कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि को छठ महापर्व मनाया जाता है। आज छठ पूजा के दूसरे यानि पंचमी तिथि जिसे खरना के नाम से जाता है, के दिन व्रती महिलाएं माता छठी के लिए प्रसाद तैयार करती हैं। हिन्दू धर्म में छठ पर्व (Chhathh Puja 2022 Kharna) को अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस पर्व से जुड़े नियमों का पालन करने से माता छठी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं। बता दें कि छठ पर्व में विशेषतः भगवान सूर्य और माता छठी की पूजा की जाती है। षष्ठी तिथि के दिन डूबते हुए सूर्य की विशेष रूप से पूजा की जाती है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व को उत्तर और पूर्वी भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है। आइए जानते हैं छठ पर्व के दूसरे दिन का महत्व और इस दिन क्या करें व क्या नहीं।
छठ पर्व में खरना का महत्व (Chhath Puja 2022 Kharna Importance)
कठिन व्रतों में आने वाले छठ पर्व में कई विशेष नियमों का पालन किया जाता है। खरना के दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और छठी माता का प्रसाद बनती है। इस दिन गुड़ की खीर बनाने की परम्परा है, प्रसाद बनने के बाद इसे सबसे पहले व्रती महिलाएं ग्रहण करती हैं और इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों को बांटा जाता है। इस दिन पर भगवान सूर्य की विधिवत पूजा की जाती है।
खरना के दिन क्या करें और क्या नहीं
- खरना का प्रसाद ऐसे स्थान पर बनाएं जहां हर दिन का खाना नहीं बनता है। ऐसा करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
- प्रसाद बनने के बाद सर्वप्रथम इसे व्रती महिलाएं ग्रहण करें और उन्हें ऐसी जगह बैठकर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए जहां शांति हो।
- भगवान सूर्य को अर्घ्य दिए बिना प्रसाद का सेवन करना पाप की श्रेणी में आता है। साथ ही इस दिन व्रती महिलाएं सात्विक भोजन का सेवन करें।
- जिस तरह पूजा-पाठ में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है उसी तरह आज के दिन भी प्रसाद बनाने से लेकर उसे ग्रहण करने से स्वच्छ और शुद्ध स्थान का प्रयोग करें।
- इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान में अन्न या धन से देने से विशेष फ प्राप्त होता है और उनसे माता छठी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद प्रदान करती हैं।