर समझते होते तो इस तरह की बात नहीं बोलते।
गुढ़ा ने कहा कि गजेंद्र सिंह चुनाव जीत गए और मंत्री बन गए। सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखता है, उसे यह पता नहीं होता कि जेठ (ज्येष्ठ) का महीना भी आता है, जिसमें सब जल जाता है।’
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा- ‘शेखावाटी में 21 सीट हैं, जिनमें से 3 रिजर्व हैं और 18 जनरल सीट हैं, इन 18 सीटों पर आकर चुनाव लड़ लीजिए पता लग जाएगा। मैं जोधपुर आकर ही उन्हें जवाब दूंगा, हमारा आपस का लंबा-चौड़ा मामला है। गजेंद्र सिंह उम्र में बड़े हैं। इस मामले में शुरुआत उन्होंने की है तो वहां जाकर ही जवाब दूंगा।’
लिहाज करके मैंने उनके खिलाफ चुनाव प्रचार नहीं किया था
गुढ़ा ने कहा- ‘गजेंद्र सिंह ने जब जोधपुर से चुनाव लड़ा था तो मैं उनका लिहाज करके उनके खिलाफ वैभव गहलोत का प्रचार करने नहीं गया, जबकि वैभव गहलोत मेरा प्रचार करने गए थे। गजेंद्र सिंह ने इसके बावजूद इस तरह की बात कही, जो उन्हें नहीं कहनी चाहिए। मैं उन्हें बड़ा भाई मानता हूं, लेकिन उन्होंने उसका मान नहीं रखा। अब मैं भी जोधपुर जाकर ही जवाब दूंगा।’
गुढ़ा को भरतपुरी लोटा बोला था
गजेंद्र सिंह शेखावत ने 12 अक्टूबर को गुढ़ा के क्षेत्र उदयपुरवाटी में एक कार्यक्रम में कहा था कि राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा का कोई स्टैंड नहीं है। राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के परिवार के लोग भी उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते। उनके गांव के लोगों की बात तो छोड़िए। गुढ़ा की हालत तो अब यह हो गई है कि कब, कहां और किसके साथ होंगे, कोई नहीं बता सकता। वे भरतपुर के बिना पेंदे के लोटे की तरह हैं। कभी भी, किधर भी लुढ़क सकते हैं। गुढ़ा कब किसके पास चले जाएं पता नहीं है, वे बिन पेंदे के भरतपुरी लोटे जैसे हैं।
सीएम गहलोत के युवाओं को सब्र करने वाले बयान पर गुढ़ा ने पलटवार किया है। मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि सचिन पायलट की उम्र में गहलोत मुख्यमंत्री बन गए थे। उनके जमाने में परसराम मदेरणा, नवलकिशोर शर्मा सहित 20 से 30 नेताओं को साइडलाइन करके एक लाइन के प्रस्ताव से सीएम बनाया गया था। गहलोत पहली बार सीएम बने तो काम भी अच्छा किया, क्योंकि नौजवान थे तो काम अच्छा किया।