अमेरिका मिड टर्म इलेक्शन:ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी आगे, बाइडेन हारे तो बड़े फैसले नहीं ले पाएंगे

अमेरिका में मिड टर्म इलेक्शन चल रहे हैं। ये चुनाव राष्ट्रपति बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए अग्निपरीक्षा है। इसके रिजल्ट 2024 के राष्ट्रपति चुनाव को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे। आसान शब्दों में समझें तो लोगों के वोटों के आधार पर राष्ट्रपति की उम्मीदवारी तय की जाती है और फिर राष्ट्रपति चुना जाता है।

बहरहाल, ये 2024 की बात है। यहां हम इन मिड टर्म इलेक्शन के बारे में जानकारी दे रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में रिपब्लिकन पार्टी ने 207 सीटें जीत ली है। बहुमत के लिए 218 सीटें चाहिए है। वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी 189 सीटें ही जीत पाई है। ऐसे में अगर इन मिड टर्म इलेक्शन में बाइडेन और उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी बहुमत खो देते हैं तो वो काफी कमजोर हो जाएंगे।

दूसरे शब्दों में कहें तो बाइडेन फिर नाम के ही राष्ट्रपति रह जाएंगे। हर बड़ा फैसला लेने के लिए उन्हें संसद में विपक्ष यानी डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के भरोसे रहना होगा। क्योंकि जिस भी पार्टी की जीत होती है यानी संसद में जिस पार्टी के मेंबर्स ज्यादा होते हैं उस पार्टी का दबदबा होता है। वही पार्टी कानून बनाने में ज्यादा अहम रोल अदा करती है।

संसद को दोनों सदनों के काम पर एक नजर
भारत की तरह अमेरिका में भी संसद ही कानून बनाती है। हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव तय करता है कि किन कानूनों पर वोटिंग होगी। इसके बाद सीनेट उन कानूनों को अप्रूव या ब्लॉक करता है। इसके साथ ही सीनेट राष्ट्रपति ने जिन लोगों को नियुक्त किया है उन्हें कन्फर्म करता है। यहां तक की जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति के खिलाफ जांच भी सीनेट ही करता है।

अब तक सीनेट में कमजोर रही बाइडेन की पार्टी
पिछले दो साल से हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में प्रेसिडेंट जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी 221 सीटों के साथ बहुमत में रही है। लेकिन, सीनेट में कांटे की टक्कर थी। यहां रिपब्लिकन पार्टी के पास 50 तो डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 48 सीटें रहीं। 2 स्वतंत्र सीटें बाइडेन सरकार का समर्थन में रहीं। इसलिए इस बार हो रहे इलेक्शन बाइडेन के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं।

रिपब्लिकन जीती तो ट्रम्प पर चल रहे केस खत्म
मिडटर्म इलेक्शन में यदि बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी जीती तो वे अपने क्लाइमेट चेंज, हेल्थ केयर प्रोग्राम को आगे बढ़ा सकेंगे। इसके अलावा वो गर्भपात का अधिकार खत्म होने से बचा सकते हैं। साथ ही गन वायलेंस के खिलाफ सख्त कानून ला सकते हैं। लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी जीती, तो वो बाइडेन के एजेंडों पर रोक लगा देगी। इसके अलावा उनके पास इन्वेस्टिगेटरी कमेटी का कंट्रोल होगा। इससे वो 6 जनवरी 2021 को हुई US कैपिटल हिंसा मामले में चल रही जांच खत्म कर सकेंगे।

बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी ट्रम्प की रिपब्लिकन से पीछे
मई 2022 में अमेरिकी चुनाव के लिए प्राइमरी हुई। प्राइमरी के दौरान दोनों प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार जनता के बीच जाते हैं और लोकप्रियता के आधार पर फिर अपनी ही पार्टी में उम्मीदवारी पाते हैं। इसमें ट्रम्प की पार्टी बाइडेन की पार्टी से आगे रही।

द हिल की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन की पार्टी को मिड टर्म चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में बाइडेन की लोकप्रियता में कमी आई है। उन्हें महंगाई, कोरोना मिस-मैनेजमैंट, फ्यूल के बढ़े दामों का जिम्मेदार माना जा रहा है। ऐसे में संसद में ट्रम्प की पार्टी का दबदबा होगा। इसके आधार पर वो 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए साफ तौर पर खड़े हो जाएंगे।

ट्रम्प 14 नवंबर को 2024 के चुनाव लड़ने का ऑफिशियल अनाउंसमेंट कर सकते हैं

सिओक्स सिटी में एक रैली में ट्रम्प ने साफ कर दिया कि वो 2024 में होने वाले US प्रेसिडेंट इलेक्शन में उतरने का मन बना रहे हैं। उन्होंने कहा- देश को सुरक्षित बनाने के लिए, मैं दोबारा चुनाव में खड़ा हो सकता हूं। मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि आप सब तैयार हो जाएं। इसके पहले भी एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था- मेरे चुनाव लड़ने से बहुत लोगों को खुशी होगी। सब चाहते हैं कि मैं इलेक्शन में खड़ा हो जाऊं। मेरी पॉपुलैरिटी ज्यादा है। मैं, प्रेसिडेंट कैंडिडेट पर किए जाने वाले हर तरह के पोल और सर्वे में भी आगे हूं।

बाइडेन की पार्टी 2024 के लिए नया चेहरा तलाश रही

एक तरफ जहां ट्रम्प दोबारा प्रेसिडेंट इलेक्शन में खड़े होने का मन बना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बाइडेन की पार्टी नहीं चाहती की वो दोबारा चुनाव लड़ें। मई, 2022 में बाइडेन की अपनी ही पार्टी में अप्रूवल रेटिंग 9% घटकर सिर्फ 73% रह गई। पार्टी नए चेहरे की तलाश कर रही है। यहां तक की डेमोक्रेटिक कमेटी के सदस्य स्टीव साइमोनिडीज का कहना है कि मिडटर्म के इलेक्शन के बाद ही बाइडेन को 2024 का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर देना चाहिए। अगले राष्ट्रपति के चुनाव में बाइडेन 82 साल के हो जाएंगे। बाइडेन विरोधियों का कहना है कि इस उम्र में उनके लिए ट्रम्प जैसे नेता के मुकाबले भाग-दौड़ करना मुश्किल होगा।