पूर्वोत्तर में मुगलों से लोहा लेने वाले लचित बोरफुकन की आज 400वीं जयंती है। लचित अपने जज्बे के लिए जाने जाते थे, जिन्होंने कई बार मुगलों को युद्ध में हराया और गुवाहाटी में घुसने से भी रोका। इस दिन असम में लचित दिवस भी मनाया जाता है। इसके चलते आज पीएम मोदी ने भी देशवासियों को लचित दिवस की बधाई दी है।
पीएम मोदी ने आज लचित बोरफुकन की जयंती पर उन्हें याद किया। पीएम साथ ही लचित दिवस की बधाई देते हुए एक ट्वीट कर कहा कि यह लच्छित दिवस इसलिए विशेष है क्योंकि हम महान लचित बोरफुकन की 400वीं जयंती मना रहे हैं। पीएम ने कहा कि लचित अद्वितीय साहस के प्रतीक हैं।
इसलिए मनाया जाता है लचित दिवस
मुगलों को जिस समय कोई आंख उठाकर देखता भी नहीं था उस समय लचित बोरफुकन ने उनसे युद्ध लड़ा और पूर्वोत्तर में घुसने तक नहीं दिया। उनके इसी पराक्रम और सराईघाट की लड़ाई में असमिया सेना की विजय की याद में हर साल असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है। लचित के नाम पर नेशनल डिफेंस एकेडमी में बेस्ट कैडेट गोल्ड मेडल भी दिया जाता है, जिसे लचित मेडल भी कहा जाता है।