ससुर की सलाह पर राजनीति में आए सुनक:कहा था- पॉलिटिक्स से दुनिया में छाप छोड़ सकोगे

ब्रिटेन के पहले भारतवंशी और सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पॉलिटिक्स में आने की वजह बताई है। सुनक ने बताया- मेरे ससुर और इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने एक दिन मुझसे कहा कि अगर आप बिजनेस के बजाय राजनीति में अपना करियर बनाते हैं, तो दुनिया पर ज्यादा बेहतर छाप छोड़ सकते हैं। बस यही सुझाव था और आज मैं राजनीति के शीर्ष पर हूं।

सुनक ने सास और ससुर दोनों की तारीफ की
सुनक ने ससुर नारायण मूर्ति और सास सुधा मूर्ति की भी तारीफ की। सुनक ने कहा- आखिर एक ऐसा इंसान (नारायण मूर्ति) जो दुनिया की बड़ी IT कंपनियों में शुमार इंफोसिस का फाउंडर है। जिसने सैकड़ों-हजारों लोगों को नौकरी दी। वो ऐसी बातें करते हैं।

मेरा यही मानना था कि राजनीति से अच्छा तो बिजनेस है जिसके माध्यम से अगर सफल होते हैं तो निश्चित तौर पर आप अपनी सोसाइटी के लिए कुछ बेहतर कर सकते हैं। मैं उनका शुक्रगुजार हूं। वह हमेशा मेरे पीछे मजबूती के साथ खड़े रहे। मुझे प्रोत्साहित करते रहे, इसलिए आज मैं ब्रिटेन की राजनीति के सबसे ऊंचे मुकाम पर हूं।

नारायण मूर्ति के दामाद हैं ऋषि सुनक

  • ऋषि भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद हैं।
  • ऋषि सुनक के पेरेंट्स पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में जाकर बस गए।
  • सुनक का जन्म ब्रिटेन के हैंपशायर में हुआ था। ऋषि ने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया है।
  • सुनक ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।
  • राजनीति में आने से पहले ऋषि ने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश और हेज फंड में काम किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की।
  • उनकी मां एक फार्मासिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (MHS) में कार्यरत हैं। सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं।
  • 2015 में सुनक पहली बार सांसद बने और 2019 में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया था।
  • सुनक ने अपना विजन बताया
    सुनक ने ब्रिटेन के विकास को लेकर अपना विजन भी बताया। सुनक ने कहा- यदि आप विकास को गति देना चाहते हैं, तो आपके पास एक ऐसी अर्थव्यवस्था होनी चाहिए, जहां आपके द्वारा किए जाने वाले हर काम के केंद्र में इनोवेशन हो। इसका मतलब है कि हमें नई चीजें बनाने वाली कंपनियां, रिसर्च और डेवलपमेंट में निवेश करने वाली सरकार की जरूरत है।

    हमें एक ऐसी वीजा व्यवस्था की जरूरत है जो सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करे। एक ऐसी संस्कृति की जरूरत है जहां हर प्रतिभा कुछ अलग हटकर सोचे और करे। सुनक ने आखिर में कहा- मुझे पता है कि उस अर्थव्यवस्था का निर्माण कैसे किया जाता है।

    इंफोसिस 10 हजार रुपए से शुरू हुई आज 8 लाख करोड़ रुपए की

  • इंफोसिस देश की दूसरी सबसे सफल आईटी कंपनी है। फ्रेशर्स को काम देने के लिए मशहूर इस कंपनी ने 2021 में 61,000 लोगों को काम दिया। इंफोसिस की वेबसाइट के अनुसार 10 हजार रुपए से शुरु हुई कंपनी आज लगभग 8 लाख करोड़ के मार्केट कैप के साथ फाइनेंनशियल ईयर 2022 में अब तक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का रेवेन्यू जनरेट कर चुकी है।