आगरा में मंगलवार शाम को किडनैप हुआ 2 साल का बच्चा मयंक मथुरा के वृंदावन में मिल गया। पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG)ने बुधवार रात बच्चे को बरामद किया है। वारदात के वक्त किडनैपर CCTV में कैद हो गया था। पुलिस पहले किडनैपर्स मोहसिन तक पहुंची। फिर, बच्चे को बरामद किया। जिस महिला के घर में मोहसिन ने बच्चे को छिपाया था उसे अपनी बहन बताया है। हालांकि, किडनैपिंग की वजह मोहसिन ने अब तक साफ नहीं की। वह पुलिस को गुमराह कर रहा है। पूछताछ में बताया कि बच्चा अच्छा लगा था, इसलिए उठा ले गया।
मंगलवार शाम: मां अंदर गईं, चंद सेकंड में किडनैप हुआ बच्चा
आगरा के शाहगंज इलाके में जय प्रकाश, पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते हैं। उनकी जनरल मर्चेंट की शॉप है। 22 नवंबर यानी मंगलवार शाम को उनका 2 साल का बेटा मयंक घर के बाहर खेल रहा था। मां कुछ सेकंड के लिए अंदर गई थी। बाहर आईं तो देखा कि बच्चा नहीं था। उन्होंने आस-पड़ोस में पूछा लेकिन कुछ पता नहीं चला। काफी देर तलाश के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला तो हड़कंप मच गया।
परिजनों ने आसपास तलाश की। तभी मुहल्ले के ही एक दुकानदार ने बताया कि एक व्यक्ति बच्चे को चॉकलेट दिलाकर ले गया है। इस सूचना पर तुरंत परिजनों ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे चेक किए। इसमें दो सीसीटीवी में किडनैपर नजर आया। एक में वह बच्चे को गोद में ले जाता हुआ नजर आया। जबकि दूसरे में बच्चे को ई-रिक्शा में ले जाता नजर आया।
मंगलवार रात: सीसीटीवी में नजर आए किडनैपर जैसा युवक नशे में धुत मिला
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तुरंत परिवार ने पुलिस को सूचना दी। फुटेज में जो किडनैपर नजर आ रहा था उसकी तलाश के लिए परिजन, रिश्तेदार और पड़ोसी लग गए। जिस ऑटो में किडनैपर बच्चे को लेकर जाता हुआ नजर आया था। वह रेलवे स्टेशन की तरफ जाती थी। ऐसे में परिजन ने स्टेशन का इलाका खंगालना शुरू कर दिया।
रात को एक संदिग्ध युवक परिजनों के हत्थे चढ़ गया। वह स्टेशन के पास नशे में धुत मिला। परिजनों ने उसकी पिटाई की। उससे बच्चे के बारे में पूछा तो किडनैपर बोला- मुझे कुछ याद नहीं। इसके बाद परिवार ने उस संदिग्ध युवक को पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि, पुलिस ने जब फुटेज जांच की तो किडनैपिंग करने वाला व्यक्ति अलग था। क्योंकि, फुटेज साफ नहीं थे, इसलिए गलती से परिजनों ने उस नशे में धुत युवक को पकड़ लिया था। बाद में पुलिस ने उस को छोड़ दिया।
बुधवार सुबह: पुलिस के हाथ खाली, सिर्फ सीसीटीवी का सहारा
जिस तरह से बच्चे कि किडनैपिंग हुई थी। पुलिस को शंका हो रही थी कि कुछ गलत हो सकता है। जिले के तेज तर्रार पुलिस अफसरों को केस के खुलासे के लिए लगाया गया। लेकिन, सिर्फ सीसीटीवी के अलावा पुलिस के पास कोई क्लू नहीं था। पुलिस ने सीसीटीवी को सर्कुलेट कर दिया। व्हाट्सएप, सोशल मीडिया पर उस फुटेज को वायरल कर दिया।
बच्चे का पता चलते ही तुरंत आगरा पुलिस मथुरा पहुंच गई। वहां जिस घर में बच्चे को रखा गया था उसे बरामद किया। आरोपी ने बताया था कि बच्चा उसकी बहन के घर में हैं। जबकि महिला ने बताया कि मोहसिन कुछ दिन पहले तक किराए में यहां रहता था। वह एक दिन पहले आया था और कहा था कि यह उसका बच्चा है इसे रख लीजिए। वह एक दो दिन में आकर वापस ले जाएगा। फिलहाल, पुलिस उस महिला से पूछताछ कर रही है।
बार-बार गुमराह कर रहा किडनैपर्स, असली वजह नहीं बताई
पुलिस के मुताबिक, मोहसिन बच्चे को किडनैप करने के बाद भोगीपुरा चौराहे से ई रिक्शा में बैठकर निकला। इसके बाद उसने आईएसबीटी के बाहर हाइवे से बस ली। वृंदावन में एक महिला को बच्चा देकर आया। बच्चे मंयक के भाई राहुल ने बताया की मयंक बस आवाज सुनते ही उनके पास आकर लिपट गया था। उसने मारपीट की कोई शिकायत नहीं की है।
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में मोहसिन ने कहा कि बच्चा उसे अच्छा लगा था। इसलिए उठा ले गया। हालांकि, पुलिस मान रही है कि किडनैपिंग में कुछ और लोग भी शामिल थे, जो अभी सामने नहीं आ पाए हैं। किडनैपिंग की वजह के बारे में पुलिस अभी कुछ नहीं बता रही है। हालांकि, शक है कि बच्चे को बेचने या भिखारी गैंग को देने की शंका लग रही है। हालांकि, जब तक जांच नहीं हो जाती है तब तक कुछ कहना मुश्किल है।
चौकीदार बनकर आया था किडनैपर
मयंक के चचेरे भाई राहुल ने बताया, “बच्चे के गायब होने के बाद हमने इलाके में पूछताछ की। इस दौरान एक संदिग्ध युवक के बारे में पता चला। जो चौकीदार बनकर मोहल्ले में आया था। एक दुकानदार ने बताया कि मयंक को वही युवक अपने साथ चॉकलेट दिलाने लाया था। इसके बाद बच्चे को लेकर ई-रिक्शा पर बैठकर चला गया। आरोपी युवक लाल टीशर्ट पहने और सिर पर गमछा बांधे था। इसके बाद परिवार के लोगों ने पुलिस को पूरी जानकारी दी और गुमशुदगी दर्ज कराई।