खत्म होने वाले हैं ये 5 प्रोफेशन्स:सावधान रहिए, अपने स्किल्स को अपग्रेड कर पाएं जॉब सिक्योरिटी

हम हमेशा अगले दो वर्षों में होने वाले परिवर्तन को अधिक आंकते हैं और अगले दस सालों में होने वाले परिवर्तन को कम आंकते हैं।

– बिल गेट्स

करिअर फंडा में स्वागत!

बदल रही है दुनिया

जीवन की एक ही सच्चाई है – नित्य परिवर्तन (steady change)।

कल्पना कीजिए आपने अपने जीवन के अमूल्य 8-10 वर्ष ऐसी चीज सीखने में लगा दिए जिसका स्कोप भविष्य में समाप्त होने वाला है या फिर बहुत कम होने वाला है! तो ऐसा होना आपके जीवन में बड़ी समस्या ला सकता है।

इसलिए आज मैं आपको बताऊंगा वो कौन से 5 करिअर हैं जिनके भविष्य में समाप्त होने या बहुत कम स्कोप रह जाने की सम्भावना है।

एक सिंपल एनालिसिस

A. अपने आस-पास नजर डालिए, और सोचिए पिछले बीस-पच्चीस साल में क्या चेंज आया है।

B. पहले हर थोड़ी दूर पर फोन करने के लिए STD/PCO बूथ हुआ करते थे, डिश टीवी ऑपरेटर को हम अपना मनचाहा चैनल चलाने और संडे को मनचाही फिल्म लगाने के लिए फोन करते थे, सैलरी होने पर रविवार को बैंक में लाइन में लगकर पैसे निकालना या क्लीयरिंग के लिए चेक को बैंक में जमा कराने जाते थे, और हां, रेलवे रिजर्वेशन की लाइन में भी लगते थे।

C. ये सब खत्म हो गया, जैसे-जैसे नए ऑप्शंस आते गए।

5 करिअर जो निकट भविष्य में समाप्त हो जाएंगे

मुझे लगता है इन पांच फील्ड्स के लोगों को खुद को नई स्किल सीख कर एक नई दुनिया के लिए तैयार कर लेना चाहिए। डरने से, या निराश होने से, कुछ नहीं होगा। पॉजिटिव एट्टीट्यूड से चलें।

1) ट्रैवल एजेंट

आज से महज कुछ साल पहले तक यदि रेलवे रिजर्वेशन / बस टिकट लेना हो या हवाई जहाज का, या तो खुद रिजर्वेशन काउंटर की लाइन में लगना होता था या फिर ट्रैवल एजेंट से संपर्क करना होता था।

A. यात्रा की प्लानिंग भी महीनों पहले से करनी होती थी। अब सब कुछ ऑनलाइन हो जाता है, ‘तत्काल रेलवे रिजर्वेशन’ से यात्रा की प्लानिंग भी कुछ दिनों पहले की जा सकती है।

B. ऐसी वेबसाइट्स उपलब्ध है जो विभिन्न होटल्स की सुविधाओं के साथ उनके रेंट की तुलना करके आपको बता देती हैं।

C. आप ऑनलाइन, अपने पसंदीदा पर्यटन स्थल पर पहले से ही ‘ट्रांसपोर्ट सुविधा’ उपलब्ध करवा सकते हैं, खाना आर्डर कर सकते हैं।

D. समय के साथ ये सभी टेक्नोलॉजी और बेहतर होती जाएंगी, तो कहने का मतलब ये कि ट्रेडिशनल ट्रैवल एजेंट्स के लिए बहुत कम काम होने की सम्भावना है।

E. आज जो ट्रैवल एजेंट्स हैं, उन्हें ट्रैवल कंसल्टेंट्स बनने की दिशा में, और संपूर्ण सॉल्यूशन प्रोवाइडर बनने की कोशिश करना चाहिए।

2) कैशियर/अकाउंटेंट/बैंकर

आपने और हमने पिछले सालों में खुद देख लिया कि कैसे ATM मशीन्स के लग जाने से बैंकों में केश के लिए लगने वाली कतारें पहले ही नदारद हो चुकी हैं।

A. अब कई ऐसे अकाउंटिंग ऐप उपलब्ध हैं जिसमें छोटे और मध्यम व्यवसायों के लोग अपने व्यवसाय की अकाउंटिंग खुद ही कर सकते हैं।

B. बैंक के ज्यादा से ज्यादा काम जैसे, मनी ट्रांजैक्शन, बैंक लोन, FD बनाना ऑनलाइन होते जा रहे हैं।

C. क्रिप्टोकरंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से पूरे बैंकिंग क्षेत्र के रिडिजाइन हो जाने का टाइम आ चुका है।

D. RBI के द्वारा डिजिटल रुपया लाने के बाद चीजें और बदल जाएंगी।

E. तो इन फील्ड्स में काम करने वालों को अपना वैल्यू ऐड करते हुए, वैल्यू चेन में ऊपर उठना जरूरी है।

3) ट्रांसलेटर और इंटरप्रेटर्स (अनुवादक और दुभाषिए)

एक समय था जब किसी भी भाषा को दूसरी भाषा में ट्रांसलेट करना एक विशेषज्ञ का काम होता था। आज, कोई भी इंसान, गूगल ट्रांसलेट से कई भाषाओं का ट्रांसलेशन कई और भाषाओं में फ्री में कर सकता है।

A. यदि क्वालिटी की मांग बहुत अधिक ना हो और केवल अंडरस्टैंडिंग के लेवल पर करना हो तो आज कोई भी किसी भी भाषा के वाक्यों को किसी और भाषा में ट्रांसलेट फ्री में कर सकता है या फिर किसी दूसरी भाषा के वाक्यों को अपनी भाषा में ट्रांसलेट कर के समझ सकता है।

B. विभिन्न भाषाओं के ऑथेंटिक उच्चारण की वेबसाइट्स पहले ही उपलब्ध हैं।

C. कहने का मतलब है विशेषज्ञ ट्रांसलेटर्स और इंटरप्रेटर्स की जरूरत बहुत कम हो सकती है और शायद थोड़ी ट्रेनिंग के बाद कोई भी व्यक्ति इसे आसानी से कर पाए।

D. तो इन फील्ड्स के लोगों को अब नई स्किल्स सीखते हुए लैंग्वेज ट्रेनिंग, लैंग्वेज राइटिंग आदि फील्ड्स में जाना चाहिए।

4) मूवी थियेटर वर्कर्स

रात के आठ बजे हैं, आप का मूड फिल्म देखने का है, इमैजिन कीजिए आप के पास दो ऑप्शंस हैं, तैयार होकर (सामाजिक रूप से एप्रोप्रियेट कपड़े पहनकर), ट्रैफिक से गुजरकर, मुश्किल से पार्किंग प्लेस ढूंढकर, तीन मंजिल ऊपर फिल्म देखने जाना पसंद करेंगे या घर पर आरामदायक कपड़ों में सुकून से पांव लम्बे कर के अपने बेडरूम या ड्राइंग रूम में ?

और पॉपकॉर्न आपके गैस-चूल्हे पर दस रुपये में बन जाएंगे!

जी हां, मूवी थियेटर्स पहले से ही खतरे में है। अधिक-से-अधिक अच्छे होम थियेटर ऑप्शंस और स्मार्ट TVs के आने के बाद ये खतरा और बढ़ गया है। ये कभी बंद नहीं होंगे, पर इनका बिजनेस वो नहीं रहेगा जो था।

5) ड्राइवर

ड्राइवर को ‘अर्थव्यवस्था का सैनिक’ कहा गया है, लेकिन अब कई कंपनियां ‘सेल्फ ड्राइविंग व्हीकल्स’ को डिजाइन करने में ‘टेस्टिंग की स्टेजेस’ में हैं।

A. कुछ सालों में ये मार्केट में होंगे। यह तकनीक शायद पहले कारों से शुरू होते हुए ये पब्लिक ट्रांसपोर्ट से लेकर हाईवे पर माल ले जाते ट्रक्स सभी को बदलने की ताकत रखती है।

B. तो यह रिक्शा/टैक्सी ड्राइवर्स, ट्रक/बस ड्राइवर्स आदि के लिए सोचने की बात है।

C. उन्नत और सस्ते ड्रोन्स आने से ‘फ़ूड डिलीवरी पर्सन्स’, ‘सिक्योरिटी गार्ड्स’ आदि का कार्य भी काफी कम हो जाएगा।

D. सरकार को भी, ड्राइवर्स को नई स्किल सिखाने की जिम्मेदारी लेनी होगी, और उनमें से कई को ड्रोन फील्ड में जाने को तैयार करना होगा।

E. ड्राइवर्स हमेशा रहेंगे, लेकिन उनका एक ऑप्शन आ जाने के बाद, सिस्टम बहुत बदलेगा।