उम्मीदवारों की सूची के बाद अब कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची भी पार्टी की गुटबाजी में उलझकर रह गई है। आलम यह है कि आम आदमी पार्टी और भाजपा ने जहां एमसीडी चुनाव में प्रचार अभियान को धार देने के लिए स्टार प्रचारकों की फौज उतार दी है। वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस यहां भी बुरी तरह पिछड़ती नजर आ रही है। अभी तो स्टार प्रचारकों के नाम ही फाइनल नहीं हो पाए हैं, बाद में उनका शेड्यूल तय होने में भी समय लग जाएगा।
गौरतलब है कि नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पहले रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा, कई केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। सीएम अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित AAP सरकार के मंत्रियों ने पार्टी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे, लेकिन कांग्रेस रविवार का फायदा उठाने में नाकाम रही।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि कुछ दिन पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) की ओर से राज्य चुनाव आयोग को 40 स्टार प्रचारकों की सूची भेजी गई थी, लेकिन उसमें शामिल कुछ नामों पर प्रदेश के नेताओं को आपत्ति थी। वजह, सूची में शामिल बहुत से नेता सक्रिय ही नहीं हैं। उनमें से अनेक प्रदेश कार्यालय भी नहीं आते।
इसके बाद राज्य चुनाव आयोग को 35 स्टार प्रचारकों की संशोधित सूची भेज दी गई। इस पर आयोग ने पार्टी को सुझाव दिया है कि वह आपसी कलह खुद सुलझाएं और अपने स्टार प्रचारकों की सूची को अंतिम रूप देकर ही आयोग के पास भेजें।
1-2 दिन में दे दिया अंतिम रूप
अनिल भारद्वाज (अध्यक्ष, संचार विभाग, दिल्ली कांग्रेस) का कहना है कि स्टार प्रचारकों की सूची में नामों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि एक दो दिन में ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। बहुत जल्द हमारे स्टार प्रचारक उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते हुए भी नजर आएंगे।
बेरोजगारी पर केजरीवाल सरकार काे घेरेंगे अजय माकन
प्रदेश कांग्रेस में चल रही आपसी गुटबाजी का खामियाजा एमसीडी चुनाव में निश्चित तौर पर उम्मीदवारों को भुगतना पड़ेगा। इसीलिए एआइसीसी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन को केजरीवाल सरकार पर हमला बोलने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस कड़ी में अजय माकन मंगलवार को पहली प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। इसके जरिये वह दिल्ली में बेरोजगारी और मुफ्त बिजली को लेकर पर ”AAP” पर निशाना साधेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, AAP बिजली को अहम मुद्दा बनाया है। अजय माकन का दावा है कि दिल्ली में बिजली देशभर में सबसे सस्ती नहीं बल्कि सबसे महंगी है। यही नहीं, राजधानी दिल्ली में बेरोजगारी दर भी लगातार बढ़ रही है।