दुनियाभर में ड्रोन से आतंकी हमलों का खतरा:UNSC में जयशंकर बोले- आतंकियों ने इंटरनेट को हथियार बनाया, इससे प्रोपेगैंडा फैला रहे

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काउंटर टेररिज्म कमेटी की स्पेशल मीटिंग का आज दूसरा दिन है। मुंबई के बाद कमेटी की मीटिंग दिल्ली में हुई। इस मीटिंग में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तकनीक के जरिए आतंकी हमलों को अंजाम दिए जाने की चेतावनी दी। जयशंकर ने कहा कि कम लागत और आसानी से मिलने की वजह से दुनियाभर में ड्रोन हमलों का खतरा बढ़ गया है।

विदेश मंत्री ने कहा- आतंकवादी समूह इंटरनेट का इस्तेमाल समाज को अस्थिर करने के लिए कर रहे हैं। उनके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी कट्टरता और षड्यंत्र फैलाने का टूलकिट बन गए हैं। टेक्नोलॉजी की आसानी से उपलब्धता ने आतंकियों की क्षमताएं बढ़ा दी हैं। इसके जरिए वे आसानी से कहीं भी हमला कर सकते हैं।

एशिया और अफ्रीका में आतंकवाद का खतरा सबसे ज्यादा
जयशंकर ने कहा कि इस बैठक से ये साबित होता है कि काउंटर टेररिज्म सुरक्षा परिषद की प्राथमिकता बन गया है। उन्होंने कहा- दिल्ली में हो रही इस बैठक में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों की उपस्थिति ये बताती है कि UNSC के सदस्य और स्टेकहोल्डर्स आतंकवाद को खत्म करना चाहते हैं। बावजूद इसके आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है। UNSC की 1267 समिति के मुताबिक, आतंकवाद का सबसे ज्यादा खतरा एशिया और अफ्रीका में है। भारत आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड में आधा मिलियन डॉलर, यानी करीब 4 करोड़ रुपए की मदद देगा।

दूसरे दिन बैठक के 3 एजेंडे
आज हुई मीटिंग में आतंकवादी हमले में इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल, फंड रेज के लिए भुगतान की नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल और ड्रोन जैसे मानव रहित एयर डिवाइस से निपटने को लेकर चर्चा हुई।

जहां हुआ 26/11 अटैक, वहीं UNSC की मीटिंग

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काउंटर टेररिज्म कमेटी की पहली बैठक 28 अक्टूबर को मुंबई के ताज होटल में हुई थी। बैठक में भारत ने दुनिया के सामने मुंबई में हुए 26/11 हमले में पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर का ऑडियो प्ले किया, जिसमें वह फोन पर आतंकियों से कह रहा है- जहां भी मूवमेंट दिखे, जहां भी लोग हों वहां फायर ठोको।
UN में जयशंकर बोले- दुनिया आतंक को पालने वाले देशों पर एक्शन ले
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी UNGA के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा था- ग्लोबल टेररिस्ट्स को बचाने वाले देश बयानबाजी करके हकीकत नहीं छिपा सकते। उनका इशारा चीन और पाकिस्तान की तरफ था। उन्होंने कहा- हमें आतंकवाद बर्दाश्त नहीं है। आतंकवाद फैलाने और आतंकियों को पनाह देने वाले देशों पर कार्रवाई होनी चाहिए।