FTX केस में भारतीय मूल के निषाद की भी जांच:को-फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड के करीबी है निषाद सिंह, 2017 में सहयोगी संस्था अल्मेडा रिसर्च से जुड़े थे

दुनिया के बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक FTX के डूबने के बाद भारतीय मूल के निषाद सिंह जांच के दायरे में हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निषाद उन 9 लोगों में शामिल हैं जिन्हें FTX के को-फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड का करीबी माना जाता है। निषाद सिंह दिसंबर 2017 में FTX की सहयोगी संस्था अल्मेडा रिसर्च से जुड़े थे, जो इस वक्त विवाद के केंद्र में है। इससे पहले, उन्होंने फेसबुक में करीब पांच महीने तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया।

17 महीने तक डायरेक्टर ऑफ इंजीनियरिंग
अल्मेडा रिसर्च में, वह 17 महीने तक डायरेक्टर ऑफ इंजीनियरिंग रहे। फिर वह अप्रैल 2019 में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज FTX में चले गए, और तब से उसी टॉप इंजीनियरिंग पोस्ट पर हैं। निषाद सिंह FTX के को-फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड के इंटरनल सर्कल में थे। क्रिप्टो न्यूज वेबसाइट कॉइनडेस्क के मुताबिक चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर गैरी वांग, निषाद और सैम कोड को कंट्रोल करते थे।

गुप्त रूप से 10 बिलियन डॉलर ट्रांसफर
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने शुक्रवार को बताया कि सैम बैंकमैन-फ्राइड ने गुप्त रूप से FTX से अल्मेडा में 10 बिलियन डॉलर के कस्टमर फंड ट्रांसफर किए थे। वॉल स्ट्रील जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा, अल्मेडा रिसर्च के CEO कैरोलिन एलिसन ने बुधवार को एक वीडियो मीटिंग में कर्मचारियों को बताया कि वह, सैम बैंकमैन-फ्राइड, और दो अन्य अधिकारी, निषाद सिंह और गैरी वांग कस्टमर फंड ट्रांसफर करने के बारे में जानते थे।

2017 में इंजीनियरिंग की
निषाद सिंह की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने कैलिफोर्निया के क्रिस्टल स्प्रिंग्स अपलैंड्स स्कूल में पढ़ाई की और 2017 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन की डिग्री ली।

पूरा मामला समझें
फाइनेंशियल गड़बड़ियों के कारण लिक्विडिटी क्रंच में आई FTX ट्रेडिंग लिमिटेड दिवालिया हो गई है। FTX दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एफिलिएटेड क्रिप्टो ट्रेडिंग कंपनी थी। इस पूरे मामले को समझने के लिए सबसे पहले पहले FTX और बाइनेंस क्या हैं इसे समझना होगा। FTX और बाइनेंस क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज हैं। यानी वे ग्राहकों को डिजिटल करेंसी में ट्रेडिंग करेने की सुविधा देते हैं।

इंडस्ट्री डेटा ट्रैकर कॉइन मार्केट कैप के अनुसार, ये दोनों एक्सचेंज दुनिया के सभी क्रिप्टो ट्रेडों में से ज्यादातर को प्रोसेस करते हैं। इसे, सैम बैंकमैन-फ्राइड चलाते थे। इसका मुख्यालय बहामास में है। सबसे बड़ा एक्सचेंज बाइनेंस है जिसे अरबपति चांगपेंग झाओ चलाते हैं। इसका कोई आधिकारिक मुख्यालय नहीं है और बड़े पैमाने पर अमेरिका के बाहर काम करता है। FTX में शुरुआती निवेशकों में एक बाइनेंस भी था।

FTX मुश्किल में क्यों आया?
FTX में FTT नामक एक नेटिव क्रिप्टोकरेंसी टोकन है, जिसका इस्तेमाल ट्रेडर्स ट्रांजैक्शन फीस पेमेंट करने जैसे ऑपरेशन के लिए करते हैं। पिछले साल, झाओ ने FTX में अपनी हिस्सेदारी बैंकमैन-फ्राइड को वापस बेच दी थी।

इसके लिए फ्राइड ने आंशिक रूप से FTT टोकन के साथ पेमेंट किया। 2 नवंबर को, क्रिप्टो पब्लिकेशन कॉइनडेस्क ने एक लीक बैलेंस शीट पर रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें वित्तीय गड़बड़िया सामने आई। इस दस्तावेज से पता चलता है कि बैंकमैन-फ्राइड के संचालित एक हेज फंड, अल्मेडा रिसर्च में असामान्य रूप से बड़ी मात्रा में FTT टोकन थे। लीक बैलेंस शीट में दिखाया गया था कि अल्मेडा रिसर्च, बैंकमैन-फ्राइड की क्रिप्टो ट्रेडिंग फर्म, एफटीएक्स के मूल टोकन, FTT पर बहुत अधिक निर्भर थी।

FTX और अल्मेडा अलग-अलग बिजनेस हैं, लेकिन रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उनके बीच घनिष्ठ वित्तीय संबंध थे। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद एफटीएक्स में उथल-पुथल शुरू हो गई। बाइनेंस ने 6 नवंबर को घोषणा की कि वह “हाल के खुलासे के कारण” अपने FTT टोकन बेचेगा। इससे FTT की कीमत गिर गई और ट्रेडर इस डर से FTX से बाहर निकलने के लिए दौड़ पड़े कि ये क्रिप्टो कंपनी डूब जाएगी।

FTX के पास तीन दिनों में अनुमानित 6 बिलियन डॉलर की विड्रॉल रिक्वेस्ट आ गई। FTX अचानक आई इतनी विड्रॉल रिक्वेस्ट से लिक्विडिटी क्रंच में आ गया यानी वो विड्रॉल रिक्वेस्ट को प्रोसेस करने की स्थिति में नहीं था।

बाइनेंस ने कहा- वह FTX को खरीदेगा
FTX के लिक्विडिटी क्रंच के बीच मंगलवार को बाइनेंस ने कहा कि वो FTX को खरीदेगा। हालांकि झाओ ने ये भी साफ किया कि बाइनेंस किसी भी समय इस डील से बाहर आ सकता है। इसके अग्रीमेंट के बाद बैंकमैन-फ्राइड ने कहा कि यह डील ग्राहकों को प्रोटेक्ट करेगा और FTX को ट्रेडर्स की विड्रॉल प्रोसेस पूरी करने में सक्षम बनाएगा। इस दौरान उन्होंने FTX और बाइनेंस के बीच के कॉन्फ्लिक्ट की अफवाहों को भी दूर करने का प्रयास किया।

बाइनेंस और FTX के बीच डील टूटी
बुधवार को, बाइनेंस ने घोषणा की कि वह अब FTX नहीं खरीदेगा। डील तोड़ने का कारण उन्होंने कॉर्पोरेट ड्यू डिलिजेंस को बताया। बाइनेंस ने नियामक जांच और गलत तरीके से फंड की रिपोर्ट का भी हवाला दिया। बाइनेंस ने ये भी कहा कि जब भी किसी इंडस्ट्री में कोई मेजर प्लेयर फेल होता है, तो रिटेल कंज्यूमर्स को नुकसान होता है। इसके बाद शुक्रवार को बैंकमैन-फ्राइड के इस्तीफे के साथ FTX ने बैंकरप्सी फाइल की।