Shaheed Express Derailed in Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर सोमवार को एक बड़ा हादसा होने से बाल-बाल टल गया। स्टेशन के आउटर पर सुबह 7:45 बजे शहीद एक्सप्रेस (4674) के दो कोच पटरी से उतर गए। आननफानन में आरपीएफ और जीआरपी की टीम मौके पर पहुंची। दोनों कोचों में करीब 155 यात्री सवार थे। हालांकि गाड़ी की गति धीमी होने के कारण कोई यात्री हताहत नहीं हुआ लेकिन करीब 30 मीटर तक की पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम संजय त्रिपाठी ने एक समिति का गठन करके जांच के निर्देश दिए हैं। दोनों कोचों में सवार करीब 125 यात्रियों को अन्य कोचों में समायोजन करने के बाद गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया। पंजाब के अमृतसर से बिहार के जयानगर जा रही थी एक्सप्रेस…
डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि पंजाब के अमृतसर से बिहार के जयनगर जा रही शहीद एक्सप्रेस (4674) दो कोच पटरी से उतर गए। एक्सप्रेस उस समय दुर्घटनाग्रस्त हुई जब चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंच रही थी। ट्रेन खम्मन पीर मजार के पास पटरी से उतरी। उस वक्त ट्रेन की गति 8 से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से थी। ट्रेन चला रहे चालक प्रेम दीपक और सहायक चालक राजेश प्रजापति का रेलवे प्रशासन ने मेडिकल जांच कराने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त दोनों कोचों को ट्रेन से अलग करके ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर 7 तक पहुंचाया और यहां कटे हुए हिस्से को मुख्य ट्रेन के हिस्से में जोड़कर रवाना किया गया। ट्रेन अपने निर्धारित समय से कई घंटे विलंब से रवाना हो सकी।
सायरन बजते ही मचा हड़कंप: चारबाग स्टेशन पर शहीद एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की सूचना मिलते ही सायरन बज गया। रेलवे पुलिस से अफसरों में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे डीआरएम संजय त्रिपाठी अपर मंडल रेल प्रबंधक अश्वनी श्रीवास्तव व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सहित कई अधिकारी पहुंचे। वहीं, दुर्घटना राहत ट्रेन भी तैयार कर ली गई थी, लेकिन इसकी जरूरत अफसरों ने महसूस नहीं की। मौके पर पहुंची चिकित्सा की टीम ने यात्रियों की जांच की। हालांकि, कोई यात्री चोटिल नहीं हुआ।
यात्रियों का स्टेशन पर हंगामा: पटरी से उतरे कोच के यात्रियों ने चारबाग स्टेशन पर हंगामा किया। यात्री सोनू संजीव अवधेश और दीपक ने आरोप लगाया कि उनका आरक्षित टिकट था, लेकिन अफसरों ने जबरदस्ती अन्य कोचों में सामायोजित कर दिया। लेकिन यात्रियों ने अपनी सीट पर बैठाने से इन्कार कर दिया। यात्री जब्बार की एसी थ्री में सीट आवंटन थी और संजीव सिंह की भी सीट थर्ड एसी के आठ और 6 नंबर आवंटित थी, लेकिन उन्हें कोच नंबर B2 में बिठा दिया गया। यात्रियों के मुताबिक, उन्हें दरभंगा जाना है और सिवान ऐसे में इतना लंबा सफर आखिर खड़े होकर कैसे किया जा सकता है। वहीं, जर्नल कोच की यात्री भी शौचालय के पास बैठने को विवश रहे। क्योंकि जनरल कोच में भी वर्तमान में आरक्षण कराकर ही टिकट करने की इजाजत है। ऐसे में यात्रियों के लिए रेल प्रशासन ने कोई अतिरिक्त कोचों की व्यवस्था एक्सप्रेस में नहीं की।
डीआरएम बोले- दोषियों पर होगी कार्रवाई: डीआरएम संजय त्रिपाठी के मुताबिक, दोनों कोचों में केवल 155 यात्री थे, उनके लिए व्यवस्था की गई थी। कोई हताहत नहीं है। ट्रेन अभी यार्ड से रवाना हुई थी और धीमी गति से चल रही थी। यह जांच का विषय है कि पटरी से उतरी कैसे। एक समिति बनाई जा रही है, जो मामले की जांच करेगी। दोषियों पर कार्रवाई होगी।