यूरोप महंगाई से जूझ रहा है। यहां महंगाई की दर पिछले 11 साल के रिकॉर्ड 8.9% के स्तर पर है। महंगाई से सबसे ज्यादा त्रस्त फ्रांस है। फ्रांस में आम लोग सैलरी बढ़ाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। इनका कहना है कि मंहगाई इतनी तेज है कि सामान्य सैलरी में गुजर मुश्किल है।
इससे पहले फ्रांस में ऑयल कंपनियों के कर्मचारियों ने काम बंद कर सैलरी बढ़ाने की मांग की थी। अब ईंधन की किल्लत पैदा हो गई है। इसके बाद आम लोग भी लाखों की संख्या में सड़कों पर उतरे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
महंगाई की वजह
- कोविड की वजह से लगा लॉकडाउन। कई बिजनेस ठप्प हो गए। इससे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई।
- रूस-यूक्रेन जंग के चलते तेल और गैस की सप्लाई को नुकसान हुआ, क्योंकि रूस में तेल और गैस का बड़ा भंडार है। जंग के पहले रूस यूरोप के कई देशों को गैस और तेल भेजा करता था।