राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षा में आम छात्रों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। कंप्यूटर अनुदेशक, टीचर भर्ती, CHO समेत आधा दर्जन से ज्यादा भर्ती परीक्षाओं को लेकर विवाद जारी है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा से आम छात्रों की आवाज बन भर्ती परीक्षाओं से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल पूछे। आप भी सुनिए- छात्रों के सवाल और बोर्ड अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा के जवाब।
सवाल- कंप्यूटर अनुदेशक परीक्षा के रिजल्ट को लेकर विवाद लगातार जारी है। क्या कटऑफ मार्क्स 40% से कम किए जाएंगे?
जवाब- शिक्षक दूसरे बच्चों को शिक्षा देते हैं। ऐसे में शिक्षकों में न्यूनतम योग्यता होना काफी जरूरी है। यही सोचकर कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती परीक्षा में 40% कटऑफ मार्क्स का नियम बनाया गया था। जो अभ्यर्थी 40% मार्क्स भी हासिल नहीं कर सके। वह दूसरे बच्चों को क्या शिक्षा देंगे। वैसे भी सरकार के नियम के अनुरूप भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसलिए 40% कटऑफ मार्क्स में रियायत देने का फैसला भी सरकार के स्तर पर ही किया जाएगा।
ये है विवाद
प्रदेशभर में 18 जून को 9862 पोस्ट पर हुई भर्ती परीक्षा में सिर्फ 7069 कैंडिडेट ही बोर्ड ने एलिजिबल घोषित किए हैं। कुल 2793 पोस्ट खाली रह गई हैं। वजह है कैंडिडेट मिनिमम पासिंग मार्क्स ही नहीं ला सके। करीब 2 लाख कैंडिडेट्स ने ये परीक्षा दी थी।
ये बात भले ही चौंकाने वाली लगे, लेकिन सच ये है कि 2793 पोस्ट खाली नहीं रही बल्कि ये नौकरियां बोर्ड की एक गलती ने छीनी हैं। इसमें सबसे बड़ा रोल अदा किया बोर्ड के लेट लतीफ प्रावधान ने। जो एग्जाम होने के 12 दिन बाद निकाला गया। इसका असर ये हुआ कि हार्ड पेपर में निगेटिव मार्किंग के डर से कैंडिडेट पूरा एग्जाम अटेम्प्ट नहीं कर पाए।
सवाल- कर्मचारी चयन बोर्ड की लेट-लतीफी से अभ्यर्थी परेशान है। लंबित भर्ती परीक्षाओं का फाइनल रिजल्ट कब तक जारी किया जाएगा?
जवाब- कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा किसी भी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट में देरी नहीं की गई है। हम निर्धारित वक्त में क्रॉस वेरिफिकेशन के बाद ही फाइनल रिजल्ट हो जारी करते हैं। ताकि किसी तरह की कमी यह गलती की संभावना ना रहे। हालांकि पिछले कुछ वक्त में कुछ परीक्षाओं का फाइनल रिजल्ट निर्धारित वक्त पर जारी नहीं हो पाया। लेकिन उसमें बोर्ड द्वारा नहीं, बल्कि संबंधित विभाग द्वारा प्रक्रिया में देरी की गई है। जिसे जल्द से जल्द जारी कर दिया जाएगा।
सवाल- वनपाल और वनरक्षक भर्ती परीक्षा में नकल रोकने के लिए क्या नेटबंदी की जाएगी?
जवाब- प्रदेश के लगभग 22 लाख अभ्यर्थी वनपाल और वनरक्षक परीक्षा में शामिल होंगे। ऐसे में नकल रोकने के लिए बोर्ड के साथ ही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और पुलिस की टीम प्रदेशभर में तैनात की जाएगी। वहीं नेटबंदी को लेकर जिला कलेक्टर और एसपी स्तर पर ही निर्णय किया जाएगा। कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा नेटबंदी के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
सवाल- कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा पहली बार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) की संविदा पर भर्ती निकाली गई है। क्या भविष्य में इन्हीं परमानेंट किया जाएगा?
जवाब- बोर्ड सरकार की भावनाओं के अनुरूप काम करता है। CHO काफी महत्वपूर्ण भर्ती है। इसलिए सरकार चाहती थी कि संविदा के तौर पर भी कर्मचारी चयन बोर्ड ही CHO भर्ती आयोजित करे। जिससे अभ्यर्थियों की क्वालिटी का स्तर बढ़ेगा और अच्छे कैंडीडेट्स का सिलेक्शन हो पाएगा। अभ्यर्थी की भर्ती कितने वक्त के लिए की जाएगी यह फैसला सरकार के स्तर पर ही किया जाए। हम सिर्फ भर्ती कर योग्य अभ्यर्थियों की अनुशंसा करेंगे।
1. राजस्थान में 90 हजार गेस्ट टीचर्स की भर्ती शुरू:लेक्चरर-पीटीआई की पोस्ट भी; जयपुर में सबसे ज्यादा पद, 30 हजार तक सैलरी
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2. कर्मचारी चयन बोर्ड की एक शर्त ने छीनीं 2793 नौकरियां:एग्जाम के 12 दिन बाद बदला नियम, मिनिमम पासिंग मार्क्स भी नहीं लाए कैंडिडेट
राजस्थान में 35 लाख से ज्यादा ग्रेजुएट बेरोजगार हैं, एक-एक सरकारी पोस्ट के लिए लाखों आवेदन करते हैं। यहां किसी सरकारी भर्ती परीक्षा में पोस्ट खाली रहने की बात लाखों युवाओं के गले नहीं उतर रही। ये हुआ है कंप्यूटर अनुदेशक सीधी भर्ती परीक्षा-2022 में।