अतीक अहमद ने कहा- योगी बहादुर और ईमानदार मुख्यमंत्री:पुलिस वैन से हंसते हुए उतरा; बसपा MLA राजू पाल हत्याकांड में आरोप तय होने हैं

बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को गुरुवार को लखनऊ के एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया गया। अतीक अहमद हंसते हुए पुलिस वैन से नीचे उतरा। उसने हाथ हिलाकर अपने समर्थकों का अभिवादन किया। मीडिया से बातचीत में अतीक ने कहा- योगी आदित्यनाथ जी बहुत बहादुर और ईमानदार मुख्यमंत्री हैं। अच्छा काम कर रहे हैं।

प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में मुख्य आरोपी अतीक अहमद पर आरोप तय होने हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार रात अतीक अहमद को साबरमती जेल से लखनऊ जेल में शिफ्ट किया गया था। भारी सुरक्षा बल के बीच अतीक अहमद को लखनऊ कोर्ट में पेश किया गया।

आज तय होंगे आरोप
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद पर आज लखनऊ की एंटी करप्शन स्पेशल कोर्ट में आरोप तय किए जाएंगे। बीते 2 साल से गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद की कोरोना के बाद पहली पेशी है। अतीक अहमद के साथ उसका भाई अशरफ भी इसी में कोर्ट पहुंचा है।

2005 में 25 जनवरी को हुई थी हत्या
साल 2005, तारीख 25 जनवरी। एक दिन बाद देश भर में गणतंत्र दिवस मनाने के चलते पूरा शहर तिरंगे से पटा पड़ा था। इसी दिन इलाहाबाद शहर पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल दोपहर तीन बजे के करीब स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल से वापस आ रहे थे। राजू पाल अपनी क्वालिस गाड़ी से थे, जबकि दूसरी स्कार्पियो गाड़ी में ड्राइवर महेंद्र, ओमप्रकाश के साथ चार अन्य लोग थे।

क्वालिस चला रहे राजू पाल के साथ वाली सीट पर उनके दोस्त की पत्नी रुखसाना बैठी थी, जिन्हें चौफटका के पास से राजू ने गाड़ी में बैठाया था। इसके अलावा राजू के साथ संदीप यादव व देवीलाल भी गाड़ी में पीछे बैठे हुए थे। दोनों गाड़ियां सुलेमसराय जीटी रोड पर अमितदीप मोटर्स के सामने पहुंची ही थी कि एक गाड़ी राजू पाल की गाड़ी के आगे आ गई।

फिल्मी अंदाज में अचानक सामने आई गाड़ी से संभलने का मौका मिलता कि सामने का शीशा चीरते हुए एक गोली राजू पाल सीने में जा लगी। एक ही पल में पांच हथियारबंद सामने वाली गाड़ी से बाहर आए और फायरिंग शुरू कर दी।

फिल्मी स्टाइल में हुई थी गोलीबारी
तीन लोग राजू की गाड़ी पर ताबड़तोड़ गोली बरसा रहे थे, जबकि दो हमलावर पीछे वाली स्कार्पियो पर फायर झोंक रहे थे। दिनदहाड़े गोलियों की बौछार देख घटनास्थल पर मौजूद लोग बचने के लिए दूसरी तरफ भागे तो वहीं थोड़ी दूर मौजूद लोग गाड़ियों की तरफ भागे।

इतने बीच में ही हमलावर फरार हो गए। इसके बाद धूमनगंज पुलिस स्टेशन से पुलिस बल के अलावा कई अफसर मौके पर पहुंचे। राजू पाल को ऑटो में लेकर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने राजू पाल को मृत घोषित कर दिया था।

हत्या से 10 दिन पहले ही पूजा पाल से हुई थी शादी
इस हत्याकांड के पीछे की कहानी यह थी कि जब अतीक अहमद सांसद बना तो शहर पश्चिम की सीट खाली हो गई। उपचुनाव हुआ तो अतीक के भाई अशरफ को राजू पाल ने चुनाव हरा दिया था। बस यहीं से झगड़े की नींव पड़ी। हालांकि राजू पाल दो बार पहले भी जानलेवा हमला हो चुका था। बता दें कि, हत्या से 10 दिन पहले ही राजू पाल की शादी पूजा पाल से हुई थी।