भिवानी के ‘बड़ेसरा हत्याकांड’ में गई 6वीं जान:सरपंच चुनाव में विरोधी को वोट देने पर बरसाई गोलियां; एक की मौत, दूसरा गंभीर

हरियाणा के भिवानी के गांव बडेसरा में वर्ष 2017 में शुरू हुआ खूनी खेल अब तक 6 की जान ले चुका है। महिला सरपंच सुदेश की सरपंच की कुर्सी क्या गई कि अब लोगों का जीना ही मुहाल हो गया है। बड़ेसरा में एक पक्ष से 5 तो दूसरे पक्ष से 1 लाश गिर चुकी है।

बुधवार देर सायं 2 व्यक्तियों महेंद्र और अजीत उर्फ बलिया पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई। 3 गोली लगने से महेंद्र (50) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मास्टर बलिया हिसार में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। वारदात के बाद से गांव को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। मृतक के शव का आज नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम होगा।

10 राउंड फायरिंग, हथियार लहराते फरार हुए हमलावर
बुधवार को शाम करीब 7 बजे बाइक पर सवार 3 युवकों ने गांव बडेसरा में महेंद्र और अजीत पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई। यहां 10 राउंड के करीब फायरिंग हुई और पूरा गांव ही गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल गया। हमलावर बड़े आराम से हथियार लहराते हुए फरार हो गए।

मर्डर की सूचना मिले ही पुलिस के ASP हितेश यादव और बवानीखेड़ा एसएचओ रात को ही मौके पर पहुंचे और छानबीन के बाद शव को नागरिक अस्पताल पहुंचाया। घायल अजीत उर्फ बलिया राजकीय स्कूल में टीचर है ओर भी 2 से 3 गोलियां लगी है। हिसार के निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। मौके से पुलिस को गोलियों के 8 खोल मिले हैं।

इस बार जेल में बंद बबलू का चाचा बना सरपंच
बड़ेसरा हत्याकांड गांव में सरपंची को लेकर शुरू हुआ था और अब भी इसमें चुनाव की रंजिश में ही महेंद्र की जान गई है। हिसार जेल में बंद आनंद उर्फ बबलू का चाचा भूप सिंह हाल ही हुए पंचायत चुनाव में गांव का सरपंच बना है।

बबलू और बलजीत गुट में हत्याकांड की शुरुआत ही बबलू की पत्नी सुदेश की सरपंची जाने से हुई थी। आरटीआई में सुदेश की 10वीं की मार्क शीट फर्जी मिली थी। उसकी सरपंची गई ओर जेल जाना पड़ा। इसी रंजिश में अब लोगों की लाशें गिर रही हैं। महेंद्र और मास्टर बलिया ने पंचायत चुनाव में बबलू का साथ दिया था।

हालात नियंत्रण में, पुलिस फोर्स तैनात : SP
भिवानी के एसपी अजीत सिंह शेखावत ने कहा कि गांव बड़ेसरा में 2 लोगों को गोली मारी गई है। इसमें महेंद्र की मौत हो गई है। गांव में पुलिस फोर्स तैनात है। हालात पूरी तरह से कंट्रोल में है। घायल मास्टर अजीत के बयान दर्ज किए जाएंगे। हमलावरों की तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें छापेमारी कर रही हैं।

यहां से बड़ेसरा हत्याकांड की शुरुआत
भिवानी के गांव बड़ेसरा में हुई हत्या में पूर्व सरपंच सुदेश के पति आनंद और इसके परिवार के कई लोग और सोनीपत के कई बदमाश जेल में है। आनंद की पत्नी सुदेश की सरपंच थी। इसको लेकर गांव के ही आरटीआई एक्टिविस्ट बलजीत ने साबित कर दिया कि सरपंच का दसवीं का सर्टिफिकेट जाली है।

इस मामले में महिला सरपंच, सरपंच पति व दो शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ और उन्हें जेल जाना पड़ा। इसी रंजिश के चलते दोनों पक्षों में विवाद बढ़ चला है। इसके बाद दो सरपंच परिवारों में दुश्मनी शुरू हो गई और कई की जान जा चुकी है। इसमें बलजीत की 2017 में हत्या हुई थी।

बाद में उसके पिता भले सिंह की भी हत्या हो गई। इस पूरे मामले में गांव का ही राजकुमार मुख्य गवाह है। उसको भी घर में घुस कर गोली मारी गई, लेकिन वह बच गया। इसके बाद 15 अक्टूबर 2019 को चुनावी सभा में बलजीत के भाई पूर्व सरपंच पवन की भी हत्या हो गई।

जेल से ही दी थी सुपारी
गांव बड़ेसरा में सरपंच हत्याकांड के मुख्य गवाह राजकुमार पर 13 जुलाई 2021 को जानलेवा हमला हुआ था। इसके तार जेल से जुड़े थे। बाद में सोनीपत के चार बदमाशों को पुलिस ने पकड़ा तो खुलासा हुआ कि जेल में बंद पूर्व सरपंच आनंद ने जेल से ही अजय निवासी फाजिलपुर सोनीपत, दीपक उर्फ बॉक्सर निवासी देवसर भिवानी, रोहित उर्फ काला निवासी फाजिलपुर सोनीपत, अमन उर्फ रसगुल्ला निवासी बंदेपुर सोनीपत को उसकी हत्या की सुपारी दी थी। उसने बदमाशों को इसके लिए जेल में रहते हुए ही 2.73 लाख रुपए दिए थे। फोन पर इनसे बात भी की थी।