हरियाणा के सामने इन दिनों कूड़े का पहाड़ खड़ा हुआ है। इसके लिए सरकार 2023 में 262 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। राज्य सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन के तहत केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय को भी इससे निपटने के लिए 155 करोड़ रुपये की डिमांड भेजी है। अब तक 38.74 लाख मीट्रिक टन (MT) कचरे का निस्तारण सरकार कर चुकी है।
101 लाख मीट्रिक टन कचरे की होगी प्रोसेसिंग
राज्य में 101 लाख MT पुराने कचरे की प्रोसेसिंग की जानी है। अब तक 38.74 लाख MT कचरे का निस्तारण किया जा चुका है। बचे 62.60 लाख MT पुराने कचरे का निस्तारण करने का लक्ष्य तय किया गया है। CS संजीव कौशल ने कहा कि लेगेसी वेस्ट के प्रसंस्करण पर लगभग 262 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी।
छोटे क्रशर लगाने की तैयारी
राज्य के संबंधित अधिकारियों को सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि पुराने कचरे के निस्तारण के लिए बड़े प्लांट लगाने की बजाय छोटे-छोटे क्रशर लगाए जाएं। सरकार की ओर से अंबाला, कैथल और यमुनानगर जिलों द्वारा कचरा प्रसंस्करण के कार्य में बेहतर प्रदर्शन करने पर उनकी प्रशंसा की है।
राज्य के संबंधित अधिकारियों को सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि पुराने कचरे के निस्तारण के लिए बड़े प्लांट लगाने की बजाय छोटे-छोटे क्रशर लगाए जाएं। सरकार की ओर से अंबाला, कैथल और यमुनानगर जिलों द्वारा कचरा प्रसंस्करण के कार्य में बेहतर प्रदर्शन करने पर उनकी प्रशंसा की है।
अभी ये किए जा रहे काम
- डंपिंग साइट बस्ती या रिहायशी इलाकों से दूर बनाया जाए।
- इसके बाद भी साइट एरिया में चाहरदीवारी-बाड़बंदी की जाए।
- नियमित रूप से डंपिंग साइट पर जांच की किया जाना आवश्यक।
- निकायों द्वारा समय-समय पर भूजल की गुणवत्ता का परीक्षण अनिवार्य।
NGT ने दिए निर्देश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की निगरानी समिति के अध्यक्ष जस्टिस प्रीतम पाल ने हरियाणा के अधिकारियों को ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में ढिलाई बरतने वाले अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की निगरानी समिति के अध्यक्ष जस्टिस प्रीतम पाल ने हरियाणा के अधिकारियों को ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में ढिलाई बरतने वाले अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे।