7 जिलों की 18 सीटों से गुजरेंगे राहुल:राजस्थान में झालरापाटन से प्रवेश कर रामगढ़ विधानसभा सीट से बाहर निकलेगी भारत जोड़ो यात्रा, इनमें से 16 में गुर्जर-मीणाओं का दबदबा

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के रूट को लेकर चल रहा असमंजस शुक्रवार को दूर हो गया। गोविंद सिंह डोटासरा ने यह स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की यात्रा का रूट जैसा तय था वैसा ही रहेगा। हालांकि जरुरत पड़ने पर कुछ हल्का बदलाव देखने को मिल सकता है। भारत जोड़ो यात्रा का रूट तय होने से अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह यात्रा राजस्थान के 7 जिलों की 18 विधानसभा सीटों से गुजरेगी। यात्रा झालावाड़ जिले से राजस्थान में प्रवेश करेगी और अलवर जिले से बाहर निकलेगी।

राहुल की यात्रा को लेकर केंद्रीय कमेटी की ओर से तय किए गए रूट को जब हमने कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और जानकारों से समझा तो साफ हुआ कि यात्रा 7 जिलों की 18 विधानसभा सीटों से गुजरेगी। सबसे ज्यादा 4-4 सीटें कोटा, दौसा और अलवर जिले की होंगी। इसके अलावा सवाईमाधोपुर की 3 और झालावाड़, बूंदी और टोंक जिले की 1-1 विधानसभा सीट शामिल है।

7 जिलों की इन 18 विधानसभा सीटों से गुजरेगी यात्रा

झालावाड़ : झालरापाटन

कोटा : रामगंज मंडी, लाडपुरा, कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण

बूंदी : केशवरायपाटन

टोंक : देवली-उनियारा

सवाईमाधोपुर : सवाई-माधोपुर, खंडार, बामनवास

दौसा : लालसोट, दौसा, सिकराय, बांदीकुई

अलवर : अलवर ग्रामीण, अलवर शहर , रामगढ़, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़

इस तरह विधानसभा क्षेत्रों का सफर तय करेगी यात्रा

राहुल गांधी की यात्रा सबसे पहले झालरापाटन विधानसभा से राजस्थान में प्रवेश करेगी। इसके बाद यह रामगंज मंडी और लाडपुरा विधानसभा होते हुए कोटा शहर में प्रवेश करेगी। यहां से यह कोटा उत्तर और दक्षिण दोनों विधानसभाओं से गुजरते हुए केशवरायपाटन विधानसभा पहुंचेगी। इसके बाद देवली-उनियारा और फिर खंडार विधानसभा पहुंचेगी।

इसके बाद यात्रा आगे बढ़कर सवाई माधोपुर विधानसभा होते हुए बामनवास और फिर लालसोट पहुंचेगी। यहां से यात्रा आगे बढ़कर दौसा, सिकराय विधानसभा होते हुए बांदीकूई पहुंचेगी। यहां से यात्रा अलवर जिले में प्रवेश कर राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा होते हुए अलवर शहर और ग्रामीण विधानसभाओं में जाएगी। इसके बाद अलवर की रामगढ़ विधानसभा होते हुए यात्रा हरियाणा चली जाएगी।

कोटा, दौसा, अलवर में हो सकती है सभा

माना जा रहा है कि यात्रा के दौरान कोटा, दौसा और अलवर में राहुल गांधी की बड़ी सभा हो सकती है। हालांकि यात्रा के दौरान कई जगहों पर छोटी सभाएं राहुल गांधी की होगी। राहुल की यात्रा के 3 दिसम्बर को राजस्थान में प्रवेश करने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं 20 दिसम्बर तक यात्रा के राजस्थान से निकलने की संभावना है।

इन 18 में से 12 सीटों पर कांग्रेस है काबिज

राहुल की यात्रा के इस टेनटेटिव प्रोग्राम के अनुसार देखा जाए तो यहां की 18 में से 12 सीटों पर कांग्रेस काबिज है। वहीं 6 सीटों पर बीजेपी है। राहुल की यात्रा जिन क्षेत्रों से राजस्थान में प्रवेश करेगी इनमें झालरापाटन, रामगंज मंडी, लाडपुरा, कोटा दक्षिण, केशवरायपाटन और अलवर शहर में बीजेपी काबिज है। इसके अलावा बाकी सभी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।

ज्यादातर क्षेत्र गुर्जर-मीणा बाहुल्य

राहुल की यात्रा के रूट से जुड़ा ज्यादातर क्षेत्र गुर्जर और मीणा बाहुल्य है। सिर्फ कोटा उत्तर और अलवर शहर सीट को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी सीटों पर गुर्जर-मीणा समाज प्रभावी है। ये सीटें या तो गुर्जर या मीणा बाहुल्य है या फिर दोनों समुदाय मिलकर निर्णायक भूमिका में हैं।

इस क्षेत्र में सचिन पायलट का है दबदबा

कांग्रेस के नजरिए से देखा जाए तो इस पूरे क्षेत्र के बड़े हिस्से में खासकर सवाईमाधोपुर, बूंदी, दौसा, टोंक और अलवर जिले में सचिन पायलट का काफी दबदबा है। यही वजह है कि पायलट विरोधी गुट की ओर से अंदरखाने यह कोशिश की जा रही थी कि यात्रा का रूट बदल जाए। पायलट समर्थकों का यह आरोप था कि विरोधी गुट इस क्षेत्र से यात्रा को गुजरने नहीं देना चाहता इसलिए बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस्तीफा पॉलिटिक्स के बाद सीधा इसी क्षेत्र में गए थे पायलट

सितम्बर में हुए राजस्थान में इस्तीफा पॉलिटिक्स के विवाद के बाद सचिन पायलट दिल्ली से सीधा इसी क्षेत्र में गए थे। यहां पर पायलट ने रैली और सभा कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया था। उसकी वजह यही मानी गई थी कि इस क्षेत्र से राहुल की यात्रा गुजरेगी। ऐसे में अब रूट तय होने पर यह माना जा रहा है कि पायलट अब इस क्षेत्र में और ज्यादा सक्रिय नजर आएंगे।