पीएचडी के बदले नियम:वर्किंग प्रोफेशनल्स कर सकेंगे पार्ट टाइम पीएचडी, जर्नल में रिसर्च पेपर प्रकाशित करने की शर्त खत्म

नई दिल्ली। यूजीसी ने पीएचडी करने के नियमों में बदलाव किया है। दाखिला प्रक्रिया, अर्हता शर्तों व मूल्यांकन के बारे में बुधवार काे नई अधिसूचना जारी की है। पीएचडी के लिए नई श्रेणी जोड़ी है-पार्ट टाइम पीएचडी। इसके तहत वर्किंग प्रोफेशनल पार्ट टाइम पीएचडी कर सकता है। इसके लिए फुल टाइम पीएचडी की शर्तो को पूरा करना हाेगा। किसी रिसर्च जर्नल में पेपर प्रकाशित करने और काॅन्फ्रेंस में प्रजेंटेशन की शर्त खत्म कर दी गई है। चार साल के ग्रेजुएशन या 8 सेमेस्टर में कम से कम 75% अंक होना अनिवार्य योग्यता होगी।

एक साल का पीजी कोर्स करना भी जरूरी होगा। हालांकि जिन छात्रों ने पारंपरिक तीन साल का ग्रेजुएशन किया है, उन्हें यूजी के बाद दो साल का पीजी करना अनिवार्य होगा। अभी तक पीजी में 55% वाले छात्रों या एमफिल कर चुके छात्रों का इंटरव्यू लेकर पीएचडी में दाखिला मिल जाता था।

संस्थानों को छूट होगी कि वे चाहे तो नेट-जेआरएफ या अलग प्रवेश परीक्षा के जरिए दाखिला दें। प्रवेश परीक्षा में छात्रों से 50 फीसदी सवाल शोध प्रक्रिया पर और 50 फीसदी सवाल विषय विशेष पर पूछे जाएंगे। 70 फीसदी वेटेज परीक्षा और 30 फीसदी वेटेज इंटरव्यू का हाेगा।