आजमगढ़ जिले के मंदुरी एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए और अधिक जमीन की आवश्यकता है। ऐसे में मंदुरी के आस-पास की जमीनों के अधिग्रहण के प्रयास में जिला प्रशासन लगा हुआ है। हालांकि सरकार और जिला प्रशासन के इस रवैय्ये के खिलाफ सपा, बसपा और कांग्रेस के नेता भी लगातार डीएम को ज्ञापन देकर अपना विरोध जता रहे हैं। वहीं जिन जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है वहां (जामुवा) की बड़ी संख्या में महिलाएं 24 दिनों से लगातार धरने पर बैठी हैं। महिलाओं का कहना है कि हमका हमार जमीन चाहीं, हवाई जहाज नाहीं।
महिलाओं का कहना है कि हम लोग बहुत गरीब हैं। किसी तरह से अपने घर-परिवार की अजीविका चलाते हैं। ऐसे में यदि सरकार यहां से हम लोगों को हटाती है तो हम लोगों के सामने बड़ा संकट आ जाएगा। इस जमीन अधिग्रहण में हसनपुर, कादीपुर हरिकेश, जमुआ, जोलहा, गदनपुर,हिंछन पट्टी, मंदुरी, जेहरा पिपरी, जिगिना गांव आ रहे हैं। ऐसे में यहां के लोग लगातार विरोध कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं के हाथ में ‘जान दे देंगे पर जमीन नहीं’ की तख्तियां और पोस्टर हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से बात की और अपना दर्द साझा किया।
सुभावती बोली- हमें जहाज न चाही
सुभावती देवी का कहना है कि हम लोग बहुत ही गरीब हैं। किसी तरह से मजदूरी कर दोनों टाइम का खाना जुटाते हैं। किसी के पास एक बिस्वा जमीन है तो किसी के पास दो बिस्वा। ऐसे में हम लोगों को जहाज न चाही। यह जमीन जब सरकार ले लेगी तो हम लोग क्या खाएंगे और किस देश में जाएंगे। रूंधे गले से सुभावती का कहना है कि अब तो मांगने पर भीख भी नहीं मिलेगी।
किशमती देवी बोलीं- जमीन चली गई तो हम लोग कहां जाएंगे
धरना दे रही किशमती देवी का कहना है कि हम लोगों के पास खेती भी बहुत कम है। अगर हम लोग अपना सब कुछ दे देंगे तो हम कहां जाएंगे। हम लोग मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। हम लोगों को एयरपोर्ट नहीं चाहिए। अब हम लोग कहां जाएंगे और क्या खाएंगे। हमारे साथ हमारे जानवर भी रहते हैं। हमारी सरकार से मांग है कि जहां बंजर हो, वहां की जमीनों का अधिग्रहण करे।
पुष्पा का कहना है कि दिहाड़ी से हम लोगों का परिवार चलता है। हमारी मांग है कि एयरपोर्ट को कहीं जंगल या आउट एरिया में बनाया जाए। हम लोग सरकार को अपने विकास के लिए चुने थे पर हम लोग बहुत दुखी है। आज सरकार हम लोगों के साथ अच्छा नहीं कर रही है।
नीलम का कहना है कि सर्वे करने आई टीम ने महिलाओं और बच्चों के साथ अभद्रता की। जब हम लोगों के विरोध के कारण दिन में सर्वे नहीं हो पाया तो रात में टीम सर्वे करने आई। बड़ी संख्या में माताओं और बहनों के साथ हाथापाई की।
धरने में शामिल सुजय उपाध्याय का कहना है कि जमीन अधिग्रहण होने से लगभग 3600 मकान प्रभावित हो रहे हैं। इसके साथ ही लगभग 40 हजार की आबादी के सामने संकट आ गया है। दक्षिण दिशा में जो खाली जमीन है, वहां पर सरकार इस प्रोजेक्ट को ले जाए। हम लोग बहुत गरीब तबके से हैं। ऐसे में हम लोग कहां जाएंगे। किसानों के घर, परिवार को उजाड़ने से अच्छा है उसे शिफ्ट करिए। हम लोगों को उजाड़ कर हवाई अड्डा बनाना, ये कहां का न्याय है।