डायबिटीज से निपटना काफी कठिन है। जो लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए बहुत संयम रखना पड़ता है और बहुत सारी खाने-पीने की चीजों को छोड़ना पड़ता है। हालांकि, अब हर चीज का त्याग करने की जरूरत नहीं है। कपिवा आपके लिए डायबिटीज को नियंत्रित करने का नेचुरल तरीका, कपिवा डाय फ्री जूस लेकर आया है। इस वर्ल्ड डायबिटीज डे के मौके पर हम आपके साथ कपिवा के डाय फ्री जूस के कुछ सफल क्लिनिकल ट्रायल साझा करना चाहते हैं।
इन क्लिनिकल ट्रायल्स को करने के बाद कपिवा एकेडमी ऑफ आयुर्वेद ने पाया कि डाय फ्री जूस 3 महीनों में ब्लड शुगर लेवल 30% तक कम करने के लिए चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित है। करेला, गुडुची, बेलपत्र, और जामुन जैसी कई प्राकृतिक जड़ी बूटियों के शक्तिशाली कॉम्बिनेशन से बना यह जूस 3 महीनों के दौरान फास्टिंग शुगर को 30% और भोजन के बाद के शुगर लेवल को 29% तक कम कर सकता है।
एलोपैथिक दवा के साथ भी कर सकते हैं जूस का सेवन
कपिवा के विशेषज्ञ डाय फ्री जूस का सेवन एलोपैथिक दवाओं के साथ करने की सलाह देते हैं। चूंकि यह एक आयुर्वेदिक सप्लीमेंट है, इसलिए यह मुख्य रूप से डायबिटीज से जुड़ी दूसरी जटिलताओं जैसे कि ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब लगना, अपच होना, थकान महसूस होना और अन्य जटिलताओं को मैनेज करने में भी मदद करता है।
चूंकि डायबिटीज मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारी है, इसलिए इससे पीड़ित लोग अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कि ब्लोटिंग (पेट फूलना) और एसिडिटी से परेशान होते हैं। इस आयुर्वेदिक जूस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह इन समस्याओं की जड़ में जाकर इन्हें समग्र रूप से हल करने में मदद करता है।
डाय फ्री जूस मात्र 3 महीनों में बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स (शरीर का वजन) घटाने में भी चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित है। 1 लाख से भी ज्यादा ग्राहकों ने इस पर भरोसा जताया गया है। 105 डाय फ्री जूस यूजर्स पर की गई एक हालिया स्टडी में ये नतीजे मिले हैं:
● 86% यूजर्स ने अपने ब्लड शुगर लेवल में कमी की
● 81% यूजर्स को अपने एनर्जी लेवल में बढ़त महसूस हुई
● 85% यूजर्स के ब्लड प्रेशर में सुधार हुआ
● 94% यूजर्स ने कहा कि वे दूसरे डायबेटिक लोगों को इसके इस्तेमाल की सलाह देंगे
● 98% यूजर्स ने कहा कि वे बाजार में उपलब्ध दूसरे प्रोडक्ट्स की तुलना में इसे प्राथमिकता देंगे।
कपिवा डाय फ्री जूस के और भी कई फायदे हैं:
● शुगर-लेवल में ज्यादा उतार-चढ़ाव में कमी लाना
● दिनभर शरीर में ब्लड शुगर का स्थिर प्रवाह बनाए रखना
● थकान पर काबू पाना
● एलोपैथिक दवाओं पर निर्भरता में कमी लाना।
जूस पूरी तरह आयुर्वेद के ज्ञान के साथ रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर आधारित है। इसे सर्वोत्तम परिणाम देने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। इसमें मौजूद हर एक जड़ी-बूटी के अपने फायदे हैं, जो समग्र रूप से डायबिटीज और उससे जुड़ी जटिलताओं को दूर करने में मदद करते हैं।
अगर कुछ नाम लिए जाएं तो करेला में मौजूद पॉलीपेप्टाइड-पी नामक कंपाउंड इंसुलिन की तरह काम करता है, जामुन मेें मौजूद उच्च पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट तत्व एनर्जी लेवल बढ़ाने का काम करते हैं, गिलोय में मौजूद तत्व कार्बोहाइड्रेट्स के धीमे अब्जॉर्प्शन में मददगार हैं। इनकी वजह से ब्लड शुगर लेवल में अचानक और तेज उतार-चढ़ाव पर नियंत्रण होता है। बेलपत्र में मौजूद फेरोनिया गम नामक सक्रिय तत्व खून से सेल्स (कोशिकाओं) तक इंसुलिन पहुंचाने में मदद करता है। गुड़मार में ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट्स और कंपाउंड होते हैं जो इंसुलिन के प्रति सेल्स की प्रतिक्रिया को बेहतर बनाते हैं।
डाय फ्री जूस में हैं 11 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां
इस चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित जूस को बनाने में इस्तेमाल की गई ये जड़ी-बूटियां बिल्कुल सुरक्षित हैं। साथ ही आर्टिफीशियल स्वीटनर्स, माल्टोडेक्सट्रीन, कोलेस्ट्रॉल और दूसरे हानिकारक घटकों से पूरी तरह मुक्त हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डाय फ्री जूस डायबिटीज को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करने का एक स्वास्थ्यवर्धक तरीका है। इसमें मौजूद 11 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां कार्बोहाइड्रेट के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर और इंसुलिन की संवेदनशीलता को बेहतर बनाकर डायबिटीज का जड़ से हल निकालती हैं।
ब्लड शुगर लेवल में कमी लाने के अलावा, कपिवा का डाय फ्री जूस मात्र 3 महीनों में प्रत्येक में 1 यूनिट HbA1c में कमी लाने के लिए भी चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित है। अधिकतम पोषक मूल्यों को बरकरार रखने के लिए इस जूस की प्रोसेसिंग आयुर्वेदिक विधि से की जाती है। आंवला और करेला को कोल्ड प्रोसेस्ड किया जाता है और जामुन, गिलोय, तुलसी, बेलपत्र, मेथी, गुड़मार जैसी जड़ी-बूटियों और औषधियों को क्वाथ विधि से प्रोसेस किया जाता है। इसका अर्थ जड़ी-बूटियों को उबलते पानी में गाढ़ा करना है। अंतिम चरण में इन्हें एक साथ मिलाकर डाय फ्री जूस का निर्माण किया जाता है।
AYUSH सर्टिफिकेट प्राप्त डाय फ्री में अतिरिक्त रूप से चीनी का मिश्रण नहीं किया जाता और न ही आर्टिफीशियल फ्लेवर या कलर मिलाए जाते हैं। डाय फ्री जूस एक प्राकृतिक हर्बल मिश्रण है।
इसका सेवन भी बहुत आसान है: बस 30 मिलीलीटर डाय फ्री जूस को 30 मिलीलीटर पानी में मिलाएं और दिन में दो बार भोजन से पहले लें। यदि सुबह ले रहे हैं तो इसे खाली पेट लेना चाहिए।
इस वर्ल्ड डायबिटीज डे के मौके पर, हम आपको डाय फ्री जूस को अपने डायबिटीज केयर दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देते हैं, ताकि आपका जीवन और भी बेहतर हो सके।