सियासी हलचल के बीच सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की एक्टिविटी पर इन दिनों फील्ड में खूब निगाह रखी जा रही है। सरकार के एक मंत्री और विधायक ने दीपावली पर पिछले दिनों बधाइयों के पोस्टर लगाए। इन पोस्टरों में खास बात यह थी कि सोनिया गांधी और राहुल के साथ नए अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खड़गे के भी फोटो गायब थे। अब पोस्टर से हाईकमान को गायब करना केवल मानवीय भूल थी या जानबूझकर ऐसा किया गया, इसकी खोजबीन चल रही है। वैसे इसकी चर्चा के बीच कुछ शुभचिंतकों ने मामले को मानवीय भूल बताकर रफा-दफा करने की सलाह दी है।
गुजराती नेता के मुखिया पर दिए बयान की राजस्थान में धूम
सियासत में हालात कब बदल जाए कोई नहीं कह सकता। कल के दोस्त कब दुश्मन बन जाएं और दुश्मन कब सियासी दोस्त बन जाएं, यह सब सियासी समीकरणों पर निर्भर करता है। गुजरात चुनावों में सियासी सरगर्मियों के बीच प्रदेश के मुखिया के दौरे बढ़े हैं। पिछले चुनावों में गुजरात के पिछड़े तबके से आने वाले नेता इस बार पार्टी बदल चुके हैं।
पार्टी बदल चुके नेता को उधार का माल बताने से विवाद की शुरुआत हुई। गुजरात के नेता ने प्रदेश के मुखिया पर पद पर बने रहने के लिए बगावत करने और युवाओं का रास्ता रोकने तक के आरोप लगाए। गुजराती नेता का यह वीडियो बयान पार्टी के एक खेमे के कार्यकर्ताओं के बीच खूब शेयर किया जा रहा है, क्योंकि बात ही ऐसी कह दी है जो उन्हें सुहाती है।
सुधार के लिए एक महीने में रिपोर्ट मांगने के अगले ही दिन बदल गए अफसर
प्रदेश के मुखिया इन दिनों धड़ाधड़ फैसले कर रहे हैं। ब्यूरोक्रेसी को फेंटने का सिलसिला जारी है। मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल्स की बैठक में अस्पतालों की बदहाली का मुद्दा खूब छाया। अस्पतालों की बदहाली के लिए दो महकमों के बड़े अफसरों को सर्वे करके एक महीने में हालात सुधारने का टास्क दिया। इस टास्क के अगले ही दिन दोनों महकमों के अफसर बदल गए। अस्पतालों की बिल्डिंग सुधारने का टास्क जिन अफसर को दिया वे अब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पहुंच गए। अब तक जिस अफसर के अंडर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल आते थे, उन्हें ही अब उस महकमे में भेज दिया, जिसके जिम्मे बिल्डिंग सुधारने का काम है। अब एक महीने तक इंतजार रहेगा कि अनुभवी अफसर अस्पतालों के हालात कितना सुधार पाते हैं।
बड़े अफसर की विदाई होते ही आया सैकड़ों करोड़ का फंड
रोडवेज में विवादों से शायद ही कोई अफसर बचा है। सबसे बड़े अफसर ने सरकार के नजदीकी पावरफुल वकील साहब की पैरवी पर सवाल उठाकर खूब चर्चाएं बटोरी। विवाद टॉप लेवल तक पहुंचा तो बड़े अफसर की विदाई हो गई। जिस दिन बड़े अफसर की विदाई हुई उसी दिन सरकार ने रोडवेज को 360 करोड़ का फंड रिललीज करने की घोषणा कर दी। फंड रिलीज के ऑर्डर की टाइमिंग पर अब कई तरह की चर्चाएं हैं। कहीं यह कृपा बड़े अफसर के चक्कर में तो नहीं अटकी थी। वैसे इस पद पर आने वाले नए युवा अफसर को पद संभालने से पहले ही बड़ी राहत मिल गई है।
निर्दलीय एमएलए का मेडिकल मॉडल
पूर्वी राजस्थान के एक निर्दलीय विधायक का मेडिकल मॉडल अचानक चर्चा में आ गया है। अस्पतालों में साफ सफाई को लेकर हुए रिव्यू में अचानक इस मॉडल का जिक्र आया। प्रदेश के मुखिया के सामने भी निर्दलीय विधायक ने इस मॉडल का प्रजेंटेशन दिया था। अब सब जगह अस्पतालों में इसे लागू करने की सलाह दी गई है।
इस मॉडल के तहत अस्पताल में सातों दिन मरीजों के बेड पर अलग-अलग कलर की बेडशीट बिछाई जाती है। हर दिन बेडशीट का कलर तय है, इसलिए अगले दिन बेडशीट चेंज न हो तो आसानी से पता लगाया जा सकता है। प्रदेश के मुखिया इस मॉडल को सभी अस्पतालों में लागू करना चाहते हैं। निर्दलीय विधायक भी सार्वजनिक रूप से अपने मॉडल की चर्चा पर गदगद हैं।
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