दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस में आरोपी आफताब पूनावाला को आज दिल्ली पुलिस साकेत कोर्ट में पेश करेगी। दिल्ली पुलिस आफताब का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी में है। पुलिस कोर्ट से उसकी रिमांड मांगेगी। इसके अलावा आफताब के फ्लैट से मिले ब्लड के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे है। अगर यह खून इंसान का होता है, तो पुलिस DNA मैचिंग के लिए श्रद्धा के पिता को दिल्ली बुला सकती है। श्रद्धा की बॉडी के मिले 13 टुकड़ों की DNA जांच होगी।
कत्ल वाले दिन घरेलू खर्च को लेकर हुई थी दोनों बहस
सूत्रों के मुताबिक पुलिस को पूछताछ में आफताब ने बताया कि 18 मई यानी मर्डर वाले दिन श्रद्धा और उसके बीच घरेलू खर्च को लेकर झगड़ा हुआ था। रोज-रोज के खर्च कौन देगा, इसे लेकर दोनों के बीच बहस शुरू हुई थी, इसके बाद ही उसने श्रद्धा की हत्या की।
बता दें कि पुलिस पूछताछ में एक और जानकारी सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि वारदात के बाद आफताब ने श्रद्धा के अकाउंट से 55 हजार रुपए निकाले थे। सूत्रों के मुताबिक ये खर्च उसने फ्रिज खरीदने से लेकर धारदार चाकू और गारबेज बैग खरीदने में किए थे।
डॉक्टर वारदात का मुख्य गवाह बनाया गया
जिस डॉक्टर ने मई में आफताब के कटे हुए हाथ का इलाज किया था, उसे पुलिस ने मुख्य गवाह बनाया है। बता दें कि पुलिस ने जब आफताब के फ्लैट की तलाशी ली थी तब एक डॉक्टर का पर्चा उन्हें हाथ लगा था। इसके बाद पुलिस आफताब को लेकर महरौली में डॉक्टर के क्लिनिक पहुंची थी। तब डॉक्टर ने आफताब की पहचान और इलाज की बात बताई थी।
आफताब के किचन से खून के निशान मिले थे
श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी और उसके लिव-इन पार्टनर आफताब के किचन से पुलिस को खून के निशान मिले। क्राइम सीन रीक्रिएशन के लिए पुलिस सोमवार रात आफताब को उसके फ्लैट पर ले गई थी। इसी दौरान उसके किचन में खून के ये निशान मिले।
बाथरूम में लाश के 35 टुकड़े किए, खून सीवेज में बहाया
न्यूज एजेंसी ने पुलिस सूत्रों के हवाले से यह खबर भी दी है कि आफताब ने फ्लैट के बाथरूम में श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे। इस दौरान वह शॉवर चालू रखता था, ताकि बॉडी से निकला खून सीवेज में बह जाए। सूत्रों ने यह भी बताया है आफताब ने फ्रिज को केमिकल से साफ किया था, ताकि सबूत मिटाए जा सकें।
पुलिस के मुताबिक 28 साल के आफताब ने 18 मई को 27 साल की श्रद्धा का मर्डर कर दिया था। दोनों लिव-इन में रहते थे। आफताब ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए थे। इन्हें रखने के लिए 300 लीटर का फ्रिज खरीदा था। वह 18 दिन तक रोज रात 2 बजे जंगल में शव के टुकड़े फेंकने जाता था।
1. मकान मालिक ने आफताब का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करवाया
27 साल की श्रद्धा के मर्डर केस में कई दावे और रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं। इनके मुताबिक 28 साल के आफताब ने 15 मई को महरौली जंगल के पास फ्लैट लिया था। मकसद श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को आसानी से ठिकाने लगाना था। एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है इस फ्लैट के मालिक ने किराया लेने के बाद आफताब का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया था। पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या आफताब ने मकान लेते वक्त अपना धर्म छिपाया था?
2. शक न हो इसलिए नौकरी पर जाता रहा, श्रद्धा का सोशल मीडिया एक्टिव रखा
आफताब गुरुग्राम में एक कंपनी में नौकरी करता था। श्रद्धा की हत्या करने के बाद भी वो रोज नौकरी पर जाता था, ताकि किसी को शक नहीं हो। हालांकि श्रद्धा को मारने के बाद अपने फ्लैट पर वो किसी को भी नहीं आने देता था। मर्डर के बाद फैमिली और फ्रेंड्स की नजरों में श्रद्धा को जिंदा दिखाने के लिए आफताब उसके इंस्टाग्राम प्रोफाइल और अकाउंट को अपडेट रखता था। वो रोज कुछ न कुछ पोस्ट करता रहता था।
3. रोज रात 2 बजे लोकेशन जंगल की मिली, यहीं से पकड़ा गया
पुलिस के पास जब श्रद्धा के पिता विकास ने अपहरण की शिकायत दर्ज कराई तो आफताब जांच के दायरे में आया। उसकी लोकेशन रोज रात 2 बजे महरौली के जंगलों में मिलती थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- पहले तो आफताब कहता रहा कि श्रद्धा दिल्ली छोड़कर चली गई है। जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने हत्या की बात कबूली और पूरी कहानी बताई।
4. 10 दिन पहले मार देता, लेकिन श्रद्धा इमोशनल हो गई थी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफताब ने पूछताछ में बताया- श्रद्धा को 10 दिन पहले ही मार देता, लेकिन झगड़ा करने के बाद श्रद्धा इमोशनल हो गई थी। इसलिए उसने मारने का प्लान कैंसिल कर दिया। आफताब ने आगे बताया कि श्रद्धा ने फोन पर उसे किसी लड़की से बात करते हुए सुन लिया था, जिसके बाद दोनों की लड़ाई हुई थी।
5. क्राइम शो वेब सीरीज देखकर जुर्म छिपाने का आइडिया आया
एक पुलिस अफसर ने कहा- आफताब वेब सीरीज और खासतौर पर क्राइम शोज देखने का आदी था। इन्हीं को देखकर उसने यह सीखा कि कैसे श्रद्धा को फैमिली और फ्रेंड्स की नजरों में जिंदा दिखाया जाए। श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को आरी से काटकर फ्रिज में सुरक्षित रखने और उसे 18 दिन तक लगातार जंगलों में ठिकाने लगाने का आइडिया भी इन्हीं वेब सीरीज और क्राइम शोज से सीखा था। गूगल के जरिए उसने खून साफ करने का तरीका भी ढूंढ़ा था।
6. 18 मई से पहले ही मारने का मन बना लिया था
सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने पुलिस के सामने कबूला कि मर्डर वाले दिन यानी 18 मई से एक हफ्ते पहले ही आफताब ने श्रद्धा को मारने का मन बना लिया था। उस दिन भी श्रद्धा और आफताब का झगड़ा हुआ था। उसने कहा, ‘मैंने 11 मई को ही उसे मारने की ठान ली थी कि वह अचानक से इमोशनल हो गई और रोने लगी। इसलिए मैंने तय किया कि अब इसे किसी और दिन मारूंगा।’
7. फ्रिज में श्रद्धा का कटा हुआ सिर देखता था आफताब
पुलिस पूछताछ में आफताब की दरिंदगी और हैवानियत की इंतहा भी सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने जिस कमरे में श्रद्धा की डेड बॉडी के टुकड़े फ्रिज में रखे थे, वह उसी कमरे में लगातार 18 दिन सोता रहा। इतना ही नहीं वह रोज फ्रिज खोलकर श्रद्धा के कटे हुए सिर को भी देखता था।
8. श्रद्धा के टुकड़े करते वक्त आफताब का हाथ कटा था
आफताब को लेकर एक डॉक्टर अनिल कुमार का बयान सामने आया है। डॉक्टर का दावा है कि आफताब मई में सुबह के समय उनकी क्लिनिक आया था। उसका हाथ कटा हुआ था। वह बहुत आक्रामक और बेचैन लग रहा था। डॉक्टर ने बताया, ‘जब मैंने चोट के बारे में पूछा तो उसने कहा कि फल काटते समय उसका हाथ कट गया था।’
डॉक्टर ने कहा, ‘दो दिन पहले पुलिस आफताब को लेकर मेरे क्लिनिक आई थी। मैंने सारी बातें पुलिस को बताई हैं।’
9. पिता को नहीं पता था कि बेटी कहां है…
न्यूज एजेंसी से बातचीत में श्रद्धा के पिता विकास ने कहा, ‘मेरी उससे आखिरी बार 2021 में बात हुई थी। तब मैंने उससे पूछा था कि तुम्हारा लिव-इन पार्टनर कैसा है। उसने ज्यादा कुछ नहीं बताया था। मुझे तो यह भी नहीं पता था कि वो दिल्ली शिफ्ट हो गई है। उसकी एक दोस्त ने बताया कि श्रद्धा बेंगलुरु में नहीं, बल्कि दिल्ली में है। आफताब को सबूत मिटाने के लिए बहुत वक्त मिल गया।’
मुंबई पुलिस ने दो महीने में तीन बार की आफताब से पूछताछ
मुंबई के वसई थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक संपतराव पाटिल ने भास्कर को बताया कि श्रद्धा के लापता होने के बाद परिवार ने शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने आफताब पूनावाला को पहले अक्टूबर में फिर 3 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। उसका दो पन्नों का बयान दर्ज किया गया।
दोनों ही बार वह आत्मविश्वास से भरा नजर आया और उसके चेहरे पर पछतावे का कोई भाव नहीं था। वे 8 नवंबर को दिल्ली के महरौली थाने भी गए थे। वहां भी आफताब से पूछताछ की थी, लेकिन तब भी उसने यही बात दोहराई कि श्रद्धा और वह अब साथ नहीं रहते। श्रद्धा उसे छोड़कर चली गई है