आयुषी का मर्डर कर शराब पीकर घूमता रहा पिता:दादा बोले- दूसरी जाति में शादी कर लौटी क्यों, बाप के मुंह पर थूकती थी

17 नवंबर को घर में खूब बहसबाजी हुई। आयुषी ने अपने पिता से साफ कह दिया कि उसने दूसरी जाति के लड़के से शादी कर ली है। वो पेट से भी है। ये सुनकर आयुषी के पिता नीतेश यादव का गुस्सा भड़क गया। पहले उसने आयुषी को खूब पीटा। फिर अपनी 32 बोर की लाइसेंसी रिवॉल्वर निकाली और बेटी पर दो गोलियां दाग दीं।’

मथुरा पुलिस के SP मार्तंड प्रकाश सिंह के मुताबिक, दिल्ली के बदरपुर के मोलड़बंद के एक घर में ये सब हुआ।

अगले दिन यानी 18 नवंबर को दिल्ली से करीब 150 किलोमीटर दूर मथुरा जिले के राया इलाके में यमुना एक्सप्रेस वे की सर्विस रोड पर एक लाल ट्रॉली बैग मिला। पुलिस ने दावा किया कि मामला ऑनर किलिंग का है और उसने केस सॉल्व कर लिया है।

ये लाश 22 साल की आयुषी की थी। आयुषी बालिग थी और उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने घरवालों की इजाजत के बगैर दूसरी जाति से आने वाले लड़के से शादी कर ली थी। यह शादी आर्य समाज मंदिर में हुई थी और उसका परिवार इस वजह से नाखुश था।

उस रात से पहले क्या-क्या हुआ था, ये जानने के लिए मैं उस घर पहुंचा। गलियों से गुजरते हुए जिससे भी आयुषी के घर का पता पूछा तो दबी जुबान में जवाब में सवाल मिला- ‘वही घर जिसमें बाप ने बेटी का मर्डर कर दिया?’

कुछ देर में मैं उस घर के सामने खड़ा था। लोहे का दरवाजा खटखटाया तो अंदर से झाड़ू लगाते हुए आयुषी की दादी बाहर निकल आईं। नाम- जामवंती, उम्र 68 साल। शुरू में वे बात करने के लिए राजी नहीं थीं, मैं घर के बाहर की दलान पर बैठ गया और इधर-उधर की बातें पूछने लगा। वे कुछ सहज हुईं तो पूछा उस रात हुआ क्या था?

जिस बेटी को कभी थप्पड़ तक नहीं मारा, वही बाप को उल्टा बोलने लगी थी
मैंने दादी जामवंती से पूछा, ये कैसे हो गया? आपकी पोती का खून करने वाले बेटे को ही बचा रही हैं, पोती को खोने का गम नहीं है?

जामवंती बोलीं- जिस पिता ने अपनी बेटी को पढ़ाया लिखाया, 4-4 लाख रुपए पढ़ाई पर खर्च किए, वो अपनी बेटी को कैसे मार देता। सच बस इतना है कि पोती जिंदा नहीं है अब, उसके जाने का तो गम है ही, लेकिन उसने खुद गलत किया।

मैंने फिर पूछा- कैसा गलत?

जामवंती फिर बेटे की तरफदारी करने लगीं- मेरे बेटे नीतेश ने अपने बेटी आयुषी को कभी एक थप्पड़ तक नहीं मारा, लेकिन वो लड़की ही गलत निकली। अपने बाप को कुछ भी बोलती रहती थी। बाप के मुंह पर थूक देती थी, उल्टा बोलती थी।

ये बातें करते हुए जामवंती के चेहरे पर शिकन की कई दरारें उभरती रहीं। मैंने और कुरेदा तो कह दिया- ‘मुझे कुछ ज्यादा नहीं पता, मैं पढ़ी-लिखी नहीं हूं।’

पढ़ाई में तेज थी आयुषी, NEET पास कर चुकी थी
आयुषी पढ़ाई में होशियार थी। शुरू में वह डॉक्टर बनना चाहती थी। घरवाले बताते हैं कि उसने डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए होने वाला एंट्रेंस एग्जाम NEET भी पास कर लिया था, हालांकि बहुत समझाने पर भी वह काउंसलिंग के लिए नहीं गई। अभी वो बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशंस (BCA) की पढ़ाई कर रही थी। डॉक्टर बनने के लिए उसने जी तोड़ मेहनत भी की, लेकिन अचानक उसका मन बदल गया।

मैं जिस दिन इस घर पहुंचा आयुषी के 16 साल के भाई ने अपनी बहन के कमरे पर ताला लगा दिया था, ताकि बाहर से कोई आकर अंदर ना घुस सके। हमने पूछा कि आयुषी का भाई कहां है? जवाब मिला कि अपने मां-पिता के लिए मथुरा में लगा हुआ है।

अगर दूसरी जाति में शादी कर ली थी, तो घर क्यों लौटी…
कुछ ही देर में दादी जामवंती के लिए मेडिकल स्टोर्स से दवा लेकर उनके पति जीपी यादव घर वापस आ गए। मैंने जो सवाल दादी से किए, वही आयुषी के दादा से भी पूछे। जवाब मिला- ‘अगर आयुषी ने दूसरी जाति में शादी कर ली थी, तो उसे चले जाना चाहिए था। घर आने की जरूरत नहीं थी। मैंने पूछा कि फिर क्यों आ गई होगी? जवाब में दादा हंसने लगे। बोले- ये तो वही जानेगी न, क्यों आ गई।

हमें पहले कभी शक नहीं हुआ कि इसका दूसरी जाति के लड़के से चक्कर चल रहा है। अगर पहले ही पता चला होता तो हम पहले ही…..(बोलते-बोलते रुक जाते हैं)

फिर कहते हैं– जो ऐसा कह रहे हैं कि आयुषी पेट से थी, वो गद्दार और दुष्ट हैं, ये सब बकवासबाजी है।

आयुषी के दादा और दादी दोनों साथ बैठे तो मिलकर कहने लगे कि हम भागवत कथा सुनने जाते हैं। उसमें कथावाचक बताते हैं कि दूसरी जाति में शादी करना पाप है।

मैंने उन्हें टोकते हुए पूछा, आपको अपनी पोती आयुषी के दूसरी जाति में शादी का अफसोस है, लेकिन पुलिस के मुताबिक, आपके बेटे ने ही आयुषी को मार डाला, इसकी वजह से बेटे से नाराज नहीं है?

यह सुनकर दोनों के चेहरे फीके पड़ गए। दबी आवाज में सिर्फ इतना कहा- ‘जिस दिन आयुषी गायब हुई, हम घर में नहीं थे।’

पड़ोसियों को गोली चलने की आवाज नहीं आई
आयुषी के घर से निकले तो पड़ोस में ही कुछ महिलाएं आंगनवाड़ी के सामने बैठी थीं। पड़ोसी दिव्या बताती हैं कि हमें इस बात का पता तक नहीं लगा कि हमारे पड़ोस में ही एक लड़की का मर्डर हो गया है। कभी गोली चलने की आवाज भी नहीं आई। कई बार पटाखों की आवाज आती रहती है, ऐसे में बंदूक की आवाज हमें याद नहीं।

मैंने एक और महिला से यही सवाल किया, जवाब मिला- ‘नहीं, हमें तो शक तक नहीं हुआ। 17 और 18 नवंबर दोनों ही दिन आयुषी के पिता मोहल्ले में शराब पीकर घूम रहे थे। इनका पूरा परिवार काफी अजीब है। मोहल्ले में कोई भी उनसे बात नहीं करता। आयुषी हमें कभी कभी आते-जाते दिख जाती थी। वो मुस्कुराकर हाय-हैलो जरूर करती थी।’

बूढे मां-बाप को मारता था नीतेश, आज वही बेटे को बचा रहे
दिव्या ने बताया, ‘ये पहली बार नहीं है कि उस घर में कोई बवाल हुआ है। आयुषी के पिता को शराब पीकर हंगामा करने की आदत थी। एक बार उसने शराब पीकर अपने पिता को इतना मारा कि उनके सिर से खून बहने लगा। मेरे पति दौड़कर उनके घर पहुंचे और मामला शांत कराया। वो आदमी अपनी मां को भी खूब मारता था। आज वहीं बूढे मां-बाप अपने बेटे को बचाने में लगे हैं।’

पड़ोस की एक दूसरी महिला बताती हैं, ‘मेरे पति ने एक फोटो मुझे वॉट्सऐप पर भेजी, जिसमें अंकिता की लाश बैग में दिख रही थी। देखकर ही मैं कांप गई। हम एक नजर में उसे पहचान गए थे। एक घंटे के अंदर पुलिस आ गई। जब से हमें पता चला कि हमारे पड़ोस में ये सब हो गया- हमसे दो दिन तक खाना नहीं खाया गया। कोई कैसे अपनी बेटी के साथ ये कर सकता है।’

मथुरा पुलिस ने पड़ोसियों के CCTV कैमरों से डेटा लिया
मथुरा पुलिस की जांच का दायरा बदरपुर से मथुरा तक है। वह क्राइम की चेन ऑफ इवेंट बनाने की कोशिश कर रही है। बरदपुर में आयुषी के घर के आसपास रहने वालों के घर पर लगे CCTV से फुटेज लिए जा रहे है।

पड़ोसी महिला पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताती है, ‘मथुरा क्राइम ब्रांच के लोग मेरे घर आए थे। घर के बाहर CCTV कैमरा लगा है, फुटेज ले गए हैं। पुलिस वाले बीच-बीच में फोन करके आयुषी के पिता से भी बात कर रहे थे और पूछ रहे थे कि कहां से सूटकेस ले गए थे, फिर उस गली में भी जाकर पूछताछ की।’

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला, आयुषी प्रेग्नेंट नहीं थी
पुलिस के मुताबिक, 17 नवंबर को आयुषी ने घर में बताया कि वो प्रेग्नेंट है। हालांकि, ये बात सही नहीं थी। शायद उसने मां-पिता को मनाने के लिए झूठ बोला था। आयुषी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि वो प्रेग्नेंट नहीं थी। हालांकि, यही आयुषी की सबसे बड़ी गलती साबित हुई।