G20 समिट:मोदी-बाइडेन मिले, बातचीत के बाद खुलकर हंसे फिर मोदी ने फ्रेंच प्रेसिडेंट को बुलाकर हाथ मिलाया

इंडोनेशिया के बाली में आज से G20 समिट शुरू हो गई है। फर्स्ट सेशन में G20 नेताओं के बीच फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी पर चर्चा हुई। इसमें PM मोदी ने कहा- कोरोना, यूक्रेन संकट ने दुनिया में तबाही मचाई है। UN जैसी संस्थाएं इन मुद्दों पर विफल रहीं हैं। यूक्रेन-रूस जंग को रोकने का रास्ता खोजना होगा। युद्ध से ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित हुई है।

बाइडेन ने कंधे पर हाथ रखा, मोदी हाथ थामे रहे फिर ठहाके

फर्स्ट सेशन से पहले PM मोदी और बाइडेन की मुलाकात खुशनुमा नजर आई। बाइडेन ने मोदी के कंधे पर हाथ रखा था और मोदी उनका हाथ थामे रहे। मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति से बातचीत की और इसके बाद दोनों ठहाके लगाते हुए मीटिंग की ओर बढ़ गए। इसके बाद वहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों नजर आए, जो मोदी को देख नहीं पाए। इसके बाद मोदी ने मैक्रों को बुलाकर उनसे हाथ मिलाया।

दोपहर 2:30 भारतीय समुदाय के बीच होंगे
मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करीब 2:30 बजे मोदी इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से मिलेंगे। 45 घंटे के दौरे में मोदी 20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वो 10 से ज्यादा नेताओं से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मोदी की मुलाकात हो सकती है। दोनों देशों ने अब तक कुछ साफ नहीं किया है।

अब पढ़िए, G20 समिट के पहले सेशन में PM क्या बोले
PM मोदी ने कहा- मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति का रास्ता अपनाना चाहिए। पिछली सेंचुरी में, WWII ने दुनिया में कहर बरपाया। उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का प्रयास किया। अब हमारी बारी है।

बता दें कि 11:30 बजे दूसरा सत्र शुरू होगा, जिसमें हेल्थ से जुड़े मुद्दों पर बातचीत होगी।

बाइडेन- मोदी की मुलाकात के बाद अमेरिका का बयान
G20 समिट के फर्स्ट सेशन से पहले बाइडेन-मोदी एक दूसरे के गले मिले। इस पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेड तारारो ने कहा- राष्ट्रपति बाइडेन और PM मोदी के बीच दोस्ती है, जो दिखती है। दुनिया के कई ऐसे विषय हैं जहां दोनों देश आमने-सामने नहीं दिखते, लेकिन इससे हमारे रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ता। हर देश अपनी-अपनी रणनीति से चलता है, सबसे बड़ी बात यह है कि हम युद्ध रोकने के लिए रूस पर दबाव बना रहे हैं, अपने दोस्तों पर नहीं।

बाली में गूंजा- चिट्ठी आई है, आई है- चिट्ठी आई है…
मोदी सोमवार रात जब बाली पहुंचे तो वहां बड़ी तादाद में भारतीय मौजूद थे। मोदी इन सभी के पास गए और उनसे कुछ देर तक बातचीत की। इस दौरान भारतीय समुदाय के लोगों ने ताली बजाकर 1986 में आई फिल्म नाम का गीत- चिट्ठी आई है, आई है, चिट्ठी आई है…. गाया। पर्दे पर यह गीत संजय दत्त और कुमार गौरव पर फिल्माया गया था। इस गीत को मशहूर गजल गायक पंकज उधास ने आवाज दी थी। वो भी पर्दे पर नजर आए थे।

बाइडेन और जिनपिंग की मीटिंग
इसके पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बाली पहुंच गए हैं। दोनों के बीच अहम मीटिंग हुई। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक, मीटिंग से पहले बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति से हाथ मिलाया और कहा- आपको देखकर बहुत खुशी हुई। इसके बाद दोनों नेता मीटिंग रूम में चले गए। बाद में एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा- मुझे नहीं लगता कि चीन अभी ताइवान पर हमला करने वाला है। हम हर एक्शन पर नजर रख रहे हैं।

तिब्बत का भी जिक्र
न्यूज एजेंसी के मुताबिक- जिनपिंग और बाइडेन के बातचीत में तिब्बत, हॉन्गकॉन्ग और शिन्जियांग प्रांत में मानवाधिकारों के हनन का भी मुद्दा उठा। व्हाइट हाउस ने भी एक स्टेटमेंट में इसकी पुष्टि की है। इसमें कहा गया- प्रेसिडेंट बाइडेन ने जिनपिंग के सामने तिब्बत और शिन्जियांग प्रांत में मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा उठाया। हम इसे बेहद अहम मुद्दा मानते हैं। शिन्जियांग में मुस्लिमों के टॉर्चर का मुद्दा इंटरनेशनल मीडिया भी उठाता रहा है।

NYT के मुताबिक, मीटिंग के दौरान जिनपिंग ने बाइडेन से कहा कि फिलहाल अमेरिका और चीन के जो रिश्ते हैं, वो दुनिया के हित में नहीं हैं। दोनों देशों को आपसी रिश्ते सुधारने होंगे। बाइडेन ने भी कहा कि दुनिया में कई मुद्दे ऐसे हैं जहां अमेरिका और चीन को सहयोग करना होगा। इसके लिए पहले हर स्तर पर बातचीत शुरू करनी होगी।

फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी पर रहेगा फोकस
समिट में फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी, डिजिटल ट्रांस्फॉरमेशन और हेल्थ पर फोकस किया जाएगा। 16 नवंबर को G20 में शामिल सभी नेता मैंग्रोव फॉरेस्ट की विजिट पर जाएंगे। ये जंगल क्लाइमेट चेंज से बचाव में बायो-शील्ड की तरह काम करते हैं।

ब्रिटिश PM सुनक से मिलेंगे मोदी

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मोदी ब्रिटिश PM ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान मोदी ब्रिटिश PM सुनक से दोनों देशों के बीच होने वाले फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत करेंगे। इस मुलाकात में बाइलैटरल रिलेशन्स को लेकर तय रोडमैप 2030 पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

20 देशों का समूह है G-20
G20 समूह फोरम में 20 देश हैं। इसमें दुनिया के डेवलप्ड और डेवलपिंग इकोनॉमी वाले देश हैं। 19 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, साउथ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन (EU) शामिल हैं।

ग्लोबल GDP का 85% G20 के पास
G-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का मुख्य फोरम है, क्योंकि इसके सदस्य देशों के पास दुनिया की GDP का 85% हिस्सा है। इसमें दुनिया का 75% इंटरनेशनल ट्रेड भी शामिल है। इन देशों में दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या रहती है।

पुतिन को G20 में अपनी हत्या का डर, इसलिए शामिल नहीं होंगे
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा न लेने की जो प्रमुख वजह बताई जा रही हैं, वो चौंकाने वाली है। माना जा रहा है कि पुतिन को अपनी हत्या किए जाने का डर है।

  • अमेरिका, ब्रिटेन और यूक्रेन की स्पेशल फोर्सेज के हाथों पुतिन को मारने की कोशिश किए जाने की आशंका है।
  • अपमानजनक परिस्थितिओं की संभावना। जैसे- कुछ विकलांग सामाजिक कार्यकर्ता पुतिन को गिरा सकते हैं, जैसे कि ये दुर्घटनावश हुआ हो- और दुनिया भर की मीडिया इस तस्वीर को खींचकर ये कैप्शन लगाएगी, ‘रूस का राष्ट्रपति चारों खाने चित्त।’ मुझे पूरा यकीन है कि पूरी तरह पागल कुछ पश्चिमी देश कुछ ऐसी ही योजना बना रहे हैं।
  • खेरसॉन में हार के बाद एक महान देश के रूप में रूस की स्थिति सवालों के घेरे में है। वे (पुतिन पर) आसानी से आत्मसमर्पण करने के लिए दबाव डालेंगे।