जहां देश में सभी राज्यों की सरकारें नौकरियों के नाम पर युवाओं को लुभाने में लगी हैं। राजस्थान में सरकार ने रीट परीक्षा में लेवल-2 शिक्षकों के पद 31,500 से 6,000 घटाकर 25,500 कर दिए। अब यह मुद्दा राज्य की कांग्रेस सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है।
प्रदेश के सारे जिलों में इसके खिलाफ युवा आक्रोश जता रहे हैं। दो नवंबर को जयपुर में सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन भी होगा। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री बी. डी. कल्ला ने युवाओं का रोष भांपते हुए इन पदों को फिर से बढ़ाने के लिए विभागीय स्तर पर समीक्षा करवाने का निर्णय किया है।
नवंबर व दिसम्बर माह में भाजपा ने पूरे प्रदेश में सरकार के विरोध में रैलियां, सभा, धरने, प्रदर्शन करने की जो घोषणा की है। उसमें पार्टी ने रीट के इस मुद्दे को भी अपनी योजना में शामिल कर लिया है। पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने भास्कर को बताया कि पद घटाने का यह फैसला कांग्रेस सरकार ने जल्दबाजी में किया है, जो पूर्णत युवा विरोधी है।
इधर, शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला का कहना है कि पद घटाने का फैसला स्कूलों में विद्यार्थियों के नामांकन के आधार पर किया गया है। पांचवी कक्षा तक के विद्यार्थियों की नामांकन संख्या ज्यादा है, इसलिए उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों (लेवल-1) के पदों की जरूरत ज्यादा है, जबकि आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की संख्या कम हैं, तो उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों की जरूरत भी कम हैं। ऐसे में उनके पद 31,500 से 6000 घटाकर 25,500 किए हैं। अब कल्ला ने शुक्रवार को उनसे मिलने पहुंचे बेरोजगार शिक्षकों को पुन: समीक्षा करने और सही निर्णय करने का आश्वासन दिया है।
बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने कहा है कि कांग्रेस सरकार बेवजह युवाओं का गुस्सा भड़का रही है। पद घटाने की कोई जरूरत ही नहीं थी। गौरतलब है कि यादव पिछले कई दिनों से बेरोजगारों के विभिन्न मुद्दों को लेकर गुजरात में कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शनरत हैं। उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस सरकार को रीपीट नहीं होने की चेतावनी भी कई बार दोहराई है।
रीट और विवाद चलते रहे एक साथ
रीट की पहली बार परीक्षा करीब 30,000 पदों के लिए 26 सितंबर 2021 को हुई। इसके बाद पेपर लीक होने के कारण परिणाम जारी हो जाने के बावजूद निरस्त करने पड़े। कई लोग पेपर लीक और नकल मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए। उसके बाद हाल ही मई-2022 में परीक्षा हुई। जिसके प्रथम चरण का परिणाम जारी हो चुका। अब दूसरे चरण की परीक्षा फरवरी-23 में होनी है, लेकिन उससे पहले पद घटाने का विवाद सामने आ गया है।
न जाने कब मिलेगी नौकरी
विवादों के बीच रीट फरवरी-2021 से अब तक चल ही रही है। अब फरवरी-2023 में दूसरे चरण की परीक्षा होगी और फिर दो-तीन महीने बाद में अप्रेल-मई तक उसका परिणाम जारी होगा। इसके बाद जुलाई-अगस्त 2023 तक नौकरी मिल सकेगी वो भी सब कुछ ठीक रहा तो।
अगर अगस्त-2-23 तक नौकरी ना मिली तो अगले चुनावी वर्ष में आचार संहिता सितम्बर में लगने की संभावना है। ऐसे में नौकरी का सपना और आगे खिसक सकता है। रीट परीक्षा लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सरकार की छवि के लिए किरकिरी साबित हुआ है। अगर इस परीक्षा को सावधानीपू र्वक और बिना बेरोजगारों का नाराज किए पूरा नहीं किया गया तो यह मुद्दा सरकार के लिए बहुत बड़ी परेशानी साबित होगा।
राजस्थान में टीचर भर्ती से पहले छिड़ा विवाद:अभ्यर्थी बोले- कांग्रेस सरकार वादा भूली, 28 को जयपुर में प्रदर्शन
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 46,500 पदों पर टीचर्स की भर्ती को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। लेवल-2 में 6000 पदों को बढ़ाने की मांग को लेकर बेरोजगार 28 अक्टूबर को जयपुर में प्रदर्शन करेंगे। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक विरोध हो रहा है। BJP भी बेरोजगारों के समर्थन में आ गई है।