बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में काशी कोतवाल बाबा कालभैरव उत्सव में इन दिनों काशीवासियों को एक से बढ़कर एक गायकों की मधुर आवाज सुनने का मौका मिल रहा है। सोमवार की देर रात तक काशीवासी सुंदरपुर क्षेत्र में आयोजित उत्सव में मैथिली और भोजपुरी की नामचीन गायिका मैथिली ठाकुर के भजनों पर झूमते दिखे। हर-हर महादेव का उद्घोष कर प्रस्तुति की शुरुआत करने वाली मैथिली ठाकुर को सुनने के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही।
भगवती गीत से भजन प्रस्तुति की शुरुआत की
मैथिली ठाकुर ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत देवी भगवती को समर्पित भजन से किया। इसके बाद उन्होंने ‘का लेके शिव के मनाई हो शिव मानत नाही… पूरी-कचौड़ी से शिव के मनहू ना भावे… भांग-धतूरा कहा पाइब हो शिव मानत नाही…’ गाना शुरू किया तो मौजूद श्रोताओं ने हर-हर महादेव का उद्घोष कर मैथिली ठाकुर का उत्साहवर्धन किया।
मैथिली ठाकुर ने युवाओं के जोश और अपनी संस्कृति से जुड़े गीतों के प्रति उनके लगाव को देख कर सभी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि काशी कोतवाल कालभैरव उत्सव के माध्यम से बाबा विश्वनाथ की नगरी में आकर अभिभूत महसूस कर रही हूं। जिस तरह से यहां श्रोताओं का प्रेम देखने को मिला है वह लंबे समय तक याद रहेगा।