जज की बेटी के CBI पर गंभीर आरोप:एडवोकेट सिप्पी सिद्धू हत्याकांड में पूछताछ के नाम पर ‘वर्बल’ और ‘फिजिकल’ एब्यूज

शिमला हाईकोर्ट जज की बेटी कल्याणी सिंह(36) ने एडवोकेट सुखमनप्रीत सिंह सिद्धू मर्डर केस में चंडीगढ़ CBI पर उसे टार्चर करने का आरोप लगाया है। कल्याणी ने कहा है कि CBI ने उसका अमानवीय रूप से टार्चर करते हुए उससे आधी रात तक पूछताछ की। सुबह 9 बजे से रात को 1 बजे तक पूछताछ की। इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया गया है। कल्याणी ने कहा है कि 15 जून से लेकर 21 जून तक उसके रिमांड के दौरान उसके साथ ‘वर्बल’ और ‘फिजिकल’ एब्यूज हुआ।

कल्याणी ने अपने वकील के जरिए चंडीगढ़ CBI कोर्ट में अर्जी दायर करते हुए यह आरोप लगाए हैं। मामले में स्पेशल ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट, CBI ने चंडीगढ़ CBI को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है। कल्याणी ने कोर्ट से मांग की है कि उसके रिमांड के दौरान हुई पूछताछ की वीडियोग्राफी और ऑडियोग्राफी को संरक्षित करने के आदेश जारी किए जाए।

कल्याणी ने कहा है कि उसके 6 दिनों के पुलिस रिमांड के दौरान उसे DSP, इंस्पेक्टर्स और अन्यों के रुप में बुला कर पूछताछ की गई थी। उस पर हर तरह के बल का प्रयोग किया गया जिसमें वर्बल और फिजिकल एब्यूज शामिल था। वहीं उसे धमकाया गया और मनावैज्ञानिक रुप से दबाव बनाते हुए वर्बल एब्यूज करते हुए हत्या का अपराध कबूलने को कहा गया। ऐसे में कल्याणी ने मांग की है कि उसके सेक्टर 30 स्थित CBI ऑफिस में लिए गए 6 दिनों के रिमांड की CCTV फुटेज संरक्षित की जाए। इसमें वीडियोग्राफी और ऑडियोग्राफी भी शामिल है। कल्याणी ने कहा है कि जांच के नाम पर उसका टार्चर किया गया।

सुप्रीम कोर्ट जजमेंट को बनाया आधार
कल्याणी ने मामले में सुप्रीम कोर्ट की 3 अप्रैल, 2018 की एक जजमेंट को भी आधार बनाया है। यह शफी मोहम्मद बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार की जजमेंट है। इसमें आदेश दिए गए थे कि गृह मंत्रालय द्वारा एक सेंट्रल ओवरसाइट बॉडी(COB) स्थापित की जाए ताकि जांच के दौरान क्राइम सीन की वीडियोग्राफी को लेकर प्लान ऑफ एक्शन लागू हो सके। सरकार को आदेश दिए गए थे कि CBI आदि जांच एजेंसियों में CCTV कैमरा और रिकार्डिंग उपकरण लगाए जाएं।

वहीं स्पेशल लीव पिटिशन(SLP) में यह भी आदेश दिए गए थे कि कुछ समय के लिए CCTV फुटेज भी संरक्षित कर रखी जाए। यह 6 महीने से कम नहीं होनी चाहिए। वहीं पीड़ित को यह फुटेज संरक्षित करवाने का अधिकार है जहां मानवाधिकार अधिकारों का हनन हुआ हो।

सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट ‘अनट्रेस’ रिपोर्ट के साथ जोड़ने की मांग
वहीं कल्याणी ने एक अन्य अर्जी दायर करते हुए मांग की है कि CrPC की धारा 173(8) के तहत दायर सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट को CBI द्वारा वर्ष 2021 में दायर रिपोर्ट के साथ जोड़ दिया जाए। दरअसल वर्ष 2021 में CBI ने अनट्रेस रिपोर्ट दायर की थी।

CBI को इस मामले में 30 नवंबर को अपना जवाब पेश करना है। वहीं इस बीच CBI को कहा है कि वह कल्याणी की उस अर्जी पर अपना विस्तृत जवाब पेश करें जिसमें सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट में पूरे वैध दस्तावेज सौंपे जाने की मांग की गई थी। बता दें कि सुखमनप्रीत सिंह सिद्धू उर्फ सिप्पी सिद्धू की 20 सितंबर, 2015 को सेक्टर 27 के एक पार्क में 4 गोलियां मार हत्या की गई थी।