अगरकर नए चीफ सेलेक्टर के लिए BCCI की पहली पसंद:दिल्ली फ्रेंचाइजी के असिस्टेंट कोच से करना होगा रिजाइन; पिछली बार भी थे प्रमुख दावेदार

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने नए चीफ सिलेक्टर की तालाश शुरू कर दी है। BCCI ने चेतन शर्मा की अगुआई वाली चार सदस्यीय चयन कमेटी को शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया था। BCCI ने नई चयन कमेटी के लिए एप्लिकेशन मांगी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछली बार चीफ सेलेक्टर बनने से रह गए पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर BCCI की पहली पसंद हैं।

क्यों हैं पहली पसंद

  • अजीत के पास तीनों फॉर्मेट खेलने का अनुभव है। वह टेस्ट और वनडे के अलावा 4 टी-20 इंटरनेशनल में भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
  • IPL में भी खेल चुके हैं और वर्तमान में दिल्ली कैपिटल्स की कोचिंग स्टाफ से जुड़े हैं। ऐसे में उसका अनुभव और इनपुट टीम चयन में महत्वपूर्ण हो सकता है।
  • युवा खिलाड़ियों के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं और IPL में उनके साथ काम किया है। वह उन्हें समझते हैं। वहीं घरेलू ढांचे की अच्छी समझ है।

अगरकर को करना होगा IPL टीम से रिजाइन

अजीत अगर फिलहाल IPL फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के असिस्टेंट कोच हैं। उन्हें चीफ सेलेक्टर बनने के लिए उन्हें दिल्ली कैपिटल्स के असिस्टेंट कोच पद से रिजाइन करना होगा।

अजीत अगरकर के क्रिकेट करियर पर एक नजर

  • 26 टेस्ट में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए 58 विकेट ले चुके हैं।
  • 191 वनडे में टीम इंडिया को रिप्रजेंट करते हुए 288 विकेट ले चुके हैं।
  • 4 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में भारतीय टीम के लिए 3 विकेट ले चुके हैं।
  • 110 फर्स्ट क्लास मैंचों में 299 विकेट हैं।
  • 270लिस्ट ए मैचों में 420 विकेट हैं।
  • 62 टी-20 मैचों में 47 विकेट हैं।

क्यों बर्खास्त की गई चयन कमेटी
BCCI ने वर्तमान चयन कमेटी को बर्खास्त करने को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि लगातार दो टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का खराब प्रदर्शन इसकी वजह हो सकती है।

चेतन शर्मा सहित चार चयनकर्ताओं को किया गया बर्खास्त
चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा सहित 4 खिलाड़ियों को बर्खास्त किया गया है। चेतन उत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके अलावा हरविंदर सिंह (मध्य क्षेत्र), सुनील जोशी (दक्षिण क्षेत्र) और देबाशीष मोहंती (पूर्वी क्षेत्र) चयन कमेटी में शामिल थे। इनमें से कुछ की नियुक्ति 2020, तो कुछ की 2021 में की गई थी। एक सीनियर राष्ट्रीय चयनकर्ता का कार्यकाल अमूमन चार साल का होता है और उसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। अभय कुरूविला का कार्यकाल समाप्त होने के कारण पश्चिम क्षेत्र से कोई चयनकर्ता नहीं था।