केरल के वित्त मंत्री टीएम थॉमस इसाक ने विधानसभा में बजट पेश किया। यह वर्तमान लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) की सरकार का आखिरी बजट है। राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। वेलफेयर योजनाओं के साथ शुरुआत करते हुए वित्तमंत्री ने वेलफेयर पेंशन में 1,600 रुपये की वृद्धि की घोषणा की और 8 लाख नई नौकरियों का वादा किया। उन्होंने पांच वर्षों के भीतर डिजिटल प्लेटफार्मों में 20 लाख रोजगार सृजन का भी वादा किया। इसके अलावा उन्होंने केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) द्वारा 15,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
महामारी के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और शिक्षा क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणा करते हुए, उन्होंने संबद्ध कॉलेजों में डिजिटल कक्षाओं के लिए 150 करोड़ रुपये की घोषणा की। उन्होंने कहा कि केरल में सभी परिवारों के पास लैपटॉप होगा। ‘आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आधी कीमत पर लैपटॉप मिलेंगे। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों को लैपटॉप खरीदने के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। वित्तमंत्री इसाक ने कहा कि K-FON सभी घरों तक इंटरनेट पहुंचाएगा, और परियोजना को जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। केरल इनोवेशन चैलेंज के लिए 40 करोड़ रुपये और स्टार्ट-अप परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2020 पेश किया
इससे पहले गुरुवार को उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण 2020 पेश किया और कहा कि कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के चलते राज्य को 1.56 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 2017 के चक्रवात ओखी और 2018 और 2019 में लगातार दो साल बाढ़ के बाद महामारी सहित प्राकृतिक आपदाओं ने राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया। साथ ही नौकरियां छूटने के कारण विदेशों से भी केरलवासी (NRK) वापस लौट आए।
कोरोना के कारण केरल को 1.56 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि राज्य की विकास दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर थी, लेकिन उसमें 2019-20 में गिरावट देखी गई। प्राकृतिक आपदाओं ने कई लोगों के जीवन और आजीविका को प्रभावित करके राज्य अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया और अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। वित्त मंत्री टीएम थॉमस इसाक ने आगे कहा कि कोरोना के कारण केरल को 1.56 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ। बजट में हम चर्चा करेंगे कि राज्य में कोरोना के कारण उत्पन्न इस स्थिति से कैसे निपटा जाए।
आर्थिक विकास दर 2019-20 में 3.45 प्रतिशत हो गई
पिछले साल सितंबर में महामारी कारण उत्पन्न संकट को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सामाजिक और आर्थिक जीवन को पुनर्जीवित करने के लिए 100 दिनों का कार्यक्रम शुरू किया गया। सरकार का लक्ष्य 50,000 लोगों को रोजगार देना था, लेकिन एक लाख से अधिक नौकरियों का निर्माण किया गया। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य की आर्थिक विकास दर 2018-19 में 6.49 प्रतिशत से घटकर 2019-20 में 3.45 प्रतिशत हो गई है।