मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि परम्परागत खेती के बदलते स्वरूप के साथ नई तकनीक अपनाकर किसान आर्थिक उत्थान की ओर अग्रसर हो सकते हैं। इसी उद्देश्य के साथ सरकार कृषि क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में कारगर कदम उठा रही है, जिससे किसानों की आय में भी इजाफा होगा। मुख्यमंत्री पलवल के गांव सिहौल में धानुका एग्रीटेक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र के उदघाटन के बाद कृषि विशेषज्ञों से सीधा संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को नई तकनीक से खेती करने की दिशा में प्रेरित करेंगी। स्वदेशी कंपनी धानुका किसानों के हित में काम कर रही है, जिससे किसानों की आय में निश्चित रूप से वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती कई पहलुओं पर निर्भर करती है। किसान पहले नई तकनीकों से अवगत नहीं थे। लेकिन आज समय की मांग के अनुरूप खेती करने का समय है, लिहाजा कृषि क्षेत्र में अनुसंधान की सख्त जरूरत है। उन्होंने धानुका प्रबंन्धन को अनुसंधान और विकास केंद्र की शुरुआत पर हर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का भरोसा दिया।
पेस्टीसाइड बढ़ने से अन्न हो रहा जहरीला
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेस्टीसाइड बढऩे से अन्न जहरीला हो रहा है और अनुसंधान केंद्र आज की आवश्यकता है । पानी जहरीला, अन्न का जहरीला होना, हवा का जहरीला होना मानवता के लिए खतरा है। इन खतरों से निपटने के लिए अनुसंधान केंद्र अपनी भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की जगह 3 एम-मूंग, मस्टर्ड और मक्का को सरकार तरजीह दे रही है। उन्होंने नवनिर्मित इस अनुसंधान केंद्र में कृषि क्षेत्र से जुड़ी 11 प्रकार की प्रयोगशाला बनाई गई है, जिनके माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म की खेती करने में सहायता मिलेगी। प्रशिक्षण केंद्र से किसानों को लाभ मिलेगा ताकि वे अच्छी खेती कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को बागवानी, मछली पालन, पशु पालन और अन्य विकल्पों के प्रति भी प्रोत्साहित कर रही हैं।
रचनात्मक कार्याें में होगा ड्रोन का इस्तेमाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ड्रोन का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। खेती, खनन और ट्रैफिक को लेकर सरकार द्वारा दृश्य नामक कारपोरेशन बनाया गया है,जिसके चलते रचनात्मक कार्यों में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। इतना ही नहीं ड्रोन के इस्तेमाल के लिए सरकार द्वारा ट्रेनिंग का भी प्रावधान किया जाएगा। अनुसंधान केंद्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्णपाल गुज्जर ने कहा कि हरियाणा कृषि प्रधान प्रदेश है और यह अनुसंधान केन्द्र न केवल पलवल बल्कि साथ लगते क्षेत्रों के किसानो को इसका खासा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में किसानों को फसल विविधकरण के साथ साथ अधिक मुनाफा देने फसलों के लिए प्ररित कर रही है। इस अवसर पर पलवल के विधायक दीपक मंगला, मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर मुकेश वशिष्ठ, एमके धानुका, चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डाॅ. बीआर कंबोज, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. समर सिंह, कृषि विशेषज्ञ एएस तोमर, बीएस सहरावत, बीएस दलाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।