केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को बिन पैंदे का लोटा बताने वाले बयान पर सियासी वार पलटवार जारी है। मंत्री गुढ़ा के बाद अब उनके बेटे शिवम गुढ़ा ने गजेंद्र सिंह पर हमला बोला है। शिवम गुढ़ा ने गजेंद्र सिंह को उदयपुरवाटी से जवाब देते हुए आठ मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है। जिस अंदाज में गजेंद्र सिंह को निशाने पर लेते हुए चैलेंज किया है। उसकी खूब चर्चा हो रही है।
शिवम गुढ़ा ने कहा- गजेंद्र सिंह जिस लोकसभा सीट जोधपुर से जीतकर आते हैं, वहां पांच लाख वोट राजपूत समाज के हैं। जिस दिन कोई राजपूत कैंडिडेट आपके सामने लोकसभा चुनाव में खड़ा हो गया। राजनीति करने वाले लोग आपको ढूंढते रह जांएगे कि गजेंद्र सिंह भी कोई सांसद हुआ करते थे। 2008 के विधानसभा चुनाव की बात है, मेरे पिता के सामने कांग्रेस की टिकट राजपूत कैंडिडेट को दी गई थी। उस समय देश की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील तीन बार हैलिकॉप्टर से आकर उनका प्रचार करके गई थीं। उस चुनाव को हमने जीता था।
उदयपुरवाटी से हमारे सामने चुनाव लड़कर दिखाएं, हार गए तो राजनीति छोड़ देंगे
शिवम ने कहा- मैं सुनता हूं, आप सीएम की दौड़ में हैं। मेरे पिता तो सीएम की दौड़ में नहीं हैं। आपके और हमारे तो कोई लड़ाई नहीं थी। मुख्यमंत्री बनने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ना पड़ता है। आपको खुला निमंत्रण है बाबोसा। आप शेखावाटी की 21 में से 18 जनरल सीट में से कहीं से चुनाव लड़कर बताओ। मजा तो तब आएगा जब आप हमारे सामने चुनाव लड़ो। अगर हम हार गए तो सदा के लिए राजनीति छोड़ देंगे।
मेरे पिता गजेंद्र सिंह के खिलाफ प्रचार करने नहीं गए थे
शिवम ने कहा- वैभव गहलोत ने 2013 में उदयपुरवाटी आकर हमारा प्रचार किया था, इसके बावजूद मेरे पिता जोधपुर में 2019 के लोकसभा चुनाव में वैभव का प्रचार करने नहीं गए थे। भवंर जितेंद्र सिंह का प्रचार करने गए थे। मैंने जब अपने पिता से पूछा कि जोधपुर क्यों नहीं गए? उनका जवाब था कि भंवर साहब अजीज दोस्त हैं, इसलिए गया। जोधपुर इसलिए नहीं गया कि गुढ़ागोड़जी और गुढ़ा महरोली एक परिवार है। हम राव शेखा के वंशज हैं। गजेंद्र सिंह जी तेरे बाबोसा लगते हैं। गजेंद्र सिंह की हम इतनी इज्जत करते रहे हैं, और ये इस तरह के स्टेटमेंट देकर चले गए।
मेरे पिता को बिन पैंदे का लोटा कह दिया, क्या आप सुमित्रा सिंह जी को बिन पैंदे का लोटा कह देंगे?
शिवम ने कहा- जब गजेंद्र सिंह उदयपुरवाटी आए तो हमारे विरोधियों को खुश करने के लिए स्टेटमेंट दिया। मेरे पिता को बिन पैंदे का लोटा कह दिया। क्या आप सुमित्रा सिंह जी को बिन पैंदे का लोटा कह देंगे क्या? गजेंद्र सिंहजी ,आप शेखावाटी में पैदा हुए हैं लेकिन यहां की राजनीति का आपको पता नहीं है। सुमित्रा सिंह कांग्रेस से विधायक रहीं, हालात बदले तो लोकदल और फिर जनता दल में चलीं गईं। भैरोसिंह शेखावत की सरकार में उर्जा मंत्री रहीं। 2003 में वे बीजेपी से जीतीं और विधानसभा अध्यक्ष बनीं। समय फिर यू टर्न मारता है और वे कांग्रेस में चली जाती हैं। जाने माने किसान नेता शीशरामजी ओला के लोग आज भी उदाहरण देते हैं, उन्हें याद करते हैं। ओला कांग्रेस में कई बार मंत्री रहे। इसके बाद कांग्रेस का दामन छोड़ तिवारी कांग्रेस का दामन थामा। देवगोड़ा की सरकार में मंत्री रहे। निर्दलीय एमपी रहे, फिर कांग्रेस में आगमन हुआ, मनमोहन कैबिनेट में मंत्री रहे।
ऐसे दल बदल के 20 उदाहरण आपको सीकर के बता सकता हूं। शेखावाटी के तो अनगिनत उदाहरण मिल जाएंगे। शेखावाटी के किसी जननायक ने निर्दलीय लड़ने का या पार्टी बदलने का फैसला किया तो वह वहां की जनता की भलाई और विकास के लिए किया। उन फैसलों का जनता ने भी साथ दिया,उसी का परिणाम है कि आज भी हम उन्हें याद करते हैं।
17 साल का लड़का आपको राजनीतिक ज्ञान दे रहा है, आपके 55 साल बेकार
शिवम ने कहा- गजेंद्र सिंहजी आपके बारे में मैं सर्च कर रहा था, आपका जन्म 1967 में हुआ। आप 55 साल के हैं, आपने जिंदगी के ये 55 साल व्यर्थ गवां दिए। मैं एक 17 साल का लड़का, 12वीं क्लास में पढ़ने वाला लड़का आपको यह राजनीतिक ज्ञान दे रहा हूं। आप शेखावाटी के बेटे हैं, आप दो बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री को मुझे ज्ञान देना पड़ रहा तो आपकी इतने साल की राजनीति बेकार है।
’गुढ़ा कब किसके पास चले जाएं पता नहीं है’:शेखावत बोले-वे बिन पेंदे के भरतपुरी लोटे जैसे’, गर्ग ने कहा-उनका मानसिक संतुलन बिगड़ा
सियासी बगावत के दौरान राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा के आए बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन पर निशाना साधा था। उन्होंने मंत्री गढ़ा की तुलना भरतपुर के बिन पेंदे लोटे से कर डाली। शेखावत ने कहा कि गुढ़ा कब किस के पास चले जाएं पता नहीं है। उनका तो भगवान ही मालिक है।