नेपाल में 5 दिनों तक चलने वाले तिहार फेस्टिवल की शुरुआत 23 अक्टूबर से हुई। दूसरे दिन कुकुर तिहार मनाया गया। इस दिन कुत्तों को उनकी वफादारी के लिए देवदूत के रूप में पूजा जाता है। त्योहार के पहले दिन काग तिहार होता है, जिसमें कौओं के लिए छत पर पकवान रखे जाते हैं। कुकुर तिहार के तहत तिलक-माला और आरती उतारकर श्वानों को कई पकवान खिलाए गए।
नेपाल पुलिस ने भी अपने डॉग स्क्वॉड के साथ इस त्योहार को मनाया। नेपाल पुलिस का कैनाइन डिवीजन भी डॉग्स को उनकी सेवा और योगदान के लिए उन्हें सम्मानित करने के लिए सालाना समारोह आयोजित करता है।
डिवीजन के डॉग्स ने करतब दिखाए और मेडल पाए
डिवीजन के दर्जनों श्वानों में से एक को केस सुलझाने में उनकी भूमिका के आधार पर “डॉग ऑफ द ईयर” की उपाधि दी गई। इसके अलावा मेडल उन कुत्तों को भी दिए गए, जिन्होंने अपने स्पेशल एरिया में अपराध के रहस्यों को सुलझाने, सबूत इकट्ठा करने, खोज और बचाव में सहायता करने और नशीले पदार्थों के व्यापारियों को पकड़ने में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
डिवीजन के दर्जनों श्वानों में से एक को केस सुलझाने में उनकी भूमिका के आधार पर “डॉग ऑफ द ईयर” की उपाधि दी गई। इसके अलावा मेडल उन कुत्तों को भी दिए गए, जिन्होंने अपने स्पेशल एरिया में अपराध के रहस्यों को सुलझाने, सबूत इकट्ठा करने, खोज और बचाव में सहायता करने और नशीले पदार्थों के व्यापारियों को पकड़ने में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
अकेले काठमांडू में 20 हजारा आवारा कुत्ते
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अकेले काठमांडू घाटी में अनुमानित 20,000 आवारा कुत्ते हैं।पोखरा में अधिकारी कुत्तों की माइक्रोचिपिंग कर रहे हैं, जबकि काठमांडू की नगर परिषद ने आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए डॉग मैनेजमेंट मूवमेंट शुरू किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अकेले काठमांडू घाटी में अनुमानित 20,000 आवारा कुत्ते हैं।पोखरा में अधिकारी कुत्तों की माइक्रोचिपिंग कर रहे हैं, जबकि काठमांडू की नगर परिषद ने आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए डॉग मैनेजमेंट मूवमेंट शुरू किया है।