मस्क ने ट्विटर के पूरे बोर्ड को निकाला:एलन मस्क एकमात्र बोर्ड मेंबर, इससे पहले CEO पराग अग्रवाल समेत टॉप ऑफिशियल्स को निकाला था

ट्विटर के नए ‘चीफ ट्विट’ एलन मस्क पूरे बोर्ड को निकाल दिया गया है और वह कंपनी के एकमात्र बोर्ड मेंबर हैं। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की नई फाइलिंग में इसका खुलासा हुआ है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मस्क ने पहले से ही फायरिंग की योजना बना रखी थी और ट्विटर अधिग्रहण के दिन से ही ये शुरू हो गई।

कंपनी के शीर्ष अधिकारियों को निकाल दिया गया जिसमें पूर्व CEO पराग अग्रवाल, CFO नेड सहगल और कानूनी और नीति प्रमुख, विजया गड्डे शामिल थीं। मस्क ने सार्वजनिक रूप से कंपनी के मैनेजमेंट के साथ अपनी नाराजगी जताते हुए कहा था कि कंपनी में हर एक कोडर के लिए लगभग 10 मैनेजर हैं।

5,600 कर्मचारियों की छंटनी हो सकती है
द वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क कंपनी के 7,500 एम्प्लॉइज में से 75%, यानी करीब 5,600 कर्मचारियों को नौकरी से हटा सकते हैं। उन्होंने ट्विटर डील के दौरान संभावित निवेशकों से यह बात कही थी। हालांकि, यह रिपोर्ट आने के बाद ट्विटर के जनरल काउंसल सीन एडगेट ने इससे इनकार किया है। कर्मचारियों को ईमेल भेज कर कहा कि कंपनी छंटनी को लेकर कोई प्लान नहीं बना रही है।

घटनाक्रम को सिलसिलेवार समझते हैं…

1. डील कब फाइनल हुई: एलन मस्क ने गुरुवार (27 अक्टूबर) को इस डील पर मुहर लगाई।

2. CEO पराग अग्रवाल को क्यों हटाया: मस्क ने पराग और दो ऑफिसर्स पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट्स की संख्या को लेकर उन्हें और ट्विटर इन्वेस्टर्स को गुमराह करने का आरोप लगाया है।

3. डील की क्या वजहें बताईं

पहली: मस्क ने संकेत दिया कि आगे चलकर ट्विटर की ऐड पॉलिसी में भी बदलाव किया जाएगा। मस्क ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि ट्विटर सबसे बेहतरीन एडवर्टाइजिंग प्लेटफॉर्म हो, जहां सभी उम्र के यूजर्स फिल्में देख सकें या वीडियो गेम खेल सकें।’

दूसरी: मस्क का कहना है कि उन्होंने ज्यादा पैसा कमाने के लिए नहीं, बल्कि इंसानियत की मदद करने लिए ट्विटर से डील की है। कोर्ट ने मस्क को मौजूदा शर्तों पर ट्विटर डील को 28 अक्टूबर तक फाइनल करने के लिए कहा था।