साउथ अफ्रीका की फील्डिंग मशहूर, उसी में फेल हुई:इफ्तिखार को 2 जीवनदान दिए, रनआउट-कैच के कई मौके गंवाए

एक समय अपनी बेहतरीन फील्डिंग के लिए जानी जाने वाली साउथ अफ्रीका की टीम गुरुवार को पाकिस्तान से अपनी औसत फील्डिंग के कारण हार गई। ऑस्ट्रेलिया में चल रहे टी-20 वर्ल्ड कप के इस मुकाबले में टीम ने 3 अहम कैच टपकाए। इतना ही नहीं, एक रन आउट का मौका भी गंवाया। यह सब टीम पर भारी पड़े और पाकिस्तानी 185 का टोटल बनाने में कामयाब हो गए। औसत दर्जे की फील्डिंग के इतर बारिश भी साउथ अफ्रीका की जीत में बाधा बनी। टीम ने बारिश के कारण चौथा अहम मुकाबला गंवाया है।
इस स्टोरी में पढ़िए उन कैच ड्रॉप की कहानी। आप उन तीन हार के बारे में भी जानेंगे…जो साउथ अफ्रीकी फैंस कभी नहीं भूलेंगे।

सबसे पहले जानिए यह जीत अहम क्यों…
यदि टीम पाकिस्तान से जीत जाती तो सीधे सेमीफाइनल में प्रवेश कर जाती और अगले मुकाबले में उसके बाद प्रयोग करने और बेंच स्ट्रेंथ को आजमाने का मौका होता। इतना ही नहीं, उसके पास आखिरी मुकाबला जीतकर ग्रुप-2 में टॉप करने का अवसर होता। अब भारत 6 अंक लेकर उसके आगे है और भारत का भी एक मैच बचा है। वहीं, साउथ अफ्रीका 5 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर और उसे सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए अगला मुकाबला जीतना होगा।

पहला : डिकॉक ने इफ्तिखार का कैच छोड़ा
पावर प्ले समाप्त ही हुआ था। 7 ओवर में पाकिस्तान ने 4 विकेट गंवा दिए थे और स्कोर बोर्ड में 43 रन ही दर्ज हुए थे। यहां इफ्तिखार 2 और नवाज शून्य के निजी स्कोर पर खेल रहे थे। आठवां ओवर रबाडा लेकर आए। उन्होंने पहली ही गेंद शार्ट लेंथ पर ऑफ स्टंप के पास फेंकी। बॉल बैटिंग ग्लव्स चूमती हुई विकेट के पीछे चली गई। लेकिन, डिकॉक के दस्तानों से बॉल छिटक गई। बाद में इफ्तिखार ने 35 गेंदों पर 51 रनों की पारी खेली। उन्होंने तीन चौके और दो छक्के जमाए।

दूसरा : स्टब्स ने रन आउट मौका गंवाया
छठवें ओवर की तीसरी बॉल को इफ्तिखार ने कवर की दिशा में खेला और सिंगल लेने निकल पड़े। यहां स्टब्स के पास उन्हें रन आउट करने का मौका मिला। लेकिन, स्टब्स का थ्रो विकेट के ऊपर से निकल गया।

ये कैच भी छूटे…
मार्कराम ने टपकाया कैच

19वें ओवर में नोर्त्यो की गेंद पर मार्कराम ने शादाब खान का कैच टपकाया। हालांकि, तब तक वे अपना काम कर चुके थे। इस बॉल को शादाब ने लॉन्ग ऑन की दिशा में हिट किया। लेकिन मार्कराम ने कैच ड्रॉप कर दिया। हालांकि, इस कैच छूटने से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। क्योंकि, नोर्त्या ने शादाब को अगली ही गेंद पर चलता कर दिया।

पारनेल ने छोड़ा शाह का कैच
पारी का आखिरी ओवर चल रहा था। रबाडा की 5वीं गेंद प्वाइंट पर खड़े वेन पारनेल के पास गई, लेकिन, पारनेल नसीम शाह का कैच नहीं पकड़ सके और पाक टीम को इस गेंद पर तीन रन मिले।

अब बात करते हैं उन 3 अहम मुकाबलों की जो साउथ अफ्रीका को जख्म दे गए।
सबसे पहले बात इसी वर्ल्ड कप की…
24 अक्टूबर : जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच ड्रॉ, एक ही अंक मिला

साउथ अफ्रीकी टीम को 24 अक्टूबर को जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना पहला सुपर-12 मुकाबला खेलना था। तब बारिश विलेन बनी और मुकाबला रद्द हो गया। ऐसे में साउथ अफ्रीका को अंक साझा करना पड़ा। ICC रैंकिंग के अनुसार साउथ अफ्रीका जिम्बाब्वे से बेहतर टीम है और उसके जीतने के चांस ज्यादा थे।

अब बात उन 3 मैचों की
पहला : 1992 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल गंवाया था

आज से 30 साल पहले साउथ अफ्रीका को बारिश के कारण वर्ल्ड कप-1992 का सेमीफाइनल गंवाना पड़ा था। तब टीम मोस्ट प्रोडक्टिव ओवर्स के नियम के तहत हारी थी। उस मैच में इंग्लैंड ने 6 विकेट पर 252 रन बनाए थे। जब बारिश आई तब साउथ अफ्रीका को मैच जीतने के लिए 13 गेंद पर 22 रन बनाने थे। मोस्ट प्रोडक्टिव ओवर्स नियम के लागू होने के बाद जब दोबारा मैच शुरू हुआ, तो साउथ अफ्रीका को एक गेंद पर 21 रन बनाने थे। जो संभव नहीं था। साउथ अफ्रीका 6 विकेट पर 232 रन ही बना सकी।

दूसरा : टाई मैच के कारण 2003 वर्ल्ड कप से बाहर
2003 वर्ल्ड कप के लीग राउंड के आखिरी मैच में साउथ अफ्रीका एक टाई मैच के कारण बाहर हो गया था। उस मैच में भी बारिश ने खलल डाला था। श्रीलंका ने 268 रन बनाए थे। साउथ अफ्रीका ने 20 ओवर्स में 100 रन बना भी लिए थे। साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 32 गेंदों पर 46 रनों की जरूरत थी। तभी बारिश आ गई और मैच टाई हो गया।

तीसरा : 2015 में फिर सेमीफाइनल हारे
2015 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल तो आपको याद होगा। जब पूरी साउथ अफ्रीकी टीम रोने लगी थी। न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए उस मुकाबले में भी बारिश का प्रभाव रहा। साउथ अफ्रीका ने फाफ डु प्लेसी (107 गेंद में 82) और कप्तान एबी डिविलियर्स (45 गेंद में नाबाद 65) की उम्दा पारियों के बाद डेविड मिलर (18 गेंद में 49 रन) की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की मदद से पांच विकेट पर 281 रन बनाए। फिर बारिश होने के कारण मैच को 43 ओवर का कर दिया। संशोधित लक्ष्य को न्यूजीलैंड ने आसानी से हासिल कर लिया।