झांसी में रेल कोच नवीनीकरण कारखाना का काम पूरा हो चुका है। यह कारखाना एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस है। यहां रोबोटिक कोच पेंट बूथ बनाए गए हैं। यानी इस पेंट बूथ में रोबोट रेल कोचों पर पेंट करेंगे। यह इंडियन रेलवे में देश में पहली बार होने जा रहा है।
इसके अलावा देश की सबसे हाईटेक “वंदे भारत” ट्रेन के कोचों की मरम्मत भी होगी। फिलहाल अभी कारखाना में मशीनरी टेस्टिंग का काम चल रहा है। जल्द ही यहां मरम्मत और साज सज्जा का काम शुरू हो जाएगा। इस कारखाने का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही झांसी आ सकते हैं।
इस कारखाने में 50 कोच होल्डिंग बनाए गए हैं। यानी एक साथ शेडों के अंदर 50 कोचों की मरम्मत हो सकेगी। इसके अलावा टर्न टेबल, क्रेन, आरआरवी आदि रिमोर्ट से ऑपरेट की जाएगी। एलएचबी कोच बोगी की असैंबली और डिअसैंबली लाइन डाली गई है, उसकी भी विशेषता है।
कर्मचारियों के रहने के लिए 160 क्वार्टर बनाए गए
कारखाने में 1500 मैन पॉवर रखने की योजना है। इसके लिए कारखाना के आसपास 160 रेलवे क्वार्टर बनाए जा रहे हैं। इसमें से टाइप-2 के 100 क्वार्टर, टाइप-3 के 50 और अफसरों के लिए टाइप-5 के 10 बनाए जा रहे हैं। जिसमें काम लगभग पूरा हो चुका है। स्टाफ के लिए कैंटीन की सुविधा भी है।
सीडब्ल्यूएम की तैनाती हुई
रेलवे ने कारखाना को टेकओवर करते हुए यहां मुख्य कारखाना प्रबंधक (CWM) अतुल कनौजिया की नियुक्ति कर दी है। इसके अलावा 6 टेक्नीशियन और 4 जेई और एसएसई की नियुक्ति की गई है। जिन कंपनियों की मशीन लगी हुई है, उन कंपनियों के अधिकारियों की निगरानी में मशीनों की टेस्टिंग का काम तेजी से चल रहा है।
वंदे भारत ट्रेन के कोच का भी होगा नवीनीकरण
नगरा हाट के मैदान में तैयार हो चुके रेल कोच नवीनीकरण कारखाना में एलएचबी कोच के साथ ही भारत की हाई स्पीड ट्रेन में से एक वंदे भारत के कोच की भी साज-सज्जा की जाएगी। यह बात इसलिए खास है कि वंदे भारत देश की पहली ट्रेन है जो आधुनिकतम तकनीक और फीचर्स से लैस है।
इसको लेकर रेलवे बोर्ड ने फरवरी में आरवीएनएल को निर्देश दिए थे कि कारखाना को वंदे भारत के कोच के नवीनीकरण के मुताबिक विकसित किया जाए। इसके बाद शेड को मॉडिफाई किया गया है।
स्वदेशी मशीन देंगी सेवा
भारतीय रेल ने कोच कारखाना में स्वदेशी तकनीक को ही तरजीह दी है। कोच कारखाना के 8 शेड में लगने वाली लगभग सभी मशीन स्वदेशी हैं। यह मशीन देश के कोने-कोने से झांसी पहुंची हैं।
कोच कारखाना में यह होगा कार्य
बड़े क्षेत्रफल में फैले रेल कोच नवीनीकरण कारखाना झांसी रेल मंडल के साथ ही महानगर वासियों के लिए विकास के कई द्वार खोलेगी। रेल कोच कारखाना में यात्री ट्रेन के कोच की साज-सज्जा के साथ ही कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे। बता दें कि हर 6 साल बाद ट्रेन के कोच का नवीनीकरण किया जाता है।
झांसी की इस कोच नवीनीकरण कारखाना में कोच का रंग-रोगन, बर्थ बदलना, टॉयलेट का नवीनीकरण, प्रीमियम ट्रेन के कोच में टेबल, लाइट, फ्लोर बदलना और इसके साथ ही अन्य बदलाव कर कोच को अंदर से सुंदर बनाने के कार्य किए जाएंगे।
8 शेड से होकर गुजरेंगे कोच
रेल कोच नवीनीकरण कारखाना में 10 बड़े शेड का निर्माण किया गया है। इनमें 2 शेड प्रशासनिक कार्य और स्टोर के रूप में इस्तेमाल किए जाएंगे। इसके अलावा अन्य 8 शेड में कोच नवीनीकरण के अलग-अलग सेक्शन बनाए गए हैं। आरवीएनएल के तकनीकी विशेषज्ञ ने बताया कि कोच को सेवा के लिए भेजने से पहले इन 8 शेड में की जाने वाली साज-सज्जा प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। जब सभी शेड से कोच को हरी झण्डी मिल जाएगी, तभी कोच को बाहर भेजा जाएगा।
250 से 500 कोच के नवीनीकरण की है योजना
रेल कोच नवीनीकरण कारखाना को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि इसमें अधिक कोच का कार्य आसानी से किया जा सके। आरवीएनएल के अधिकारी ने बताया कि पहले फेज में यहां एलएचबी (लिंक हॉफमेन बुश) श्रेणी के 250 कोच का नवीनीकरण हर साल किया जाएगा। वहीं, आवश्यकता होने पर दूसरे फेज में 500 कोच आसानी से तैयार किए जा सकेंगे।
आधुनिक मशीनों से लैस है कोच कारखाना
झांसी रेल मंडल के पीआरओ मनोज कुमार का कहना है कि झांसी में 74 एकड़ में बनाए गए रेल कोच नवीनीकरण कारखाना में आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। यहां रोबोट की मदद से कोचों पर पेंट होगा। यह इंडियन रेलवे में पहली बार होने जा रहा है। फिलहाल कारखाना में मशीनों की टेस्टिंग चल रही है। जल्द ही उद्घाटन के बाद कोचों की मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा।