गाजियाबाद में ‘स्क्रिप्टेड गैंगरेप’ की 3 दिन की कहानी:पुलिस का दावा- 2 दिन अंडरग्राउंड रही महिला; तीसरे दिन दोस्त की कार से आई, सड़क पर खुद लेटी

गाजियाबाद में 18 अक्टूबर की तड़के साढ़े 3 बजे सड़क किनारे एक महिला बोरे में बंधी हुई मिलती है। पूछताछ में बताती है कि 5 लोगों ने रेप किया, प्राइवेट पार्ट में रॉड घुसाई और फिर हाथ-पैर बांधकर बोरे में डालकर फेंक दिया। आरोप इतने सनसनीखेज कि दिल्ली से लखनऊ तक हलचल मच गई। सोशल मीडिया पर इसकी तुलना दिल्ली के निर्भया कांड से की जाने लगी।

चौतरफा घिरी UP पुलिस ने 2 दिन में केस का वर्कआउट करने का दावा किया है। पुलिस ने इस केस के खुलासे का जो दावा किया है, वह भी घटना की तरह चौंकाने वाला है। पुलिस का कहना है कि महिला 53 लाख रुपए की प्रॉपर्टी पर कब्जा पाना चाहती थी, इसलिए जेल भिजवाने के इरादे से दूसरे पक्ष पर गैंगरेप के आरोप लगा दिए। महिला के दोस्त आजाद सहित गौरव शर्मा और अफजल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उधर पीड़िता के भाई ने पुलिस के इस खुलासे को गलत बताया है।

ऑटो से सीधे अपने फ्लैट पर गई थी महिला
पुलिस के मुताबिक, आजाद ने पूछताछ में बताया, “16 अक्टूबर की रात महिला नर्स का किडनैप नहीं हुआ था। वो भाई की बर्थडे पार्टी के बाद नंदग्राम गाजियाबाद से ऑटो पकड़कर सीधे दिल्ली में जनता फ्लैट स्थित अपने घर पर गई। उसने बच्चे अपनी बहन के घर पर छोड़ दिए थे। बहन को भी अपनी कहानी के बारे में कुछ नहीं बताया। 16, 17 और 18 अक्टूबर को महिला अपने घर में अंदर बंद रही, ताकि बाहर किसी को कुछ पता नहीं चले। 18 अक्टूबर की सुबह साढ़े तीन बजे आजाद, गौरव और अफजाल ने महिला को उसके घर से लिया। वे उसे लाल रंग की गाड़ी में बैठाकर लाए और स्क्रिप्ट के अनुसार नंदग्राम इलाके में सड़क किनारे बोरे में डालकर चले गए।”

आजाद बोला- जब वो सड़क पर पड़ी थी, तब प्राइवेट पार्ट में रॉड नहीं था
बकौल पुलिस, आजाद ने यह भी बताया कि नंदग्राम इलाके से पुलिस जब महिला को उठाकर अस्पताल ले गई, तब तक प्राइवेट पार्ट में रॉड नहीं थी। क्योंकि ये पार्ट उनकी स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं था। ये बाद में खुद महिला ने किया। खुद आजाद इस बात को मान रहा है कि महिला ने संभवत: ऐसा गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल से GTB हॉस्पिटल रेफर होने के दौरान रास्ते में किया होगा। आयरन की जो नुकीली वस्तु मिली है, पुलिस ने उसे परीक्षण के लिए फोरेंसिक लैब भेजा है।

वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने को दिए 5 हजार
गाजियाबाद पुलिस ने यह भी दावा किया कि आजाद ने घटनास्थल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कराने के लिए 5 हजार रुपए दिए। उस दिन घटनास्थल से कुछ ही दूर एक व्यक्ति खड़ा हुआ था। जब आजाद ने महिला के पड़े होने का शोर मचाया तो ये व्यक्ति और अन्य लोग वहां पर आ गए। आजाद ने इस व्यक्ति के मोबाइल से महिला की वीडियो बनवाई और सोशल मीडिया में गैंगरेप बताकर वायरल कर देने के लिए कहा। इस काम के लिए उस व्यक्ति को 5 हजार रुपए भी ऑनलाइन दिए थे। पुलिस के दावा किया कि इसका एविडेंस मिल गया है।

महिला ने ऐसा क्यों किया, अब वह पढ़िए (जैसा पुलिस ने दावा किया)

पॉवर ऑफ अटॉर्नी महिला के पास, उसे कब्जा चाहिए था
40 वर्षीय आजाद दिल्ली में वेलकम इलाके के कबीरनगर का रहने वाला है। आजाद पिछले कई साल से महिला नर्स के संपर्क में हैं। दोनों दोस्त हैं। दिल्ली के शाहदरा इलाके में जिस मकान पर विवाद है, सबसे पहले इसको आजाद ने समीना नाम की महिला से खरीदा था।

फिर आजाद ने इसकी पॉवर ऑफ अटॉर्नी दीपक जोशी और दीपक जोशी ने फरवरी-2022 में ये अटॉर्नी महिला नर्स के नाम कर दी। नर्स का कहना था कि रजिस्ट्री उसके नाम पर है, लेकिन दूसरा पक्ष कब्जा नहीं होने दे रहा। कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली में इसे लेकर वाद दायर है, जिस पर फैसला होना बाकी है।

महिला ने पहले भी लगाए हैं कई आरोप
बकौल पुलिस, महिला नर्स ने इस मकान पर काबिज होने के लिए दूसरे पक्ष पर कई बार आरोप-प्रत्यारोप लगाए, लेकिन सारे विफल हुए। आखिर महिला के दोस्त आजाद ने इस खेल में तुरुप का पत्ता फेंका। तय हुआ कि अगर नर्स महिला दूसरे पक्ष के खिलाफ गैंगरेप की FIR करा दे तो वे जेल चले जाएंगे। इसके बाद महिला और आजाद को मकान पर काबिज होने से कोई नहीं रोक सकता। आजाद ने स्क्रिप्ट लिखी थी, मगर कहानी खुल गई।

पुलिस ने GTB हॉस्पिटल में की जांच
दिल्ली के GTB हॉस्पिटल के प्रवक्ता रजत जांबा ने मीडिया को बयान दिया था कि पीड़िता के साथ सेक्सुअल असॉल्ट हुआ है। उसको बाहरी चोटें हैं। अंदरूनी चोटों का पता नहीं चल सका है। प्रवक्ता ने ये भी बताया था कि प्राइवेट पार्ट से कुछ वस्तु मिली है, जिसे पुलिस को सौंप दिया गया है।

चोटों की सच्चाई जानने के लिए गाजियाबाद पुलिस की SP क्राइम दीक्षा शर्मा खुद GTB हॉस्पिटल पहुंच गईं। सिविल सेवा में आने से पहले वे खुद MBBS डॉक्टर रही हैं। SP दीक्षा शर्मा ने हॉस्पिटल के सभी एक्सपर्ट से बातचीत की।

IG बोले- महिला पर भी कार्रवाई होगी
मेरठ रेंज के IG प्रवीण कुमार ने बताया, ”मुख्य अभियुक्त आजाद है। इसी ने गैंगरेप का षड़यंत्र रचा। इस षड़यंत्र में उसके दो सहभागी थे, जिनके नाम गौरव और अफजाल हैं। तीनों आरोपी अरेस्ट हैं। इनके विरुद्ध एक मुकदमा अलग से दर्ज किया जा रहा है। GTB हॉस्पिटल में भर्ती महिला के 164 के बयान कोर्ट में दर्ज कराए जाएंगे। झूठी कहानी में महिला के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।”

महिला के भाई ने खुलासे को बताया गलत
पुलिस के खुलासे पर ‘दैनिक भास्कर’ ने महिला के भाई से बातचीत की। उसने कहा कि पुलिस का खुलासा पूरी तरह गलत है। उसने आरोप लगाया कि आरोपी पक्ष के लोगों ने पुलिस को पैसे दिए हैं, जिसके बाद खुलासा दूसरी तरफ मोड़ दिया गया। महिला के भाई का कहना है कि आजाद उसकी बहन का दोस्त नहीं है। सिर्फ प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त के नाते ही वो आजाद को जानती है। महिला के भाई का कहना है कि इस केस में सच सामने आना चाहिए, जो अभी बाकी है।