नोएडा में पालतू डॉग को घुमाने के लिए अब सुरक्षा मानकों का पूरा पालन करना होगा। डॉग के मुंह को कवर करना होगा। जगह-जगह गंदगी न करे, इसके लिए अपने साथ पूरा साजो सामान लेकर चलना होगा। गंदगी फैलाने पर जुर्माना लगेगा। इसके अलावा लिफ्ट से डॉग को लाने और ले जाने में भी सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा।
पालतू डॉग का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रहेगा। नहीं कराने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। आरडब्ल्यूए और सोसाइटी के एओए की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। इस पॉलिसी को 207वीं बोर्ड में रखा जाएगा। जिसे अनुमोदन कर शासन को भेजा जाएगा। लागू करने से पहले आरडब्ल्यूए और सोसाइटी के लोगों से इस पर आपत्ति और सुझाव लिए जाएंगे। इसके बाद इसके लागू कर दिया जाएगा।
बोर्ड बैठक 12 नवंबर को होगी और इसमें 8 से 10 एजेंडे रखे जाएंगे। बोर्ड बैठक को लेकर नोएडा प्राधिकरण में तैयारी शुरू हो गई है। गुरुवार को भी प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी बोर्ड बैठक के लिए प्रस्तावों को अंतिम रूप देने में जुटे रहे।
स्ट्रक्चर ऑडिट पालिसी को किया जाएगा लागू
आधिकारिक सूत्रों की माने तो शहर की ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के स्ट्रक्चर ऑडिट की मांग लंबे समय से खरीदार कर रहे हैं। आए दिन सोसाइटियों में प्लास्टर गिरने समेत अन्य शिकायतें आ रही हैं। लोग घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग होने का आरोप लगा रहे हैं।
इस पॉलिसी को हरियाणा में लागू पॉलिसी को आधार मानकर बनाया गया है। दरअसल, बिल्डर द्वारा अवैध निर्माण, लीकेज, एओए को आईएफएमएस का पैसा नहीं देने समेत कई शिकायतें खरीदारों की हैं। इसको लेकर भी पॉलिसी तैयार की जा रही है।
इसके इन एजेंडों को किया जाएगा शामिल
- व्यवसायिक विभाग की संपत्ति की ई-नीलामी के लिए न्यूनतम तीन आवेदक होने का नियम नहीं था, जिसको अब लागू किया जाएगा।
- कार्मिक विभाग से कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने से संबंधित एक शासनादेश को प्राधिकरण में लागू किया जाएगा।
- औद्योगिक विभाग की ओर से निवेश को लेकर भी एक एजेंडा जाएगा
- न्यू नोएडा के मास्टर प्लान की आपत्ति और सुझाव को लेकर चर्चा की जाएगी।
206 बोर्ड के मुद्दों पर होगी बैठक
20 सितंबर 2022 को प्राधिकरण की 206वीं बोर्ड बैठक हुई थी जिसमें ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक, संस्थागत, व्यवसायिक संपत्ति के बकाएदारों के लिए ओटीएस, सेक्टर-82 टर्मिनल से बसें चलाने, नए नोएडा का मास्टर प्लान समेत अन्य प्रस्ताव रखे गए थे। कई प्रस्ताव को मंजूरी के लिए शासन के पास भेजे जा चुके हैं लेकिन अभी तक उन पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। इनमें अधिकतर किसानों जुड़े मामले है।