पुरुषों में फर्टिलिटी बढ़ाने में बेहद असरदार हैं ये 6 योगासन

खराब लाइफस्टाइल और डाइट का असर हमारी सेहत पर कई अलग-अलग तरीकों से पड़ता है। इसके चलते जहां कुछ चलते मोटापे, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रेस जैसी समस्याओं से जूझते हैं, तो वहीं कुछ लोग फर्टिलिटी की समस्याओं से। प्रजनन से जुड़ी समस्याएं महिलाओं में ही नहीं, पुरुषों में भी देखने को मिल रही है। जिसके लिए लोग तरह-तरह के ट्रीटमेंट का सहारा ले रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं फर्टिलिटी प्रॉब्लम दूर करने में योग काफी हद तक आपकी मदद कर सकता है? जी हां, कुछ ऐसे योगासन हैं जो बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन सुधारते हैं। जिसकी वजह से स्ट्रेस दूर होता है साथ ही प्रोस्टेट ग्लैंड और ओवरी से रिलेटेड प्रॉब्लम भी दूर होती है। जिससे फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। तो आज हम ऐसे ही कुछ योगासनों के बारे में जानेंगे, जो पुरुषों ही नहीं महिलाओं की प्रजनन क्षमता में भी करते हैं सुधार।

पश्चिमोत्तानासन

यह आसन को करने से अपर और लोअर बॉडी की बहुत अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है। हिप्स और हैमस्ट्रिंग मसल्स में ब्लड सर्कुलेशन के साथ ही फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ती है। लोअर बॉडी में ब्लड का सही सर्कुलेशन प्रजनन से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए बहुत जरूरी होता है। इसके अलावा इससे पेट के अंदरूनी अंगों की भी अच्छी मसाज होती है जिससे ओवरऑल हेल्थ सही रहती है।

उत्तानासन

यह पूरी तरह पश्चिमोत्तानासन ही है बस इसे खड़े होकर किया जाता है। इस आसन के अभ्यास से कोशिकाओं में ब्लड के साथ ही ऑक्सीजन का प्रवाह भी बढ़ता है। लोअर बॉडी की अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है और तो और हार्मोनल बैलेंस बनाने में मदद करता है उत्तानासन।

भुजंगासन

इस योगासन को करने से हिप एरिया में ब्लड का सही तरीके से सर्कुलेशन होता है। जिससे प्रजनन क्षमता बढ़ती है, मोटापा तेजी से कम होता है जो कई समस्याओं की जड़ है। इससे बैक की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाकर उसे स्ट्रॉन्ग भी बनाया जा सकता है।

सेतुबंधासन

सेतुबंधासन भी कई समस्याओं को दूर करने वाला बेहद प्रभावी योगासन है। यह योग प्रजनन अंगों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है जिससे वो अपना काम सही तरीके से कम पाते हैं। इसके अलावा यह तनाव, डिप्रेशन और थकान के लक्षणों को भी कम करता है।

बालासन

फर्टिलिटी बढ़ाने में बालासन भी बेहद फायदेमंद आसन है। इसको करने से प्रजनन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, साथ ही तनाव भी दूर करता है। ये आसन पीठ, घुटनों, हिप्स और जांघों की मांसपेशियों को भी फैलाता है।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार के एक नहीं कई फायदे होते हैं। ये कई आसनों का मिक्स होता है जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर काम करते हैं। कुछ आसन जहां फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाते हैं, तो कुछ मोटापा कम करते हैं, तो वहीं कुछ स्ट्रेस में कमी लाते हैं। सबसे मुख्य कि इनमें से कुछ प्रजनन क्षमता बढ़ाने में भी मददगार है। तो सूर्य नमस्कार का भी अभ्यास करें।