राजस्थान विधानसभा का नया भवन बनने के बाद से ही कभी एक साथ पूरे विधायक नहीं बैठ पाने के संयोग को लेकर चर्चाएं होती रहती हैं। अब कांग्रेस नेता और नागौर से पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ने विधानसभा की बिल्डिंग में भूत का साया होने की बात कही है।
उन्होंने इमारत में किसी की आत्मा होने का दावा करते हुए अनुष्ठान करवाने की मांग की है। हबीबुर्रहमान ने कहा- ‘विधानसभा की बिल्डिंग में कोई न कोई ऐसी आत्मा बैठी है, जिसे यह लगता है कि उसके साथ अन्याय हुआ है। इसीलिए यहां कभी सभी 200 विधायक कभी भी एक साथ नहीं बैठ सके। विधानसभा भवन में अनुष्ठान करवाया जाना चाहिए। जो भी आत्मा है, उसकी संतुष्टि के लिए उपाय करना चाहिए।’
पूर्व विधायक ने कहा- ‘विधानसभा की इस नई बिल्डिंग में कभी भी 200 विधायक पूरे नहीं हुए। राज्यपाल के अभिभाषण से लेकर बजट हो या सामान्य बैठक हो, कभी यहां पूरे विधायक नहीं हुए। जब हरिशंकर भाभड़ा पुरानी विधानसभा में स्पीकर थे, तब विधानसभा की इस नई बिल्डिंग बनाने के लिए डेलिगेशन ने दौरा किया था, उसमें मैं भी था। विधानसभा की इस जमीन पर एक तरफ नगर निगम कचरा डालता था। एक तरफ श्मशान था। दूसरी तरफ बच्चों का कब्रिस्तान। एक तरफ लोग खेती करते थे, एक कुंआ भी था।’
किसानों की जमीन का मुआवजा नहीं दिया, कई बिना मुआवजे मर गए
उन्होंने आगे बताया कि जहां विधानसभा की इमारत बनी है, उसके काफी हिस्से में लोग खेती करते थे। जब यह जमीन एक्वायर की गई थी, उस समय किसानों से मुआवजे का वादा किया गया होगा। जिन किसानों से जमीन ली गई, उन्हें आज तक मुआवजा नहीं दिया गया।
उस वक्त हमारे पास कई बुजुर्ग लोग आए थे। वे कह रहे थे कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। बिना मुआवजे के कई लोगों की मौत हो चुकी है। विधानसभा भवन की निर्माणाधीन लिफ्ट में गिरने से भी कुछ मजूदरों की मौतें हुई थीं। यहां कोई तो बात है। खबर में आगे बढ़ने से पहले नीचे दिए गए पोल में हिस्सा लेकर आप अपनी राय जाहिर कर सकते हैं।
किसी की तो बद्दुआ है यहां: हबीबुर्रहमान
हबीबुर्रहमान ने कहा- ‘यहां किसी की तो बद्दुआ है। जिन किसानों की जमीन ली गई, उनका बकाया मुआवजा देना चाहिए। यहां कोई न कोई हस्ती या आत्मा बैठी है, जिसके साथ अन्याय हुआ है। हमारे कई युवा एमएलए की भी डेथ हो चुकी है। सरदारशहर वाले भवंरलाल शर्मा गुजर गए। कोरोनाकाल में चार विधायकों की मौत हो गई।
इस अपशकुन से बचने के लिए जिनका मुआवजा बकाया है, उन जमीन मालिकों को कुछ मुआवजा देना चाहिए। यहां पूजा-पाठ होना चाहिए। मैंने एक बार शून्य काल में सदन में यह मामला उठाया था तो मेरा मजाक उड़ाया था, लेकिन मैं अब भी अपनी बात पर कायम हूं। यहां दरगाह है उसे थोड़ा ऊपर लेना चाहिए। धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ विधि विधान से करवाना चाहिए।’
बीजेपी राज में भी उठ चुकी अनुष्ठान करवाने की मांग, तांत्रिक ने मौका मुआयाना भी किया
बीजेपी राज के दौरान फरवरी 2018 में बजट सत्र के दौरान तत्कालीन सरकार मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने विधानसभा भवन में पूजा-पाठ करवाने की मांग की थी। मौजूदा कांग्रेस नेता हबीबुर्रहमान उस वक्त बीजेपी से विधायक थे।
हबीबुर्रहमान ने उस समय की सीएम वसुंधरा राजे से पूजा-पाठ करवाने की मांग की थी। उस वक्त भी बीजेपी के दो विधायकों का देहांत हुआ था तो विधानसभा में भूत-प्रेत होने की चर्चा चली थी। उस वक्त विधानसभा भवन का मुआयना करने तांत्रिक को बुलवाया था। हालांकि एसेंबली की बिल्डिंग में भूत-प्रेत के साया होने की चर्चा भले ही फिर जोर पकड़े, लेकिन अभी तक इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं साबित हो पाया है।
साल 2000 में नई बिल्डिंग में विधानसभा भवन शिफ्ट होने के बाद से ही यह संयोग है कि यहां कभी 200 विधायक एक साथ नहीं बैठे। साल 2000 में गहलोत सरकार में मंत्री सागवाड़ा विधायक भीखा भाई भील का निधन हुआ। इसी साल लूणकरणसर से कांग्रेस विधायक भीमसेन चौधरी का निधन हुआ।
2003 से 2008 के बीजेपी राज में भी विधायकों के निधन का संयोग रहा। साल 2004 में लूणी से कांग्रेस विधायक और पूर्व सिंचाई मंत्री रामसिंह बिश्नोई का निधन हुआ। 2005 में डीग से बीजेपी विधायक अरुण सिंह का निधन हुआ।
2008 से 2013 में विधायकों का निधन नहीं हुआ, लेकिन जेल चले गए
साल 2008 से 2013 में कांग्रेस राज में किसी विधायक का निधन नहीं हुआ, लेकिन चार विधायक अलग अलग कारणों से जेल चले गए। दिसंबर 2011 में तत्कालीन जलदाय मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान बिश्नोई भंवरी देवी मर्डर केस में प्रकरण में जेल चले गए।
दारासिंह एनकाउंटर मामले में अप्रैल 2012 में बीजेपी विधायक राजेंद्र राठौड़ कुछ समय जेल में रहे। साल 2013 में तत्कालीन खाद्य मंत्री बाबूलाल नागर महिला से रेप के मामले में गिरफ्तार हुए और जेल गए। बाद में नागर बरी हो गए थे।
बीजेपी राज में दो विधायकों का निधन, एक जेल गए
बीजेपी के पिछले शासनकाल में धौलपुर से बसपा विधायक बीएल कुशवाह चुनाव जीतने के कुछ समय बाद हत्या के मामले में जेल चले गए। बाद में सजा होने से उनकी सदस्यता चली गई। धौलपुर में अप्रैल 2017 में उपचुनाव हुआ जिसमें बीजेपी ने बीएल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह को टिकट दिया और वह जींतीं। अगस्त 2017 मांडलगढ़ विधायक कीर्ति कुमारी का निधन हो गया। मांडलगढ उपचुनाव में कांग्रेस के विवेक धाकड़ जीते। फरवरी 2018 में नाथद्वारा से बीजेपी विधायक कल्याण सिंह का निधन हो गया।
मौजूदा कांग्रेस राज में 6 विधायकों का निधन हो चुका
मौजूदा कांग्रेस सरकार के वक्त 6 विधायकों का निधन हो चुका है। साल 2020 में दो महीने के अंतराल में ही तीन विधायकों का निधन हो गया। 6 अक्टूबर 2020 को सहाड़ा से कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी का कोरोना से निधन हो गया।
मंत्री मास्टर भंवरलाल का लंबी बीमारी के बाद 16 नवंबर 2020 में निधन हो गया। इसके कुछ दिन बाद बाद 30 नवंबर 2020 को राजसमंद से बीजेपी विधायक किरण माहेश्वरी का कोरोना से निधन हो गया। तीनों सीटों पर उपचुनाव कराना पड़ा।
20 जनवरी 2021 को वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत और 19 मई 2021 को धरियावद से बीजेपी विधायक का कोरोना से निधन हो गया। दोनों जगह साथ उपचुनाव हुए। पिछले 6 अक्टूबर को सरदारशहर से कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा का लंबी बीमारी से निधन हो गया।
राजस्थान प्रभारी पद से अजय माकन का इस्तीफा:पायलट का पक्ष लेने के आरोप लगे थे, नए सिरे से बनेंगे सभी पदाधिकारी